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रेलवे ने आपदा को अवसर में बदला: लॉकडाउन और ट्रेनों की आवाजाही कम होने पर अति महत्वपूर्ण योजनाओं का काम पूरा

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Published : Apr 4, 2021, 10:25 AM IST

East central rail
East central rail

कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद से ही रेलवे ने ट्रेनों के संचालन पर रोक लगा दी थी. लेकिन लॉकडाउन के दौरान मिले खाली समय का रेलवे ने सदुपयोग किया है. पूर्व मध्य रेल द्वारा आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए सभी क्षेत्रों में जैसे नई लाइन, अमान परिवर्तन, दोहरीकरण और विद्युतीकरण के क्षेत्र में कई कार्य पूरा किया गया. 20-21 में लगभग 311 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

पटना: पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने एक कथन में देशवासियों को संदेश दिया था कि आपदा को अवसर में बदलें. यहां आपदा प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के संबंध में इस्तेमाल किया था और लोगों से कहा था कि इस आपदा को कई लोगों ने अवसर माना है और नए कार्य किए हैं. ऐसे ही भारतीय रेलवे ने प्रधानमंत्री मोदी के संदेश को कारगार साबित किया है.

कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद से ही रेलवे ने ट्रेनों के संचालन पर रोक लगा दी थी. लेकिन लॉकडाउन के दौरान मिले खाली समय का रेलवे ने सदुपयोग किया है. ट्रेनों की आवाजाही कम होने पर रेलवे ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का काम पूरा कर लिया है.

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पूर्व मध्य रेल द्वारा आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए सभी क्षेत्रों में जैसे नई लाइन, अमान परिवर्तन, दोहरीकरण और विद्युतीकरण के क्षेत्र में कई कार्य पूरा किया गया. 20-21 में लगभग 311 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया है.

इन जगहों पर हुआ कार्य:-

  • हाजीपुर घोस्वर वैशाली नई रेल लाइन की परियोजना, यह हाजीपुर-सुगौली (150 किलोमीटर नई रेल लाइन) परियोजना का एक भाग है. इस रेलखंड पर ट्रेनों के परिचालन का शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा 18.09. 2020 को किया गया था.
  • 516 करोर रुपये की लागत से 1.9 किलोमीटर लंबी कोसी महासेतु का निर्माण कार्य पूरा किया गया है. देश के प्रधानमंत्री नए पुल का उद्घाटन हरी झंडी दिखाकर किया था.
  • रायगढ़-निर्मली नई रेल लाइन परियोजना के 1.9 किलोमीटर लंबे कोसी ब्रिज के साथ 13 किलोमीटर लंबे सरायगढ़-असनपुर-कुपहा नई लाइन का निर्माण पूरा किया गया.
  • 20-21 में 491 करोर रुपये की लागत से निर्माणाधीन 38 किलोमीटर लंबे समस्तीपुर, दरभंगा दोहरीकरण परियोजना के तहत दरभंगा थलवारा (9 किलोमीटर ) का निर्माण कार्य पूरा किया. इस रेलखंड के मुक्तापुर और किशनपुर के बीच दोहरीकरण का कार्य पहले से ही पूरा किया जा चुका है.
  • 160 किलोमीटर लंबे रमना-सिंगरौली दोहरीकरण मुख्य परियोजना के रमना-नगरउंटारी (11 किमी) नगरउंटारी से विंढमगंज 12 किलोमीटर तक का कार्य पूरा किया गया.
  • पूर्व मध्य रेल में 20 -21 में लगभग 1475 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से सकरी लौकहा बाजार, निर्मली, सहरसा, फारबिसगंज (206 किलोमीटर) मुख्य रेल परियोजना के एक 11 किलोमीटर लंबे सरायगढ़-राघोपुर एवं 9 किलोमीटर लंबे, झंझारपुर तमुरिया रेलखंड का आमान परिवर्तन का कार्य पूरा किया.
  • ट्रेनों की संरक्षित और बाधारहित परिचालन की दिशा में भी वित्तीय वर्ष 20-21 में काफी कार्य किए गए हैं, जिनमें बछवारा यार्ड मॉडलिंग, मुजफ्फरपुर आरआरआई सहित अन्य कई स्टेशनों पर पैनल इंटरलॉकिंग, इलेक्ट्रॉनिक, इंटरलॉकिंग प्रणाली स्थापित किए गए हैं.

पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल पूरी तरह विद्युतकृत
पूर्व मध्य रेल के पांच मंडलों में से समस्तीपुर मंडल के कुछ रेल खंडों को छोड़कर शेष चार मंडल शत-प्रतिशत विधुतीकृत किए जा चुके हैं. पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल को भारतीय रेल का पहला शत-प्रतिशत विद्युतकृत रेल मंडल होने का गौरव प्राप्त है. इस प्रकार पूर्व मध्य रेल के कुल 4220 रूट किलोमीटर में से 3640 रूट किलोमीटर का विधुतीकृत किया जा चुका है और शेष कार्य में 2021 के अंत तक पूरा होने की संभावना है. इसके साथ ही 2021 के दौरान 40 किलोमीटर लंबे समस्तीपुर किशनपुर डबल लाइन किशनपुर दरभंगा सिंगल लाइन का विद्युतीकरण किया गया.

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