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पूर्णिया: कांवरियों के शव पहुंचते ही गांव में पसरा मातम, आर्मी ऑफिसर के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़

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Published : Jul 26, 2019, 12:47 PM IST

आर्मी ऑफिसर के घर में पसरा मातमी नजारा हर किसी की रोंगटे खड़े कर देने वाला था. वीर सपूत के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी.

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

पूर्णिया: झारखंड के दुमका में भीषण सड़क हादसे में मारे गए तीन कांवरियों का शव गुरुवार की देर शाम उनके घर सपहा गांव पहुंचा. मरने वालों में जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर तैनात आर्मी ऑफिसर तरुण कुमार मंडल सहित दो अन्य कांवरियां शामिल थे. ये सभी बासुकीनाथ मंदिर से जलाभिषेक कर वापस लौट रहे थे तभी ये हादसा हुआ.

इस भीषण सड़क हादसे में जहां एक कांवरिये का सर धड़ से अलग हो गया, वहीं दूसरे के सर के ऊपरी हिस्से की पसलियां सड़कों पर तितर-बितर हो गई. घटना के कुछ ही क्षण बाद तीसरे ने भी दम तोड़ दिया.

कांवरियों के शव पहुंचते ही गांव में पसरा मातम

चारो ओर पसरा माताम
आर्मी ऑफिसर तरुण कुमार मंडल, ऑटो चालक सुभाष मंडल और अनिल मंडल का शव पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही इनके गांव पहुंचा, चारों ओर मातम छा गया. पूरे गांव में चीखें गूंजने लगी. क्या अपना क्या पराया, हर कोई आंखों से गिरते आंसूंओं को रोक नहीं रोक सका.

अंतिम दर्शन के लिए लोगों की उमड़ी भीड़
एक ही झटके में तीन परिवारों के घरों के चिराग बुझ गये. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. महज सपहा ही नहीं, बल्कि जिस किसी को इस दर्दनाक घटना की सूचना मिली, तरुण मंडल के अंतिम दर्शन के लिए लोग उमड़ पड़े. दर्दनाक हादसे का शिकार बने सेना के जवान सहित अन्य दोनों कांवरियों को लोगों ने नम आंखों से विदाई दी.

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
आर्मी ऑफिसर के घर में पसरा मातमी नजारा हर किसी की रोंगटे खड़े कर देने वाला था. चारों ओर विलाप, दहाड़ और तड़प की गूंज थी. बेटा अभिषेक और बेटी खुशबू आंखों में आंसू लिए अपने पापा के लौट आने की गुहार लगा रहे थे. पत्नी सहित पूरा परिवार अपना होश गवां बैठा था. सुभाष मंडल और अनिल मंडल के घर पर भी मातम पसरा था.

जलाभिषेक कर लौटने के दौरान हुआ था हादसा
पूर्णिया के 9 कांवरियों के लिए वेडनसडे ब्लैक साबित हुआ. हाइवा ऑटो की सीधी टक्कर ने 3 शिवभक्तों की जान ले ली थी जबकि 6 गंभीर रूप से घायल हो गए थे. बताया जाता है कि चार रोज पहले ही आर्मी ऑफिसर तरुण छुट्टी लेकर सावन में जलाभिषेक करने को लिए गांव पहुंचे थे. जलाभिषेक कर लौटने के क्रम में दुमका जिले के हंसडीहा थानांतर्गत बनियारा गांव के पास हाइवा और कांवरियों से भरी ऑटो की सीधी टक्कर हो गई.

Intro:बासुकीनाथ मंदिर से जलाभिषेक कर लौटने के क्रम में भीषण सड़क हादसे में जान गंवाने वाले जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर तैनात
आर्मी ऑफिसर तरुण कुमार मंडल सहित दो अन्य कांवरियों का शव गुरुवार देर शाम जैसे ही इनके गांव सपहा पहुंचा। चारो ओर मातम ,चींखें और विलाप पसर गई। अपनों को खोने के बाद
जहां घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं एक झटके में तीन परिवारों के घरों के चिराग बुझ जाने से लोगों को यह समझ नहीं आ रहा था। कि आखिर अचानक ये क्या हो गया।

(स्क्रिप्ट मोजो से विसुअल bihar desk मेल पर सेंड की गई है।






Body:कांवरियों का शव गांव पहुंचते ही गूंजने लगी चीखें..

दरअसल झारखंड के दुमका में हाइवा ऑटो की सीधी टक्कर में जान गंवाने वाले आर्मी ऑफिसर तरुण कुमार मंडल समेत
सुभाष मंडल (ऑटो चालक) ,अनिल मंडल नाम के दो अन्य कांवरियों का शव पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही इनके गांव सपहा
पहुंची। क्या अपने क्या पराए हर कोई आंखों से गिरते आसूंओं को रोके नहीं रोक सका। एक साथ गांव के 3 लोगों की आकस्मिक दर्दनाक मौत देख चारो ओर चीखें ,मातम और बिछुड़न से जुड़ी विलाप मची हुई थी।


जांबाज आर्मी ऑफिसर को देखने उमड़ी हजारों की भीड़...


