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बिहार की हवा खराब: देश के टॉप 10 प्रदूषित शहरों में ये तीन शहर

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Published : Nov 12, 2022, 8:38 AM IST

Updated : Nov 12, 2022, 9:19 AM IST

Bihar AQI बिहार की राजधानी पटना समेत प्रदेश के अन्य शहर भी प्रदूषण की चपेट में हैं. बिहार के सिवान, बेतिया और मोतिहारी की हवा बहुत खराब है. शुक्रवार को CPCB ने देश के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की है. हवा में धूलकण की मात्रा काफी बढ़ गई है. इसकी वजह से कई शहरों की हालत खराब है. पढ़ें पूरी खबर...

air quality index
air quality index

पटनाः बिहार में ठंड बढ़ने से बिहार का मौसम भी बदल रहा है. मौसम में बदलाव से वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा (AQI Level In Bihar Today) है. राजधानी पटना सहित राज्य के कई जिलों में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. बिहार की वायु गुणवत्ता (Bihar Air Quality) शुक्रवार को मौसम के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई, क्योंकि राज्य के तीन शहरों सिवान, बेतिया और मोतिहारी में "गंभीर" वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दर्ज किया गया, जो पूरे देश में सबसे खराब था.

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के जारी आंकड़ों के मुताबिक, बिहार के मोतिहारी और सीवान में 418 और 412 पर 'गंभीर' एक्यूआई दर्ज किया गया. साथ ही पश्चिम चंपारण जिले का मुख्यालय शहर बेतिया में शाम 4 बजे एक्यूआई 395 दर्ज किया, वह भी शाम 5 बजे के बाद 403 के साथ 'गंभीर' श्रेणी में चला गया. ऐसे में मोतिहारी, सिवान और बेतिया देश भर के 177 शहरों में 'गंभीर' AQI वाले बिहार के एकमात्र शहर थे.

CPCB के आंकड़ों के मुताबिक, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, बेगूसराय, सहरसा, छपरा, पूर्णिया और कटिहार सहित बिहार के कम से कम 10 शहरों में 310 से 390 के बीच 'बहुत खराब' एक्यूआई दर्ज किया गया.

कई जिलों में वायु प्रदूषण ज्यादाः प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दावा किया था कि वायु प्रदूषण को लेकर उपाय किए जाएंगे पर वह नहीं दिखा रहा. राज्य के कई जिलों में वायु प्रदूषण हो गया है और लोग दूषित वायु सांस के रूप में लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं. इस साल अप्रैल महीने से ही डीजल संचालित ऑटो को पूरी तरह से बंद कर दिया गया. उसके बाद वायु प्रदूषण का स्तर कम हुआ था.

"इन दिनों एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब होने के पीछे कई कारण है. बिहार की भौगोलिक संरचना ही ऐसी है कि जब गर्मी का मौसम समाप्त हो रहा होता है और ठंड का आगमन हो रहा होता है उस समय हवा में धूल कण की मात्रा बढ़ जाती है. यहां अधिकांश हिस्सों में सॉफ्ट स्वायल है जो आसानी से धूल कण बन जाते हैं. यह भी प्रदूषण को बढ़ाता है. शहरों में जो प्रदूषण का स्तर दिखता है वह ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही गतिविधियों की वजह से होता है. इसके अलावा भी प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कई कारण हैं " - डॉ. अशोक कुमार घोष, अध्यक्ष, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

अस्थामा के रोगियों की बढ़ जाती है परेशानीः पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी बताते हैं कि हवा में प्रदूषण का लेवल सांस संबंधित कई बीमारियों को बढ़ाता है. अस्थमा के मरीजों की समस्याओं को और बढ़ाता है. इसके अलावा हवा में प्रदूषण हार्ट अटैक का भी एक प्रमुख कारण है.

''ब्रिटिश मेडिकल काउंसिल के पूर्व वैज्ञानिक और स्वीडन के उपासला यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. राम एस उपाध्याय ने अपने हालिया रिसर्च में बताया है कि प्रदूषण गर्भवती महिला और उसके बच्चों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है. हवा में प्रदूषण की वजह से एक गर्भवती महिला का ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ जाता है. जिस वजह से वह सामान्य से काफी कम वजन के बच्चों को जन्म देती है इसके साथ ही जच्चा और बच्चा को कैंसर होने का भी संभावना बना रहता है.'' - डॉ. दिवाकर तेजस्वी, पटना के वरिष्ठ चिकित्सक

क्या है एयर क्वालिटी इंडेक्सः बता दें कि एक्यूआई (Air Quality Index) 50 के नीचे हो तो हवा सबसे अच्छी होती है. 50 से 100 के बीच संतोषजनक और 100 से ऊपर जाने पर इसे प्रदूषित माना जाता है. 100-200 के बीच एक्यूआई को संतुलित, 200-300 के बीच खराब, 300-400 तक बहुत खराब और 400 से ऊपर खतरनाक स्तर होता है. एक्यूआई जितना ज्यादा होगा, लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां ज्यादा होने लगेंगी.

Last Updated : Nov 12, 2022, 9:19 AM IST
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