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Navratri 2021: मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से होती है यश और धन की प्राप्ति

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Published : Oct 14, 2021, 10:36 AM IST

नवरात्रि
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आज नवरात्रि के अंतिम पटना के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है. आज के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना करने की विधि है. इसके साथ ही महाकन्या पूजन भी किया जाता है. एक क्लिक में पढ़ें पूजा करने की विधि-विधान और आरती...

पटना: शारदीय नवरात्रि का आज नौवां दिन (Nine Day Of Navratri) है. इस दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री (Maa Siddhidatri) की पूजा और अर्चना का विधान है. नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. मां सिद्धिदात्री भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं और उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान कराती हैं. शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है. वहीं, पटना में आज नवरात्रि के अंतिम दिन शक्तिपीठ बड़ी पटन देवी मंदिर (Badi Patan Devi Temple In Patna), अगमकुआं शीतला मन्दिर, छोटी पटन देवी मंदिर समेत सभी जगह श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है. जहां मंत्र के उच्चारण के साथ हवन इत्यादि किया जा रहा है.

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हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महानवमी (Navratri Mahanavami) कहा जाता है. महानवमी के दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरुप की पूजा की जाती है. बता दें, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र धृति योग मकर राशि के चंद्रमा में प्रबल गजकेसरी योग के साथ महानवमी का पावन पर्व मनाया जाता है.

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मां सिद्धिदात्री की कृपा से व्यक्ति को सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं. अनहोनी से भी सुरक्षा प्राप्त होता है और मृत्यु पश्चात मोक्ष भी मिलता है. महानवमी के दिन कन्या पूजन और नवरात्रि हवन का भी विधान है. इस दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री रूप की पूजा अर्चना और आरती की जाती है. 'या देवी सर्वभूतेषु माता सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः' इस महामंत्र के द्वारा माता सिद्धिदात्री की उपासना करनी चाहिए.

देखें रिपोर्ट.

माता सिद्धिदात्री चार भुजाओं से युक्त हैं. यह अज्ञानता को दूर कर पूर्णता प्रदान करने वाली है. मुख्य रूप से आठ सिद्धियां मानी गई है और नौ सिद्धियां होती है माता की कृपा से अष्ट सिद्धि को प्राप्त करने का मनुष्य अधिकारी बन पाता है. आज के दिन माता को 9 प्रकार के पुष्प चढ़ाया जाता हैं.

नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए. मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराना चाहिए. इसके बाद पुष्प अर्पित करें. मां को रोली कुमकुम लगाना चाहिए. साथ ही साथ मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाना चाहिए. मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री को मौसमी फल, चना, पूड़ी, खीर, नारियल और हलवा अतिप्रिय है. कहते हैं कि मां को इन चीजों का भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं.

नवरात्रि के नवमी तिथि को बैंगनी या जामुनी रंग पहनना शुभ होता है. यह रंग अध्यात्म का प्रतीक होता है. आज के दिन भी महाकन्या पूजन किया जाता है. नौ कन्याओं को चरण धोकर भोजन कराया जाता है और उन्हें द्रव्य दक्षिणा देकर सम्मान पूर्वक विदा किया जाता है. आज के दिन भोग भंडारा भी करने का विधान है.

भक्तगण यथाशक्ति आयोजन करते हैं. सिद्धिदात्री माता की चार भुजाएं हैं. वाहन है और कमल आसन है. देवी को कमल का पुष्प प्रचुर मात्रा में चढ़ाने से माता प्रसन्न होती है. सिद्धिदात्री ध्यान, मंत्र, सिद्धि, कवच सिद्धिदात्री स्रोत का पाठ करने से जीवन की बाधाएं दूर हो जाती हैं और सभी काम सुगम होने लगते हैं.

मां सिद्धिदात्री आरती-

जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता।

तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता।

तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।

तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।

कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।

जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।

तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।

तू जगदंबे दाती तू सर्व सिद्धि है।

रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।

तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।

तू सब काज उसके करती है पूरे।

कभी काम उसके रहे ना अधूरे।

तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।

रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।

सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।

जो है तेरे दर का ही अंबे सवाली।

हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।

महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।

मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।

भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।

शारदीय नवरात्रि की तिथियां

7 अक्टूबर 2021गुरुवारप्रतिपदा घटस्थापनामां शैलपुत्री पूजा
8 अक्टूबर 2021शुक्रवारद्वितीयामां ब्रह्मचारिणी पूजा
9 अक्टूबर 2021शनिवारतृतीय, चतुर्थीमां चंद्रघंटा पूजा, मां कुष्मांडा पूजा
10 अक्टूबर 2021रविवारपंचमीमां स्कंदमाता पूजा
11 अक्टूबर 2021सोमवारषष्ठीमां कात्यायनी पूजा
12 अक्टूबर 2021मंगलवारसप्तमीमां कालरात्रि पूजा
13 अक्टूबर 2021बुधवारअष्टमीमां महागौरी दुर्गा पूजा
14 अक्टूबर 2021गुरुवारमहानवमीमां सिद्धिदात्री पूजा
15 अक्टूबर 2021शुक्रवारविजयादशमीविजयदशमी, दशहरा
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