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BPSC टॉपर गौरव का पैतृक गांव में जोरदार स्वागत, कहा- जीवन में धर्य रखना बेहद जरूरी

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Published : Oct 16, 2021, 10:04 AM IST

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बीपीएससी 65वीं परीक्षा के टॉपर गौरव सिंह शुक्रवार को सासाराम के अपने चमरहा गांव पहुंचे. टॉप करने के बाद पहली बार गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने गौरव सिंह का बैंड-बाजा के साथ भव्य स्वागत किया गया.

रोहतास: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) 65वीं का फाइनल रिजल्ट (BPSC Result) जारी हो गया है. इस परीक्षा में रोहतास जिले के गौरव सिंह (BPSC topper Gaurav Singh) ने पूरे प्रदेश में टॉप किया है. वहीं, टॉपर गौरव सिंह अपने गांव शिवसागर के चमराहा पहुंचे. जहां उनका भव्य तरीके से स्वागत किया गया.

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टॉपर गौरव सिंह का सम्मान और बैंड-बाजा के साथ गांव में प्रवेश कराया गया. जैसे ही टॉपर की गाड़ी गांव पहुंची लोगों ने अपने होनहार बेटे का जोरदार स्वागत किया. परिजनों ने माला-फूल पहनाकर स्वागत किया. गौरव की मां शशि सिंह ने उनकी आरती उतारी और उन्हें अपने हाथों से मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी. इससे पहले पूरे गांव में गौरव के सम्मान में जुलूस निकाला गया था.

देखें रिपोर्ट.

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बीपीएससी की परीक्षा में अव्वल रहे गौरव सिंह ने बताया कि भारतीय संस्कृति में पारिवारिक ढांचा इतना मजबूत होता है कि उनके पिता के निधन के बाद भी उन्हें कभी भी परिवार की कमी महसूस नहीं हुई. उन्होंने ननिहाल में रहकर ही पठन-पाठन पूरा किया और बीपीएससी जैसे प्रतिष्ठित परीक्षा में बिहार में अव्वल होने का गौरव प्राप्त हुआ.

उन्होंने बीपीएससी समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां कर रहें छात्रों को संदेश देते हुए कहा कि जरूरी नहीं कि पहली बार में ही सफलता हासिल हो अपने लक्ष्य पर डटे रहें. असफल होने पर निराश न हो. धैर्य और ईमानदारी से प्रयास करने पर निश्चित तौर पर सफलता आपके कदम चूमेगी.

'यूपीएससी और बीपीएससी की तैयारी में थोड़ा समय लगता है. पेशेंस के साथ परीक्षा देना चाहिए. हो सकता है आप एक दो बार फेल हो जाए. लेकिन उससे कुछ सिखने को मिलता है. भारतीय संस्कृति में पारिवारिक ढांचा इतना मजबूत है कि हमें ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ा.' -गौरव सिंह, बीपीएससी टॉपर

बता दें कि बिहार लोक सेवा आयोग 65वीं परीक्षा में गौरव सिंह ने पूरे प्रदेश में टॉप किया है. नंबर वन रैंक लाने वाले गौरव ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, लेकिन नौकरी छोड़कर सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी थी. ईटीवी भारत की टीम से बातचीत में पेशे से शिक्षिका मां ने बताया था कि पिता की मौत के बाद मैंने ही पूरी तरह से पढ़ाया. सिर्फ सेल्फ स्टडी के बदलौत इस परीक्षा में नंबर वन आया है.

गौरव की मां ने बताया कि गौरव शुरू से ही संघर्ष करता रहा है. 5वीं कक्षा तक उसकी पढ़ाई गांव में हुई है. फिर बनारस में 12वीं तक पढ़ाई की. जिसके बाद उन्होंने कलिंगा यूनिवर्सिटी भुनेश्वर से बीटेक किया. उन्होंने बताया कि सेल्फ स्टडी से उन्होंने ये सफलता हासिल की है. ये उसकी अंतिम मंजिल नहीं हैं. सफर में और आगे जाना है.

बता दें कि 65वीं BPSC में 14 विभागों में 423 पदों पर नियुक्ति की जानी है. इस साल सबसे अधिक ग्रामीण विकास पदाधिकारी के 110, बिहार शिक्षा सेवा के 72, डीएसपी के 62 पद हैं. जिनकी नियुक्ति को लेकर रिजल्ट जारी कर दिया गया है. दरअसल, प्रारंभिक परीक्षा के लिए 4 लाख 11 हजार 470 अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा था. 6 मार्च 2021 को प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम आए थे.

वहीं, प्रारंभिक परीक्षा के बाद मुख्य लिखित परीक्षा के परिणाम 30 जून 2021 को घोषित हुए. जिसके बाद मुख्य परीक्षा में कुल 1142 अभ्यर्थी सफल हुए. इसके बाद साक्षात्कार प्रक्रिया शुरू की गई थी. बता दें कि आयोग की ओर से इसके लिए साक्षात्कार प्रक्रिया सितंबर महीने के पहले सप्ताह में ही खत्म किया जा चुका है. इस प्रक्रिया में करीब दर्जनभर अभ्यर्थियों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी. जिसके बाद आयोग ने सभी को मेडिकल जांच कराने का फैसला लिया था.

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