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'मिशन इस्लामिक स्टेट': पटना, मधुबनी, दरभंगा, अररिया और कटिहार में छापा, अब तक 7 गिरफ्तार

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Published : Jul 16, 2022, 10:39 AM IST

Updated : Jul 16, 2022, 1:53 PM IST

पुलिस मुख्यालय, पटना
पुलिस मुख्यालय, पटना

फुलवारी शरीफ मामले (Phulwari Sharif Terror Module) की जांच के दौरान आरोपियों के कनेक्शन पाकिस्तान के आतंकी संगठन तहरीक ए लब्बैक से मिले हैं. इस मामले में अब तक 7 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलसि की छापेमारी लगातार जारी है. पढ़ें पूरी खबर....

पटनाः बिहार में पिछले दिनों भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश का पर्दाफाश होने के बाद कई नए खुलासे हुए हैं. आईबी की जांच में गिरफ्तार लोगों के कनेक्शन पाकिस्तान और बांगलादेश से मिले हैं. इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पटना समेत मधुबनी, दरभंगा, अररिया और कटिहार में छापेमारी (Raids In Many Districts In Phulwari Sharif Case) हुई है. अब तक इस मामले में 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. खबर ये भी है कि अब इस मामले की जांच दो केंद्रीय एजेंसियां एएनआई और ईडी करेंगी.

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"फुलवारी शरीफ मामले में तीन लोग दरभंगा के हैं. हमलोग तीनों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रहे हैं, पटना पुलिस और एएसपी से लगातार संपर्क में हैं, उनकी तालाश तेज कर दी गई है, दरभंगा में उनके जानने वालों से भी पूछतीछ की जा रही है. उनका क्या पुराना रिकार्ड रहा है, इसकी भी जानकारी इक्ट्ठा की जा रही है, जल्द ही तीनों को पकड़ लिया जाएगा"- अवकाश कुमार, एसएसपी, दरभंगा

19 लोगों की तलाश में एनआईए: बता दें कि इस मामले में अब तक 7 संदिग्ध गिरफ्तार हो चुके है. हालांकि अब भी 19 लोगों की एनआईए को तलाश है. अब तक मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, अरमान मलिक, ताहिर अहमद, शब्बिर मलिक, शमीम अख्तर और इलियास ताहिर उर्फ मगरूब को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें से तीन की पहले गिरफ्तारी हुई थी और जांच के दौरान और चार लोगों को पकड़ा गया था. वहीं अब इलियास ताहिर उर्फ मगरूब को अरेस्ट किया गया है. वहीं, पटना के सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआइ) के कार्यालय में छापेमारी के दौरान पुलिस ने कुछ पोस्टर बरामद किए हैं. इसमें तीस्ता सीतलवाड़, आल्ट न्यूज के पत्रकार मो. जुबैर और श्री कुमार की तस्वीरें हैं.

गिरफ्तार आरोपियों को भेजा गया जेल: पुलिस के मुताबिक इस मामले में पकड़े गए लोगों का कनेक्शन पाकिस्तान के आतंकी संगठन तहरीक ए लब्बैक और जम्मू एंड कश्मीर के आतंकी संगठन गजवा ए हिंद से है. इस मामले में पुलिस ने अबतक आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है. जिनसे पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में देश की कई इंटेलिजेंस एजेंसियों की टीम शामिल है. वहीं, इस मामले में 26 लोगों को नामजद कराए जाने की जानकारी मिलते ही 23 लोग भूमिगत हो गए. फुलवारी शरीफ में पाकिस्तान के आतंकी संगठन का कनेक्शन मिलने की जानकारी मिलते ही बिहार के पुलिस मुख्यालय से लेकर दिल्ली के विदेश मंत्रालय तक हड़कंप मच गया है.

पीएफआई के दस्तावेज, बैनर पोस्टर बरामदः वहीं, इस मामले में गिरफ्तार अतहर परवेज और जलालुद्दीन से पुलिस की अलग अलग टीमें पूछताछ में जुटी हैं. उनके पास से पीएफआई के दस्तावेज, बैनर पोस्टर बरामद हुए हैं. साक्ष्य के आधार पर अन्य लोगों पर भी कार्रवाई होगी. ये लोग PFI का दफ्तर क्यों संचालित कर रहे थे. कौन कौन से लोग यहां जुटते थे, इन सभी बिंदू पर पूछताछ की जा रही है. इनपर देश के विरूद्ध अपराध करना. कम्युनिटी के बीच वैमनस्य फैलाना, शत्रुता फैलाना, षड्यंत्र करना इस तरह की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है. पुलिस की टीम पूरे मामले की बारिकी से जांच में जुटी है.

प्रशिक्षण देते थे गिरफ्त में आए आरोपी: बताया जाता है कि ये दोनों भोले-भाले युवकों को देश विरोधी संगठन में जोड़ने और उन्हें ट्रेनिंग देने का काम भी किया करते थे. इनके यहां केरल, पश्चिम बंगाल, यूपी, तमिलनाडु सहित कई राज्यों के छात्र प्रशिक्षण के लिए आ रहे थे. हालांकि मिल रही जानकारी के अनुसार गिरफ्तार अतहर का भाई मंजर पटना में हुए बम ब्लास्ट जैसे आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है. पटना पुलिस के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार युवकों से पूछताछ में यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इनके तार पाकिस्तान सहित अन्य देशों से जुड़ा तो नहीं है?

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पीएम के पटना दौरे से पहले हुई थी गिरफ्तारी: आपको बता दें कि 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह आगमन से पहले ही 11 जुलाई की शाम 7:30 बजे फुलवारी शरीफ में अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पकड़ा गया था. ये लोग दो महीने से पीएम मोदी के आगमन को लेकर किसी बड़ी साजिश का षड्यंत्र रच रहे थे. FIR में दर्ज बयान के आधार पर ये कहा गया है कि बहुत से लोग पीएम के आगमन को लेकर बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे हैं. पिछली 6-7 जुलाई को भी इन लोगों ने गुप्त मीटिंग की थी जिसमें अनजान लोगों का आना जाना हुआ था. यानी दोनों की साजिश के तार काफी गहरे दिख रहे हैं. प्रधानमंत्री आगमन को लेकर आईबी के अलर्ट के बाद IB द्वारा मिली रिपोर्ट के आधार पर इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था. NIA अब सभी आरोपियों का चिट्ठा जांच में खंगालेगी.

Last Updated :Jul 16, 2022, 1:53 PM IST
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