पटना: राजधानी पटना से बिहटा प्रखंड के मखदुमपुर गांव के बीएसएफ जवान भगवान सिंह (BSF Jawan Bhagwan Singh) की ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. वे बीते 5 अगस्त को मेडिकल छुट्टी लेकर अपने गांव आए थे. बीते 15 सितंबर की सुबह छुट्टी खत्म कर पंजाब के पठानकोट जाने के लिए निकले थे. इसी दौरान 16 सितंबर की शाम को घरवालों को सूचना मिली कि पठानकोट से अपने बेस कैंप माधोपुर जाने के क्रम में उनकी तबीयत बिगड़ गयी. जिसके बाद जवान को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उनकी मौत हो गयी.
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मौत की खबर से मचा कोहराम: जवान की मौत की खबर से घर और गांव में मातम पसर गया. बीएसएफ के अधिकारी रविवार की सुबह पटना एयरपोर्ट से उनके पार्थिव शरीर को लेकर सह सम्मान उनके पैतृक गांव बिहटा प्रखण्ड के मखदुमपुर पहुंचे. जहां मृतक बीएसएफ जवान के अंतिम दर्शन के लिए हुजूम उमड़ पड़ा. मृतक भगवान सिंह साल 1981 में बीएसएफ के नागालैंड बेस कैंप में ज्वाइन किए थे. वे 2022 के दिसंबर महीने में बीएसएफ से सेवानिवृत्त होने वाले थे.
सड़क किनारे मिले थे बेहोश: माधवपुर बेस कैंप से आए बीएसएफ के अधिकारी एएन मिश्रा ने बताया कि भगवान सिंह बीएसएफ के जवान थे. पठानकोट के माधवपुर बेस कैंप में तैनात थे. अपनी छुट्टी खत्म कर 16 तारीख को बेस कैंप लौट रहे थे. इसी बीच बेस केंप से करीब 8 किलोमीटर पहले सड़क किनारे अचेत अवस्था में गिरे पड़े. जवान को अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. नियमानुसार जवान के परिजनों को शव सौंप दिया गया है.
बेटा भी होना चाहता है सेना में भर्ती: मृतक बीएसएफ जवान के बड़े दो भाई भी बीएसएफ में थे और वो अब रिटायर होकर घर पर रहते हैं. उनका परिवार शुरू से ही सेना से जुड़ा रहा है. लगभग सभी परिवार के सदस्य सेना में रहकर देश की सेवा की है. मृतक बीएसएफ जवान भगवान सिंह के इकलौते पुत्र अभिमन्यु सिंह का भी सेना में जाकर देश की सेवा करना है. उनकी चार बेटियां भी है, जिनकी शादी हो चुकी है.
"मेडिकल छुट्टी पर लगभग एक महीने की छुट्टी पर अपने घर आए थे और बीते 15 सितंबर को वह छुट्टी खत्म कर पठानकोट अपने बेस कैंप में ज्वाइन करने के लिए निकल गए थे लेकिन 16 की शाम सूचना मिली कि उनकी रास्ते में ही हार्ट अटैक से मौत हो गया. पार्थिव शरीर बीएसएफ के अधिकारी गांव लेकर आए हैं. पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. सरकार से हमारी मांग है कि जो भी सहायता राशि हो वो परिवार को मिले. साथ ही उनका इकलौता बेटा है उसे नौकरी दिया जाए" - संतोष सिंह, मृतक बीएसएफ जवान के परिजन