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RERA ने जनहित में जारी की सूचना, कहा- भ्रामक खबरों से रहें दूर

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Published : Aug 27, 2019, 8:04 PM IST

RERA ने लोगों को भ्रामक खबरों से बचने की सलाह दी. भ्रामक खबर के अनुसार 30 अगस्त 2018 के बाद यह कानून लागू हो रहा है. जबकि RERA कानून 1 मई 2017 से ही लागू है. इसके तहत सभी बिल्डरों का निबंधन जरूरी है.

RERA सदस्य आर बी सिन्हा

पटना: रियल स्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी(RERA) बिहार की तरफ से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भ्रामक सूचना से लोगों को बचने की सलाह दी है. रेरा की तरफ से कहा गया है कि कुछ समाचार पत्र में भ्रामक जानकारी दी जा रही है. इसके अनुसार, 30 अगस्त 2018 के बाद निजी और व्यावसायिक बहुमंजिला इमारतों के निर्माण और खरीद-बिक्री पर RERA अधिनियम लागू होगा. जबकि यह 2017 से ही लागू है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते आर बी सिन्हा

1 मई 2017 से ही लागू है RERA
RERA के सदस्य आरबी सिन्हा ने ईटीवी भारत को बताया कि रेरा अधिनियम 2016 केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित कानून है. यह दिनांक 1 मई 2017 से ही पूरे राज्य में बिल्डरों के लिए कानून लागू है. इसके अधिनियम और नियमावली के सभी प्रावधान पहले की तरह ही बरकरार हैं. कंज्यूमर को मुश्किलों से बचाने के लिए RERA हमेशा प्रतिबद्ध रहता है.

RERA सदस्य आर बी सिन्हा
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प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भ्रामक सूचना से बचने की दी सलाह

RERA के तहत निबंधन जरूरी
एक सवाल के जवाब में आरबी सिन्हा ने कहा कि सरकार ने रेरा का निबंधन जरूरी नहीं होने की बात कभी नहीं की. उन्होंने रजिस्ट्री को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि सभी बिल्डरों को RERA का निबंधन जरूरी है. RERA के मानक के अनुसार ही बिल्डरों को अपार्टमेंट का निर्माण करना है. ग्राहकों से किया गया हर वायदा पूरा करना है.

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RERA सदस्य आर बी सिन्हा

RERA अधिनियम से लोगों को मिल रहा लाभ
गौरतलब है कि बिहार में रेरा अधिनियम को सख्ती से लागू है. इससे ग्राहकों से होने वाली धोखाधड़ी पर लगाम लगा है. इसके तहत बिल्डरों के लिए एक मानक तय किया गया है. जिससे ग्राहकों को समय पर आशियाना मिल रहा है. हालिया दिनों में बिहार कैबिनेट ने कुछ शर्तों पर बिल्डरों को फ्लैट रजिस्ट्री के नियम में छूट दी है. लेकिन RERA का निबंधन बिल्डर को करना होगा. साथ ही रेरा अधिनियम के तहत ही फ्लैट की बिक्री होगी.

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Intro:एंकर रियल स्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी बिहार ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सूचना दी है कि कुछ समाचार पत्र में भ्रामक जानकारी दी जा रही है कि30 अगस्त 2018 के बाद ही निजी और व्यावसायिक बहुमंजिला इमारतों की निर्माण एवं खरीद बिक्री पर रेरा अधिनियम लागू होगा इसको लेकर रेरा के सदस्य आर बी सिन्हा ने कहा कि कि रेरा अधिनियम 2016 केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित कानून है एवं यह दिनांक 1 मई 2017 से ही पूरे राज्य में लागू है उन्होंने स्पष्ट किया कि बिल्डरों के लिए यह कानून एक मई 2017 से ही लागू है और इसके अधिनियम और नियमाबली के सभी प्रावधान यथावत एवं अक्षुण्ण हैं साथ ही उनका कहना था कि कंज्यूमर को कहीं भी किसी तरह की दिक्कत नहीं हो इसको लेकर रेरा हमेशा प्रतिबद्ध रहता है


Body:साथ ही एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने यह नहीं कहा है कि रेरा का निबंधन जरूरी नहीं है बल्कि उन्होंने रजिस्ट्री को लेकर स्थिति स्पष्ट की है साथ ही उनके और कई नियम है उसके अनुसार निश्चित तौर पर सभी बिल्डरों को रेरा का निबंधन जरूरी है उन्होंने कहा कि रेरा के मानक के अनुसार ही बिल्डरों को अपार्टमैंट का निर्माण करना है और उसमें सोसायटी बनानी है साथ ही ग्राहकों को इस सुविधा का वादा वह करते हैं उसे फुल फिल करना है


Conclusion:आपको बता दें कि बिहार में रेरा अधिनियम को सख्ती से लागू करने के बाद ग्राहकों से धोखाधड़ी पर लगाम लग गया है और कहीं ना कहीं बिल्डरों के लिए एक मानक तय कर दिया गया है जिससे ग्राहकों को समय पर उनका अपना आशियाना मिलने में दिक्कतें नहीं हो रही है साथ ही बिल्डर्स भी रेरा अधिनियम आने के बाद ग्राहकों से धोखाधड़ी करने से भी डर रहे हैं हाल में बिहार कैबिनेट ने कुछ शर्त पर बिल्डरों को फ्लैट रजिस्ट्री के नियम में छूट दी है लेकिन रेरा का निबंधन उस बिल्डर को करना ही होगा और रेरा अधिनियम के तहत ही फ्लैट को बेचना भी होगा इसी स्थिति को स्पष्ट करने के लिए रेरा ने पत्र जारी किया है
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