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समस्तीपुरः भूख प्यास से तड़प रहे बाढ़ पीड़ित, अब तक नहीं पहुंची प्रशासनिक मदद

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Published : Aug 11, 2020, 7:36 PM IST

Updated : Aug 31, 2020, 10:22 PM IST

बिहार में लोगों को हर साल बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़ती है. सरकार प्रभावित लोगों तक मदद पहुंचने के लाख दावे कर रही है, लेकिन सब खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं.

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समस्तीपुरः बिहार में कई जिले इन दिनों बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं. राज्य के 14 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. जिले में गंडक नदी के किनारे बसे सैंकड़ों परिवारों के घर बाढ़ में बह गए. जिससे यहां के लोग तटबंध पर खुले आसमान के नीचे जीने को मजबूर हैं. बाढ़ प्रभावित लोगों के पास न तो खाने के लिए राशन है और न रहने के लिए छत, लेकिन इनकी सुध लेने के लिए अब तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचा है.

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बाढ पीड़ित

दाने दाने को मोहताज
गंडक नदी के किनारे करीब छह सौ से अधिक परिवारों का कच्चा व पक्का मकान था, जिसे बाढ़ का पानी अपने साथ बहा ले गया. लोग एक सप्ताह से तटबंध पर शरण लेकर रह रहे हैं. स्थानीय लेगों ने बताया कि उनका जो भी सामान और राशन था वह बाढ़ के पानी में डूब गया. जिससे अब वे दाने दाने को मोहताज हो गए हैं.

देखें रिपोर्ट

नहीं मिल रही मदद
मगरदही घाट से लेकर बहादुरपुर घाट तक के लोग तटबंध पर शरण लिए हुए हैं. इन विस्थापित लोगों को उम्मीद थी कि जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि इनकी सुध लेंगे. मौसम की बेरुखी के बीच किसी तरह फटे पुराने कपड़े के तंबू में ये परिवार जिंदगी बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं, लेकिन इन्हें अभी तक किसी तरह की कोई मदद नहीं मिल रही है.

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बाढ़ का पानी

अधिकारियों की लापरवाही
बता दें कि बाढ़ से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी विभागों के साथ बैठक की थी. इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए थे. भले ही सरकार के मंत्री बाढ़ पीड़ितों तक मदद पहुंचने का दावा कर रहे हो, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से लोगों की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है.

Last Updated : Aug 31, 2020, 10:22 PM IST
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