पटना: बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार (Senior IAS officer Sudhir Kumar) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के खिलाफ जालसाजी के मामले में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए शनिवार को पटना के एससी-एसटी थाना पहुंचे. करीब चार-पांच घंटा इंतजार करने पर भी एफआईआर दर्ज नहीं किया गया.
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इस मामले में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि इतने बड़े अधिकारी बचकानी हरकत नहीं कर सकते. वह थाने में बैठे रहे और एफआईआर दर्ज नहीं की गई. वह जिन दस्तावेजों को लेकर आए थे उन्हें मुख्यमंत्री आवास पहुंचाया गया. मुख्यमंत्री अपने लीगल टीम के साथ बैठकर दस्तावेजों को देख रहे हैं. जरूर कुछ न कुछ ऐसा है, जिसके कारण एफआईआर दर्ज नहीं होने दिया जा रहा है.
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "नीतीश कुमार इस मामले में क्यों कुछ नहीं बोलते? उन्हें बताना चाहिए कि क्या आरोप हैं. जिस पर आरोप लग रहा है क्या वह तय करेगा कि उस पर एफआईआर होना चाहिए या नहीं? क्या ऐसे कानून का राज चलेगा? यह बहुत ही निंदनीय घटना है. मुख्यमंत्री और डीजीपी अपने कर्तव्यों को निभाएं. एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. जांच होनी चाहिए. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं किया तो उन्हें डर किस बात का है? कुछ न कुछ गड़बड़ है तभी तो एफआईआर नहीं हो रहा है."
तेजस्वी यादव ने कहा, "कानून के सामने सभी बराबर हैं. डर किस बात का है? क्यों ऐसे छिपे हुए हैं? क्यों एफआईआर नहीं होने दे रहे हैं? मुख्यमंत्री ईमानदार हैं तो पता चल जाएगा, लेकिन यह बात दूर तक जा रही है. नीतीश कुमार के मंत्री, भाजपा के विधायक और आईएएस ऑफिसर मुख्यमंत्री और उनके निजी अधिकारियों पर आरोप लगा रहे हैं. दाल में कुछ न कुछ काला है. मुझ पर हत्या का केस हुआ तो मैंने कहा था कि जांच होनी चाहिए."
तेजस्वी ने कहा, "इस प्रकार की घटना हो रही है तो आप कल्पना कर सकते कि बिहार में किस प्रकार का सुशासन चल रहा है. यहां तानाशाही चल रही है. भ्रष्ट लोगों को जिम्मेदारी दी गई है. ईमानदार लोगों को डराया-धमकाया जा रहा है. डीजीपी से मेरा निवेदन है कि मुख्यमंत्री हो या कोई और, शिकायत दर्ज होनी चाहिए. मुख्यमंत्री हैं तो क्या कोई शिकायत दर्ज नहीं होगी? नीतीश कुमार पद का दुरुपयोग कर रहे हैं. बात-बात पर हमको कहते थे कि स्पष्ट (Explain) कर दीजिए. अब हमलोग कह रहे हैं कि अब थोड़ा स्पष्ट कर दीजिए.
"आज एक आईएएस अधिकारी अपना केस दर्ज नहीं करा पा रहे हैं. इससे पता चलता है कि बिहार में किस प्रकार की तानाशाही चल रही है. हमने नहीं देखा कि इस तरह से मुख्यमंत्री पर आरोप लगता हो और तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा हो. शिकायत दर्ज नहीं हो रही है."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
गौरतलब है कि आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार एफआईआर दर्ज करवाने के लिए एससी-एसटी थाना पहुंचे थे. पहले तो उन्हें थानाध्यक्ष से मुलाकात करने के लिए काफी इंतजार करना पड़ा. फिर करीब चार से पांच घंटों के इंतजार के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई.
सुधीर कुमार ने कहा, "बारह बजे से चार बज गया है, लेकिन अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. हमें सिर्फ एक रिसिप्ट दे दिया गया है और कहा गया है कि एफआईआर बाद में दर्ज करेंगे. यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य कई अफसरों पर जालसाजी और झूठा कागजात बनाने का मामला है. दारोगा जी कह रहे हैं कि अंग्रेजी में लिखा होने के कारण हमें समझ में नहीं आ रहा है. नीचे से उपर तक के लोगों के नाम हैं. बिना एफआईआर लिखे हम नाम का उजागर नहीं करेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री का भी नाम इसमें है."
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