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Bihar Economic survey : 'विकास कार्यों पर पड़ा राजस्व स्रोत कमजोर होने असर' आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर बोले नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा

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Published : Feb 27, 2023, 8:15 PM IST

Bihar Budget Session 2023 बिहार के राज्यपाल के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2022 23 रिपोर्ट सदन में पेश किया. वित्त मंत्री ने रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि बिहार विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है. विकास इंडेक्स में बिहार तीसरे नंबर पर है. वहीं नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर पलटवार (Vijay Sinha on the economic survey report) किया. उन्होंने कहा कि आर्थिक मोर्चें पर सरकार की लचर स्थिति का खामियाजा बिहार की विभिन्न विकास परियोजनाओं में देखी जा सकती है. पढ़ें पूरी खबर

नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा
नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा

पटना: बिहार विधानसभा में सोमवार को राज्य के वित्तमंत्री विजय कुमार चौधरी ने आर्थिक सर्वेक्षण-2022-23 पेश (Bihar Economic survey 2022 ) किया. उन्होंने दावा किया कि बिहार विकास की ओर बढ़ रहा है. इधर, विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने आर्थिक सर्वेक्षण पर कहा कि सरकार का राजस्व स्रोत लचर व कमजोर होने का असर विकास कार्यों के साथ ही राज्य के प्रति व्यक्ति आय व राज्य सकल घरेलू उत्पाद (एसजीडीपी) की वृद्धि दर पर भी पड़ा है.

''बिहार की वर्तमान सरकार केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी के तौर पर मिलने वाली राशि व कर्ज के भरोसे चल रही है. बिहार की अर्थव्यवस्था को करोना काल से बाधित आर्थिक गतिविधियां की मार के बाद संभलने का दावा आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 की रिपोर्ट में किया गया है, जबकि हकीकत है कि प्रतिव्यक्ति आय और राज्य सकल घरेलू उत्पाद (एसजीडीपी) की बढ़ोत्तरी में बिहार अब भी देश के कई राज्यों से काफी पीछे हैं.'' - विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष

मानव व भौतिक विकास के स्तर पर बिहार पिछड़ा : नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मानव व भौतिक विकास के स्तर पर भी बिहार काफी पिछड़ा हुआ है. अपराध व भ्रष्टाचार की वजह से भी बिहार में पूंजीगत व्यय की गति धीमी है. उन्होंने कहा कि 2021-22 में राज्य सरकार ने अपने स्रोतों से मात्र 38,839 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रह किया, इसमें करों से संग्रहित राजस्व 34,855 करोड़ रुपए था जबकि राजस्व मात्र 3,984 करोड़ रुपये रहा.

प्रति व्यक्ति आय के मामले में बिहार 15 वें स्थान पर : विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में बिहार अब भी 15 वें स्थान पर है. अर्थव्यवस्था में कृषि प्रक्षेत्र के 21 फीसदी के महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद राज्य सरकार की अनदेखी व उपेक्षा के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति व कृषि उत्पादकता में अपेक्षित सुधार नहीं हो रहा है.

''वर्ष 2021-22 में केन्द्र सरकार से राज्य को कुल 1,29,486 करोड़ रुपये मिलें. इसमें से 91,353 करोड़ रुपये केन्द्रीय करों में राज्य के हिस्से के बतौर तो 28,606 करोड़ रुपये सहायता अनुदान के तौर पर मिला. इसके अलावा 8,527 करोड़ रुपये ऋण के रूप में बिहार को प्राप्त हुआ.'' - विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष

सरकार की टालू नीतियों के कारण बिहार को नुकसान : विजय सिन्हा ने आगे कहा कि केन्द्रीय परियोजनाओं के तौर पर बिहार को विगत 5 वर्षों (2017-22) में 56,560 करोड़ रुपये से अधिक राशि मिली है. राज्य सरकार की उपेक्षा व टालू नीतियों के कारण केन्द्रीय परियोजनाओं को लटका कर रखने, ससमय अपेक्षित जमीन का अधिग्रहण नहीं करने व अन्य सहूलियतें उपलब्ध नहीं कराने की वजह से बिहार को 9,967 करोड़ रुपये की क्षति हुई हैं. पूंजीगत निवेश में राज्य सरकार की अनिच्छा का ही नतीजा है कि यहां प्रतिव्यक्ति औसत आय 2020-21 की 28 हजार 127 रुपये से बढ़ कर 2021-22 में मात्र 30,779 रुपये ही हुआ है.

सिर्फ शिक्षा पर 8 गुना व्यय बढ़ा : बिहार की जीडीपी 2021-22 में 4.28 करोड़, 2020-21 में 3.82 करोड़ तथा 2019-20 में 3.98 करोड़ रहा. बिहार की जीडीपी की वृद्धि दर 10.98 प्रतिशत की तुलना में आन्ध्र प्रदेश का 11.43, राजस्थान का 11.04 प्रतिशत रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में 2005-06 से लेकर 2021-22 के 16 वर्षों में स्वास्थ्य पर 11 गुना व शिक्षा पर 8 गुना व्यय बढ़ा है, इसके बावजूद शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर राज्य के मेडिकल कॉलेजों तक में बदहाली का आलम है.

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