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तेजस्वी ने NEET परीक्षा में OBC के लिए आरक्षण का उठाया मुद्दा, पूछा- मोदी जी OBC से घृणा क्यों?

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Published : Jul 14, 2021, 6:41 PM IST

नीट (NEET) एग्जाम के जरिये मेडिकल संस्थानों में होने वाले एडमिशन में ओबीसी छात्रों को आरक्षण की सुविधा नहीं मिल पा रही है. जिसे लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. तेजस्वी ने बुधवार को ट्वीट कर देश के प्रधानमंत्री से पूछा कि मोदी जी ओबीसी से घृणा क्यों?

Tejashwi Yadav on Reservation for obc
Tejashwi Yadav on Reservation for obc

पटना: केंद्र सरकार ने 11 सितंबर को नीट परीक्षा (Neet Exam Date 2021) के आयोजन की घोषणा की है. इस घोषणा के साथ ही तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. तेजस्वी यादव ने मेडिकल परीक्षा के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा खत्म करने के लिए केंद्र की आलोचना की है.

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तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा है मोदी सरकार ने मेडिकल एंट्रेंस #NEET के अखिल भारतीय कोटा में पिछड़ों का आरक्षण लागू किए बिना ही प्रवेश परीक्षा की घोषणा कर हज़ारों पिछड़े/अतिपिछड़े वर्गों की पीठ में ख़ंजर घोंपने का काम किया है.

BJP, RSS और केंद्र सरकार, पिछड़े वर्गों के सभी हक़ों को छिन उन्हें हलाल कर रही है.

  • मोदी सरकार ने मेडिकल एंट्रेंस #NEET के अखिल भारतीय कोटा में पिछड़ों का आरक्षण लागू किए बिना ही प्रवेश परीक्षा की घोषणा कर हज़ारों पिछड़े/अतिपिछड़े वर्गों की पीठ में ख़ंजर घोंपने का काम किया है।

    BJP, RSS और केंद्र सरकार, पिछड़े वर्गों के सभी हक़ों को छिन उन्हें हलाल कर रही है। https://t.co/3xR3HjQZMy

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 14, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एक और ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा है मोदी सरकार क्यों नहीं चाहती कि पिछड़े वर्गों के छात्र डॉक्टर बने? आख़िर भाजपा को देश के 60% फ़ीसदी से अधिक आबादी वाले पिछड़े/अतिपिछड़ों से नफ़रत क्यों है?

नीतीश कुमार जैसे BJP के सहयोगी #NEET परीक्षा में पिछड़ों का आरक्षण ख़त्म करवाने पर क्यों तुले है? मोदी जी OBC से घृणा क्यों?

  • मोदी सरकार क्यों नहीं चाहती कि पिछड़े वर्गों के छात्र डॉक्टर बने? आख़िर भाजपा को देश के 60% फ़ीसदी से अधिक आबादी वाले पिछड़े/अतिपिछड़ों से नफ़रत क्यों है?

    नीतीश कुमार जैसे BJP के सहयोगी #NEET परीक्षा में पिछड़ों का आरक्षण ख़त्म करवाने पर क्यों तुले है? मोदी जी OBC से घृणा क्यों? pic.twitter.com/ykkSgRxeIH

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 14, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आपको बता दें कि अखिल भारतीय कोटा के तहत ओबीसी उम्मीदवारों के लिए आरक्षण केवल केंद्रीय संस्थानों तक ही सीमित है. तेजस्वी यादव ने अपने एक ट्वीट में ऑल इंडिया फैडरेशन फॉर अदर बैकवर्ड क्लासेज की ओर से एकत्र किए कए आंकड़ों को भी पेश किया है. डाटा के मुताबिक, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मेडिकल शिक्षण संस्थानों में ओबीसी आरक्षण लागू नहीं होने से 2017 के बाद से ओबीसी छात्रों को 11,000 से अधिक सीटें गंवानी पड़ी हैं.

आंकड़ों के अनुसार, पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल छात्रों के लिए 27,062 सीटें आवंटित की गईं, जिसमें सामान्य वर्ग को 21,092, एससी को 4,017 और एसटी उम्मीदवारों के लिए 1,953 सीटें दी गईं. पहले के मानदंडों के अनुसार, ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत सीटें आरक्षित थीं, जो इस खंड में 7,307 सीटें आती हैं, जिसे अब हटा दिया गया है.

इसी तरह, पीजी डेंटल में अखिल भारतीय स्तर पर 970 सीटें हैं, जिसमें सामान्य के लिए 756, एससी के लिए 141 और एसटी के लिए 73 शामिल हैं. ओबीसी की सीटें शून्य हैं. सामान्य कोटे में 9,208 सहित अंडर ग्रेजुएट मेडिकल उम्मीदवारों के लिए कुल 11,879 सीटों में से 1,787 सीटें एससी के लिए और 884 एसटी के लिए हैं. ओबीसी कोटा फिर से शून्य है. डेंटल छात्रों के लिए स्नातक की कुल 931 सीटों में से 724 सीटें सामान्य वर्ग के लिए, 140 एससी और 67 एसटी के लिए हैं, लेकिन ओबीसी फिर से शून्य है.

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