मसौढ़ी: बिहार की राजधानी पटना के मसौढ़ी में अखिल भारतीय खेत और ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) द्वारा जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान खेग्रामस के बैनर तले सैकड़ों भूमिहीन गरीबों द्वारा बुनियादी समस्याओं को लेकर पूरे शहर में जुलूस निकाला गया.
अंचल और प्रखंड कार्यालय में प्रदर्शन: मिली जानकारी के अनुसार, मजदूरों द्वारा मसौढी अंचल कार्यालय और धनरूआ प्रखंड कार्यालय पहुंचकर घंटों विरोध प्रदर्शन किया गया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के घोषणा अनुकूल सरकारी जमीन पर बसे भूमिहीनों को वासगीत पर्चा देने, बिना वैकल्पिक व्यवस्था किये गरीब मजदूरों को उजड़ने पर रोक लगाने जैसे आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है.
उग्र प्रदर्शन करने की दी चेतावनी: इस दौरान भूमि सुधार कानून बनाने, वृद्धा पेंशन 3000 प्रति मासिक करने, मनरेगा में साल में 200 दिन काम करने और 600 रूपये दैनिक मजदूरी देने, महीना में 200 यूनिट बिजली फ्री देने जैसी मांगों को लेकर सभी भूमिहीन गरीबों ने प्रखंड एवं अंचल कार्यालय पर जमकर विरोध प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों को रखा. वहीं, चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार अगर इस दिशा में पहल नहीं करती है तो आने वाले दिनों में उग्र प्रदर्शन किया जाएगा.
"बिहार की सरकार भी गरीबों पर ध्यान नहीं दे रही है. ऐसे में नीतीश सरकार पर भी सवालिया निशान उठ रहे है. पिछले 10 सालों से सभी भूमिहीनों को वासगित पर्चा देकर अभी तक दखल कब्जा नहीं कराया गया है. इसके अलावा आवास योजना और मनरेगा का भी लाभ मजदूरों को नहीं मिल पा रहा है. कई बुनियादी समस्याओं को लेकर प्रखंड और अंचल पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है." - कमलेश कुमार, राज्य सदस्य, भाकपा माले
"मसौढ़ी में दलित गरीबों द्वारा वासगीत पर्चा देने, 200 यूनिट बिजली निशुल्क देने, दिव्यांग पेंशन 3000 प्रति महीने करने जैसी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है. सरकार अगर हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा." - नागेश्वर पासवान, प्रखंड सचिव, खेग्रामस
"पूरे मसौढ़ी अंचल में दखल कब्जा करने को लेकर एक सर्वे कराया जा रहा है. सभी राजस्व कर्मचारियों और अमीन को इसमें लगाया गया है. हम लोगों को आश्वासन देते है कि बहुत जल्द उन सभी भूमिहीनों का सर्वे कराकर दाखिल कब्जा कराया जाएगा." - मृत्युंजय कुमार, अंचल अधिकारी, मसौढी
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