समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर रेल मंडल (Samastipur Railway Division) के पूर्णिया कोर्ट स्टेशन से इंजन स्क्रैप मामले ( Samastipur Engine Scrap Case) की जांच के लिए रेलवे की स्पेशल जांच टीम की गठन के महीनों बाद भी आरोपी इंजीनियर राजीव रंजन झा (Accused Engineer Rajeev Ranjan Jha) समेत एक अन्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि, स्पेशल जांच टीम की पड़ताल सुस्त पड़ गई है या फिर आरोपी इंजीनियर को बचाने की कोशिश की जा रही है. फिलहाल आरोपी इंजीनियर मामले में फरार चल रहा है.
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बता दें कि, समस्तीपुर रेल डिवीजन में स्क्रैप चोरी का सबसे हाईप्रोफाइल मामला महीनों से अधर में अटका हुआ है. मामले का मुख्य आरोपी डीजल शेड (Samastipur Loco Diesel Shed) का सीनियर सेक्सन इंजीनियर आर आर झा व एक अन्य आरोपी सुशील कुमार यादव का कोई अता-पता नहीं है. वैसे रेलवे की स्पेशल जांच टीम ने चोरी इंजन स्क्रैप जरूर ढूंढ निकाला है और इससे जुड़े स्क्रैप ठेकेदार व उसके कुछ कर्मी की गिरफ्तारी भी हुई है. लेकिन बड़ा सवाल यह कि, आखिर लाख कोशिशों के बावजूद इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड जांच टीम के हत्थे क्यों नहीं आ रहा है?
वहीं, मामले की जांच में देरी और आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से डिवीजन कार्यालय में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. लोग यह भी कह रहे हैं कि, आरोपी इंजीनियर को बचाने के लिए डिवीजन का एक बड़ा तबका लगा है. वैसे इस मामले की जांच में जुटी स्पेशल टीम ने, कोर्ट से गिरफ्तारी का वारंट लेकर आरोपी इंजीनियर के समस्तीपुर, भागलपुर, तारापुर और पटना आवास पर छापेमारी की है. वहीं, अन्य आरोपी सुशील के मधेपुरा आवास पर भी छापेमारी की गई है. अब इस मामले में जांच टीम आरोपी को भगोड़ा घोषित कर कुर्की जब्ती की कार्रवाई कर सकती है.
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दरअसल, पूरा मामला 14 दिसंबर 2021 का है, जब लोको शेड के इंजीनियर व अन्य सहयोगी ने फर्जी मेमो के आधार पर समस्तीपुर रेल डिवीजन के पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर रखे इंजन का स्क्रैप बेच दिया था. वहीं, लोको शेड में तैनात एक महिला सिपाही ने इस स्क्रैप चोरी मामले का खुलासा किया था. जिसके बाद रेलवे प्रशासन हरकत में आयी और मामले को लेकर स्पेशल जांच टीम का गठन किया गया लेकिन महीनों बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है.
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