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मांझी से बोले शिवानंद- इस उम्र में नौजवान से कंपटीशन करना शोभा नहीं देता

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Published : Aug 30, 2019, 2:51 PM IST

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जिस तरह से मुख्यमंत्री पद के लिए विपक्ष में सिर फुटव्वल चल रहा है, उससे तो साफ लगता है कि विधानसभा चुनाव में वह एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. ऐसे में महागठबंधन कितना सफल हो पाएगा यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा.

पटनाः महागठबंधन में आपसी खींचतानी का दौर खत्म नहीं हो रहा है. लोकसभा चुनाव में हार के बाद महागठबंधन के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं. महागठबंधन के घटक दल हार का ठिकरा तेजस्वी यादव पर पहले ही फोड़ चुके हैं. अब तो वह तेजस्वी को अपना नेता नहीं मान रहे हैं. विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम पार्टियां अपनी रणनीति तैयार करने में लगी हैं. महागठबंधन में चल रही नाराजगी एक बार फिर सामने आई है.

चारदीवारी के बाहर वह तार-तार हुई एकता
पिछले दिनों विपक्षी एकता दिखाने के लिए महागठबंधन की एक बैठक राबड़ी देवी के आवास पर आयोजित की गई थी. इस बैठक में महागठबंधन के सभी दल के प्रमुख नेता पहुंचे थे. सब मिलकर चुनाव लड़ने पर सहमत हुए थे. लेकिन बाहर निकलते ही सबके अंदर मुख्यमंत्री पद की चाहत हिलोरे मारने लगी. जहां गठबंधन को मजबूत करने के लिए बैठक हुई थी, उसी चारदीवारी के बाहर वह तार-तार हो गई.

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राबड़ी आवास पर हुई महागठबंधन की बैठक

'मीडिया में तय नहीं होगा कि नेतृत्व कौन करेगा'
दरअसल, बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा था कि वह बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उन्हें अनुभव है. इसलिए महागठबंधन के नेता के तौर पर उन्हें मौका मिलना चाहिए. मांझी के इस बयान पर शिवानंद तिवारी ने तंज कसते हुए कहा कि यह नौजवानों का दौर है. अगर इस उम्र में आकर हमलोग अपनी इच्छा रखें तो अच्छा नहीं लगता. शिवानंद तिवारी ने तो यहां तक कह दिया कि अब मांझी जी की उम्र नहीं रही, इस उम्र में वह सलाहकार बन सकते हैं. सीनियर आदमी होकर एक नौजवान से कंपटीशन कर रहे हैं, यह शोभा नहीं देता.

बयान देते राजद के शिवानंद तिवारी और कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठोड़

'मीडिया में तय नहीं होगा कि नेतृत्व कौन करेगा'
शिवानंद तिवारी ने कहा कि महागठबंधन की बैठक में जीतन राम मांझी क्यों मौन रहे, अब मीडिया के जरिए सवाल उठाकर जीतन राम मांझी विरोधियों को मौका दे रहे हैं. ताकि वह हमारा उपहास उड़ाएं. इससे सिर्फ महागठबंधन का ही उपहास नहीं हो रहा है बल्कि जीतन बाबू का भी उपहास बन रहा है. जीतन बाबू महागठबंधन के सम्मानित नेता हैं. राजद के वरिष्ठ नेता ने कहा कि मैं मांझी से नम्रता पूर्वक अनुरोध करता हूं कि इस प्रकरण में उन्हें जो कुछ भी कहना हो महागठबंधन के अंदर कहें. इस विषय को सार्वजनिक विवाद का विषय ना बनाएं. राजद नेता ने कहा कि यह मीडिया में तय नहीं होगा कि नेतृत्व कौन करेगा.

कांग्रेस ने भी दी मांझी को नसीहत
वहीं, महागठबंधन के महत्वपूर्ण घटक कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि सीएम पद का उम्मीदवार कौन होगा यह सीट पर निर्भर करेगा. अगर कोई समाज सेवा करना चाहता है तो कोई जरूरी नहीं कि मुख्यमंत्री बनकर ही समाज सेवा करे. समाजसेवा तो बिना मुख्यमंत्री बने भी की जा सकती है. मुख्यमंत्री कौन बनेगा यह महागठबंधन के सभी घटक दल आपस में बैठकर तय करेंगे.

सीएम पद के लिए विपक्ष में सिर फुटव्वल
बहरहाल, जिस तरह से मुख्यमंत्री पद के लिए विपक्ष में सिर फुटव्वल चल रहा है, उससे तो साफ लगता है कि विधानसभा चुनाव में वह एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. ऐसे में महागठबंधन कितना सफल हो पाएगा यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा.

Intro: बिहार में महागठबंधन में आपसी खींचतान एक बार फिर सामने आई है मांझी के बयान के बाद अब आरजेडी ने मांझी को सलाह दिया है कि इस उम्र में नौजवान के साथ कंपटीशन ठीक नहीं है और इस उम्र में तो सलाह दिया जाता है


Body:पिछले मंगलवार को विपक्षी एकता दिखाने के लिए महागठबंधन का बैठक आयोजित किया गया था राबड़ी देवी के आवास पर आयोजित इस बैठक में महागठबंधन के सारे दल के प्रमुख नेता पहुंचे थे और मिलकर चुनाव लड़ने पर सहमत हुए थे लेकिन बाहर निकलते ही सबके अंदर से मुख्यमंत्री पद का चाहत हिलोरे मारने लगा और गठबंधन की एकता जहां पर गठबंधन को मजबूत करने के लिए बैठक हुआ था उसी के चारदीवारी के बाहर तार तार हो गया लोकसभा चुनाव में जिस तेजस्वी यादव को सभी नेता मान रहे थे वह विधानसभा चुनाव आते-आते अनुभवहीन और कम उम्र के हो गए ,हम पार्टी के सर्वे सर्वा जीता राम मांझी ने तो तेजस्वी यादव को अनुभवहीन और कम उम्र का बताकर नेता मानने से ही इनकार कर दिया था तो वही आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने तो यहां तक कह दिया कि अब मांझी जी की उम्र नहीं रही इस उम्र में आप सलाहकार बन सकते हैं माझी सीनियर आदमी है और एक नौजवान से कंपटीशन कर रहे हैं यह शोभा नहीं देता है तो वही महागठबंधन के महत्वपूर्ण घटक कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि सीएम पद का उम्मीदवार कौन होगा यह सीट पर निर्भर करेगा अगर आप समाज सेवा करना चाहते हैं तो कोई जरूरी नहीं कि आप मुख्यमंत्री बनकर ही समाज सेवा कर सकते हैं
बाइट..शिवा नंद तिवारी राजद नेता
बाइट..राजेश राठोड़ कांग्रेस प्रवक्ता


Conclusion: जिस तरह से मुख्यमंत्री पद के लिए विपक्ष में सिर्फ फुटबॉल चल रहा है उससे तो साफ लगता है कि विधानसभा चुनाव में एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे ऐसे में महागठबंधन कितना सफल हो पाएगा यह चुनाव के बाद पता चलेगा
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