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...तो ये है STET विवाद का समाधान, जानें शिक्षा विभाग को सौंपी गई रिपोर्ट में क्या है?

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Published : Jun 24, 2021, 3:12 PM IST

STET विवाद
STET विवाद

साल 2019 में एसटीईटी का रिजल्ट जारी किए जाने के बाद से जारी विवाद जल्द शांत होने की संभावना है. मामले को सुलझाने के लिए गठित टीम ने शिक्षा विभाग को रिपोर्ट सौंप दी है. जानें उस रिपोर्ट में क्या है...

पटनाः बिहार में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2019 (STET) के नतीजे घोषित होने के बाद पैदा हुए उत्पन्न विवाद का समाधान शिक्षा विभाग ने ढूंढ निकाला है. शिक्षा विभाग के द्वारा गठित कमिटी ने पूरे मामले से संबंधित रिपोर्ट विभाग को सौंप दी है, जिससे उम्मीद है कि विवाद का समाधान हो पाएगा.

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क्या है समाधान..
पिछले साल शिक्षा विभाग के द्वारा नियोजित शिक्षकों के लिए सेवा शर्त की घोषणा की गई थी जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि भविष्य में शिक्षकों ही होने वाली नियुक्तियों की मेरिट लिस्ट बनाने में ग्रेजुएशन और बीएड के मार्क्स को जोड़े जाएंगे. इस आधार पर शिक्षक पात्रता परीक्षा के अंक के कोई महत्व ही नहीं जाता. इस परीक्षा में सिर्फ पास करना ही अनिवार्य है.

लेकिन जो सूची बिहार सरकार ने जारी की है उसमें से मेरिट लिस्ट को हटाकर सिर्फ क्वालिफाइड लिस्ट जारी की जाएगी. इसके बाद से तमाम एसटीइटी पास करने वाले अभ्यर्थी अगले नियोजन के लिए योग्य हो जाएंगे. खबर है कि अगले 2 से 3 दिनों में शिक्षा विभाग की ओर से आधिकारिक सूचना जारी कर दी जाएगी.

लाइफ टाइम वैलिड है डिग्री
बता दें कि वर्ष 2011 में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों की डिग्री अब लाइफ टाइम वैलिड रहेगी. इस हिसाब से वे भी आगामी सभी नियुक्तियों में पात्र होंगे. शर्त ये रहेगी कि उनकी उम्र सीमा विभाग द्वारा तय की गई उम्र सीमा के दायरे में हो.

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क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने बिहार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2019 के तीन विषयों का रिजल्ट घोषित किया है. आखिरी परिणाम में दो श्रेणी के अभ्यर्थी उत्तीर्ण किए गए हैं, जिनमें से एक क्वालिफाइड एंड इन मेरिट लिस्ट जबकि दूसरा क्वालिफाइड बट नॉट इन मेरिट लिस्ट है. यहीं से अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. आखिरकार अभ्यर्थी परेशान होकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से संपर्क करने की कोशिश करने लगे हैं.

लाइफटाइम कर दी है मान्यता
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने स्पष्ट किया है कि हाल ही में केंद्रीय शिक्षा विभाग ने टीईटी प्रमाण पत्र की मान्यता लाइफटाइम कर दी है और यह लाइफटाइम वैलिडिटी साल 2011 से ही लागू की गई है. इसे देखते हुए 2011 में एसटीईटी परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को भी अब नियोजन में शामिल होने का मौका मिल सकेगा, क्योंकि पहले उनकी सर्टिफिकेट की मान्यता सिर्फ 2 साल के लिए बढ़ाई गई थी और अब वह लाइफ टाइम हो गई है.

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