वहीं महज सपहा ही नहीं बल्कि जिस किसी को इस दर्दनाक घटना के साथ ही जम्मू-कश्मीर की सरहद पर सेवा देने वाले एक जांबाज आर्मी अफसर की इस भीषण सड़क दुर्घटना में मारे जाने की कानो-कान खबर मिली। इस वीर सपूत की अंतिम दर्शन के लिए जहां सपहा में हजारों की भीड़ जुटी रही। वहीं दर्दनाक हादसे का शिकार बने सेना के जवान सहित अन्य दोनों कांवरियों के शव को लोगों ने नम आंखों से बिदाई दी। इस अंतिम यात्रा में ऐसी भीड़ जुटी जिसे इससे पहले शायद ही कभी इस गांव के लोगों ने देखा था। वहीं जिस वक्त गांव के इन तीन लाल की अंतिम यात्रा निकाली चींटियों तक के पैर रखने की जगह नहीं बची थी।


पत्नी दो बच्चे सहित पीछे छोड़ गए रोता-बिलखता परिवार...


वहीं आर्मी अफसर के घर में पसरा मातमी नजारा हर किसी की रोंगटे खड़े करने वाला था। विलाप ,दहाड़ और तड़प की नाजुक इस घड़ी में चिता में लेटे एक पिता को उनका बेटा अभिषेक और बेटी खुशबू आंखों में आंसू और आसुंओं में तड़प लिए अपने पापा के लौट आने को गुहार लगा रहा था। तो वहीं चिता में सजे अपने पति परमेश्वर को देख दहाड़ती बिलखती और बेहोश पड़ती एक जांबाज आर्मी ऑफिसर की पत्नी शिव शंभु से खुद को भी अपने पास बुला लेने की दहाड़ लगा रही थी। वहीं कुछ ऐसा ही हाल आर्मी ऑफिसर तरुण की मां ,भाभी और भाइयों सहित बाकी रिश्तेदारों और दोस्तों का था।


किसी को पड़ रहे थे गस्त तो कोई कर रहा था उठकर बोल पड़ने का इंतेजार...


विलाप और अपनो को खोने की तड़प और गम उस ऑटो चालक सुभाष मंडल व सपहा गांव के एक अन्य लाल अनिल मंडल के घर पर भी था। जिनके सर से कमाई का जरिया छीन चुका था। बच्चे के सर से पिता का साया और पत्नी से उसका सुहाग हमेशा-हमेशा के लिए छीन गया था। यहां कोई को सदमें से बार-बार बेहोश हो रहा था। तो वहीं एक मां चिता में लेटे अपने बेटे की उठने और फिर से बोल पड़ने की भ्रांतियां मन ही मन पाले जा रही थीं।


जानें क्या है इस ब्लैक वेडनसडे की घटना..

गौरतलब हो कि पूर्णिया के 9 कांवरियों के लिए वेडनसडे ब्लैक साबित हुआ था। झारखंड के दुमका में हाइवा ऑटो की सीधी टक्कर ने 3 शिवभक्तों की जान ले ली थी जबकि 6 गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वहीं मरने वाले कांवरियों में जम्मू-कश्मीर की सरहद पर देश की रक्षा के लिए जान छिड़कने वाला एक आर्मी ऑफिसर भी था। बताया जाता है कि चार रोज पहले ही आर्मी ऑफिसर तरुण छुट्टी लेकर सावन में जलाभिषेक करने को ले गांव पहुंचे थे। लिहाजा जलाभिषेक कर लौटने के क्रम में दुमका जिले के हंसडीहा थानांतर्गत बनियारा गांव के पास मौत बनकर आ रही हाइवा से कांवरियों से भरे ऑटो की सीधी टक्कर हो गई थी।

घटना से जुड़ी यह है वह छिपा राज जिसे कोई नहीं जानता..


वहीं इस घटना से जुड़े एक अनछुए पहलुओं पर गौर करें तो बाबाधाम और बासुकीनाथ के बाद सभी कांवरियों के बीच मंदिर में दर्शन करने के बाद घर लौटने की बात पक्की हुई। मगर कुछ कांवरियों के न-नुकुर और हड़बड़ी के बाद मंदिर से महज 4 किलोमीटर का फासला रह जाने पर अचानक आधे रास्ते से ही सभी कांवरिये लौट गए। गांव में एक चर्चा यह भी है कि यही गलती इन कांवरियों के लिए मौत बनकर आई। हाइवा और ऑटों की यह टक्कर कितनी जबरदस्त रही होगी। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस भीषण सड़क हादसे में जहां एक कांवरिये का सर धड़ से अलग हो गया है। वहीं दूसरे मृतक के सर के ऊपरी हिस्से की पसलियां सडकों पर तितड-बितड़ हो गई हैं। वहीं कुछ ही देर बात तीसरे ने भी दम तोड़ दिया।


घायल-

नीरज कुमार
विजय मंडल
अजित मंडल
अशोक मंडल
निरंजन मंडल


Conclusion:
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