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दो दिन बाद शुरू होगा लोक आस्था का महापर्व छठ, गांव से लेकर शहर तक तैयारियों में जुटे व्रती

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Published : Oct 26, 2022, 11:12 AM IST

Updated : Oct 26, 2022, 11:58 AM IST

पूरा बिहार लोक आस्था के पर्व छठ (Chhath Puja in Bihar) के रंग में रंग गया है. रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बाजार, शहर, गांव, नदी, पोखर, खेत हर जगह बस छठ के रंग देखने को मिल रहे हैं. एक तरफ ट्रेनों और बसों में छठ पर्व पर बाहर से घर आने वाले लोगों की भीड़ है. वहीं गंगा घाटों, दूसरी नदियों, खेत बहियार के पोखरों और आहरों में अर्घ्य देने के लिए जोर-शोर से तैयारियां चल रही है.

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पटनाः बिहार के वैसे सभी स्टेशनों पर जहां दूसरे राज्यों और महानगरों से आने वाली ट्रेने ठहरती है, यात्रियों की भारी भीड़ उतर रही है. अपने घरों में स्वजनों के साथ मिलकर लोक आस्था के पर्व छठ मनाने के लिए परदेशियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. इसी के साथ बड़का पर्व की तैयारी (Preparation for Chhath Puja in Bihar) भी तेज हो गई है. बाजारों में सूप, दौरा, गेहूं, गुड़, कद्दू और फलों की दुकानों पर भीड़ बढ़ने लगी है. यूं तो दिवाली की साफ-सफाई के साथ ही त्योहारों की तैयारी शुरू हो जाती है. फिर भी दीपावली खत्म होने पर नेम-निष्ठा के पर्व छठ पूजा को लेकर नए सिरे से घरों की साफ-सफाई और लीपा-पोती की जा रही है. क्या गांव, क्या शहर, बिहार के हर जिले, हर कस्बे और गांवों में सुबह-शाम छठ के गीत सुनाई दे रहे हैं. ऐसा लगता है मानो पूरा प्रदेश लोक आस्था के इस महापर्व छठ की तैयारी में लग गया है. हर जगह बस छठ का माहौल नजर आ रहा है.

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बिहार आने और जाने वाली सभी ट्रेनें अगले 10 दिनों तक फुलः बिहार आने वाली सभी ट्रेनों की पहले से ही टिकट फुल हो चुकी है. छठ में घर आने वाले लोगों की परेशानियां बढ़ी हुई हैं. उसके बाद ही नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव निर्देश दिया है और मुख्य सचिव ने रेल मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत की है. हालांकि रेलवे के अधिकारियों ने क्या कुछ कहा है इसके बारे में मुख्य सचिव के तरफ से कोई जानकारी फिलहाल नहीं दी गई है. बस परदेश से बिहार आने वाले लोग जैसे तैसे ट्रेनों में सवार होकर घर पहुंच रहे हैं. लोगों ने अतिरिक्त पूजा स्पेशल ट्रेनों की मांग की है.

छठ घाटों पर काम अंतिम चरण मेंः बिहार में गंगा किनारे बसे शहर और गांवों में लोग छठ मैया को गंगा घाट पर ही अर्ध्य देते हैं. इस कारण प्रशासन की ओर से भी गंगा घाटों पर खास व्यवस्था की जाती है. प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर छठ घाटों को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं. बाहर रहकर नौकरी और पढ़ाई करने वाले लोगों के घर पहुंचते ही घाटों पर निर्माण कार्य और तैयारियों में भी तेजी आ गई है. अब घाटों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके अलावा अंदरूनी इलाकों में तालाब, आहर, पोखरों व छोटी नदियों के किनारे भी छठ पूजा की जाती है. यहां भी ग्रामीण अपने स्तर पर छठ घाटों की साफ-सफाई और सजाने के काम को अंतिम रूप से अमली जामा पहना रहे हैं. इस समय घरों में परिजनों की संख्या बढ़ जाने से इन कामों में भी गति आ गई है.

बाजारों में अचानक से बढ़ गई भीड़ः सूबे के छोटे बड़े शहरों की बाजारों में छठ पूजा को लेकर अचानक से भीड़ बढ़ गई है. अभी तक दिवाली को लेकर लोग खरीदारी कर रहे थे. दिवाली खत्म होते ही छठ पूजा की सामग्रियों की दुकानें सज गई हैं. लोग गेहूं, गुड़, फल, कद्दू, घी, दूध आदि पूजा सामग्री की खरीदारी समय रहते कर रहे हैं. पर्व और नजदीक हो जाने से बाजार में भीड़ भी काफी बढ़ जाती है और पूजा सामग्री की कीमत भी आसमान छूने लगती है. यही कारण है कि जब जिसे मौका मिल रहा है, दिवाली के बाद खरीदारी का काम खत्म कर ले रहे हैं.

गंगा घाटों पर बढ़ने लगी भीड़ः छठ पूजा नेम-निष्ठा का पर्व है. इस पर्व पर गंगा नदी में स्नान करके ही व्रती पूजा शुरू करती हैं. वैसे तो नहाय-खाय के दिन गंगा घाटों पर स्नान के लिए जाया जाता है, लेकिन कई व्रतियां उससे पहले भी गंगा स्नान कर पवित्र हो जाती हैं और पूजा के लिए गंगा जल घर ले आती हैं. इससे नहाय-खाय के दिन भीड़-भाड़ से बचने और गंगा नदी से दूर रहने वाली व्रतियों को सुविधा होती है. इस कारण दिवाली के बाद से ही गंगा घाटों पर व्रतियों की भीड़ जमा होने लगी है.

Last Updated : Oct 26, 2022, 11:58 AM IST
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