पटना में दुर्गा पूजा के दौरान अगर पंडाल घूमना है तो जाएं खाजपुरा से सगुना मोड़ की तरफ

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Published : Oct 12, 2021, 10:35 PM IST

Puja Pandal

पटना का डाक बंगला और बोरिंग रोड इलाका पूजा पंडाल के लिए काफी फेमस है. इन इलाकों में इस बार भव्य पूजा पंडाल नहीं बने हैं. रुकनपुरा, गोला रोड और आरपीएस इलाके में भव्य पूजा पंडाल देखने को मिलेंगे. पढ़ें पूरी खबर...

पटना: दुर्गा पूजा (Durga Puja) के सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा अर्चना (Worship of Maa Kalratri) की जाती है. जिन जगहों पर मूर्ति स्थापित किए जाते हैं वहां मूर्ति का पट भी खुलता है. इसके साथ ही दशहरा मेले की शुरुआत हो जाती है. मेले में लोग मां दुर्गा के दर्शन के साथ-साथ आकर्षक पंडालों को भी देखने आते हैं.

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पटना के लिए दुर्गा पूजा हमेशा से खास रहा है. यहां के पंडाल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहते हैं. हालांकि इस बार कोरोना की वजह से सरकार की तरफ से जारी दिशा-निर्देश के कारण भव्य पूजा पंडाल नहीं बने हैं. कई जगह पंडालों को देश के प्रमुख मंदिरों का रूप दिया गया है.

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पटना का डाक बंगला और बोरिंग रोड इलाका पूजा पंडाल के लिए काफी फेमस है. इन इलाकों में इस बार भव्य पूजा पंडाल नहीं बने हैं. ऐसे में अगर किसी को भव्य पूजा पंडाल देखना है तो वे बेली रोड के रास्ते खाजपुरा से सगुना मोड़ तक जाएं. इस दौरान उन्हें रास्ते में रुकनपुरा, गोला रोड और आरपीएस के इलाके में भव्य पूजा पंडाल देखने को मिलेंगे. इन पंडालों की ऊंचाई 45 फीट रखी गई है क्योंकि जिला प्रशासन का निर्देश था कि 45 फीट से अधिक ऊंचा पंडाल इस बार नहीं बनेगा.

पटना के रुकनपुरा दुर्गा पूजा समिति द्वारा रुकनपुरा में बने पंडाल के बारे में जानकारी देते हुए समिति के सदस्य अनमोल अंशु ने कहा, 'पंडाल को दिल्ली के बिरला मंदिर का रूप दिया गया है. मुझे उम्मीद है कि इस बार पटना के सबसे खूबसूरत पंडालों में एक पंडाल यह भी होगा. बिहार के ही कारीगरों ने पंडाल निर्माण किया है. यहां पर कोरोना के गाइडलाइंस का गंभीरता से पालन किया जा रहा है.'

आरपीएस मोड़ पर बने पूजा पंडाल के पास मौजूद दुर्गा पूजा समिति के सदस्य अभिजीत कुमार ने कहा, 'यहां उत्तराखंड के केदारनाथ धाम जैसा पंडाल बना है. थर्मोकोल, बांस और कपड़े की मदद से 40 फीट ऊंचा पंडाल बनाया गया है.' बोरिंग रोड स्थित दुर्गा पूजा पंडाल के पुजारी कामेश्वर पांडे ने बताया कि सप्तमी तिथि को मां दुर्गा के कालरात्रि रूप की पूजा की जाती है. इस दिन की विशेष महत्ता है.'

"सप्तमी के दिन मां दुर्गा के पट खुलते हैं और मां की आराधना करने वालों के दुख, दर्द और संताप देवी दुर्गा हरती हैं. कोरोना के कारण उत्पन्न हालातों की वजह से और जिला प्रशासन के गाइडलाइंस के कारण इस बार बड़ा और भव्य पंडाल नहीं बना है. मां दुर्गा से कामना है कि देश-दुनिया में सुख, शांति और समृद्धि आए. दुनिया से कोरोना महामारी का नाश हो."- कामेश्वर पांडे, पुजारी, पूजा पंडाल, बोरिंग रोड

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