पूर्णिया : आमतौर पर सीमांचल और कोसी के केंद्र पूर्णिया को स्मार्ट सिटी कहा जाता है. सोशल मीडिया पर इस नाम से कई पेज चलाए जा रहे हैं. प्राकृतिक खूबसूरती को लेकर लोगों को अपनी ओर खींचने वाला मिनी दार्जिलिंग अपनी खूबसूरती की बजाए भीषण जाम को लेकर कहीं ज्यादा चर्चा में है. अवैध पार्किंग अब इस जिले के लिए एक सिरदर्द बन चुका है. जिसकी एक बड़ी वजह शहर में पार्किंग एरिया का न होना है.
कैसे दूर होगी शहर की ये लाइलाज बीमारी?
दरअसल, शहर में इंटर करने वाला एंट्री प्वाइंट गुलाबबाग रोड हो या फिर बस स्टैंड और मधुबनी रोड जैसे एग्जिट प्वाइंट. ऐसे व्यस्ततम इलाकों में पार्किंग की समुचित सुविधा न होने से अवैध पार्किंग शहर के लिए प्रचंड समस्या बनकर उभरी है. जिसके चलते जाम शहर के लिए लाइलाज बीमारी बन चुकी है. जिसके मर्ज की दवा अब तक ढूंढ निकालने में निगम प्रशासन नाकामयाब रहा है.
शहर के एंट्री से एग्जिट प्वाइंट तक जाम
गुलाबबाग रोड से सबसे प्रमुख सब्जी बाजार लगे होने के कारण अक्सर ही लोग अपनी गाड़ियों को सड़क किनारे पार्क कर देते हैं. जिसके चलते जिला मुख्यालय तक जाने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ट्रैफिक की यही स्थिति गुलाबबाग मार्ग से होकर जिला मुख्यालय को जाने वाली लाइन बाजार रोड, सदर अस्पताल मार्ग, फोर्ड कंपनी चौक, गिरिजा चौक, आस्था मंदिर रोड़, जेल चौक रोड़, टैक्सी स्टैंड रोड़ से होकर आरएन शॉ चौक जाने वाली सड़क की है. जहां सड़क किनारे पार्क की जाने वाली सैकड़ों गाड़ियां अवैध पार्किंग का कारण बनती हैं.
अधिकारियों को भी होती है परेशानी
ऐसा नहीं कि इस जाम की खबर अधिकारियों को नहीं है. आर एन शॉ चौक से समाहरणालय रोड में ही डीएम, एसपी, विकास भवन, विभिन्न विभागों के कार्यपालक अभियंता कार्यालय ,एसडीओ दफ्तर समेत कई अहम सरकारी दफ्तर मौजूद हैं. इसी मार्ग में जिला परिषद, नगर निगम, परिवहन विभाग, आईजी व प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय है. यानी सभी को जानकारी है लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं देता है.
लाइन बाजार रोड की स्थिति भी खराब
शहर के ऐसे ही व्यस्ततम इलाकों में से एक है लाइन बाजार रोड. मेडिकल हब होने के कारण जिले के अलावा कोसी और सीमांचल के 7 जिले के लोग लाइन बाजार आते हैं. यहां हजारों निजी अस्पताल, क्लिनिक, पैथोलॉजी समेत दवाई दुकानें हैं. बावजूद इसके पार्किंग एरिया डेवलप न होने से गाड़ियां सड़क किनारे ही पार्क कर दी जाती हैं. जाम की कुछ ऐसी ही विकराल मार झेलने वालों में खुश्कीबाग मोड़, गिरिजा चौक, जेल चौक,आर एन शॉ चौक, भट्टा बाजार, रजनी चौक, लखन चौक, कचहरी रोड़, बस स्टैंड, मधुबनी बाजार शामिल हैं.
अवैध पार्किंग पर होती है कार्रवाई
ट्रैफिक कंट्रोल से मिले आंकड़ें के मुताबिक प्रत्येक माह अवैध पार्किंग में लगी करीब 200 गाड़ियां जब्त की जाती हैं. इनमें सबसे अधिक ऑटो व कार पकड़े जाते हैं. सितंबर से नवंबर तक सड़क किनारे खड़ी बाइक, कार, ऑटो और ट्रक और ट्रैक्टर को मिलाकर 576 गाड़ियां जब्त की गईं.
विकसित किए जाएंगे पार्किंग स्लॉट्स
इस बाबत ईटीवी भारत से खास बातचीत में नगर आयुक्त विजय कुमार सिंह ने बताया कि निगम इस गंभीर समस्या को लेकर संजीदा है. अवैध पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए जल्द ही सदर अस्पताल के सामने की सड़क किनारे की जमीन को पार्किंग एरिया के तौर पर विकसित करने की योजना है.