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दीपावली से पहले ही बदल रही है बिहार की आबोहवा, जानिये किस शहर की हवा कितनी खराब

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Published : Oct 22, 2022, 8:08 AM IST

बिहार में प्रदूषण का स्तर (Pollution Level in Bihar) लगातार बढ़ता जा रहा है. दीपावली से पहले आबोहवा में हो रहे इस बदलाव से राजधानी समेत प्रदेश के तमाम शहर प्रदूषण लेवल के खतरनाक स्तर को पार कर चुके हैं. आगे पढ़ें पूरी खबर...

लगातार बढ़ रहा प्रदूषण
लगातार बढ़ रहा प्रदूषण

पटना: बिहार की आबोहवा में लगातार बदलाव हो रहा है, राजधानी समेत प्रदेश के तमाम शहर प्रदूषण लेवल के खतरनाक स्तर (Pollution level is increasing in Bihar) को पार कर चुके हैं. आलम यह है कि पटना के अलावा छपरा, बक्सर, दरभंगा, मोतिहारी और मुजफ्फरपुर में भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में काउंट हो रहा है. गुरुवार को बिहार के बेगूसराय का एयर क्वालिटी इंडेक्स देश की राजधानी दिल्ली के रिकॉर्ड को भी पार कर गया. गुरुवार को जहां बेगूसराय का एयर क्वालिटी इंडेक्स 323 रिकॉर्ड किया गया उसी समय देश की राजधानी दिल्ली का AQI 305 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है.

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पुअर कैटेगरी में AQI: बिहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स की रिपोर्ट के अनुसार करीब 5 माह के बाद राज्य की आबोहवा में बदलाव हुआ है और यह पुअर कैटेगरी में आ गया है. इसका कारण क्लाइमेट कंडीशन में बदलाव और वातावरण में धूल का मिला होना बताया जा रहा है. बिहार राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को भी राज्य की राजधानी में एक्योंआई 220 से ऊपर रहा. पटना के राजबंशी नगर इलाके में जहां एक्यूबाई 267 रिकॉर्ड किया गया. वहीं समनपुरा में 259, शिकारपुर में 235 और डीआरएम ऑफिस दानापुर में एक्यूआई सबसे ज्यादा 276 रिकॉर्ड किया गया. गौरतलब है यह रिकॉर्ड पुअर कैटेगरी में मानी जाती है.


इस रेंज में होना चाहिए AQI: एक्यूआई की रेंज अगर 0 से 50 के बीच में रहती है तो उस हालत में हवा का हाल अच्छा माना जाता है और स्वास्थ्य पर संभावित असर बहुत कम होता है. वहीं अगर एक्यूआई की रेंज 51 से 100 के बीच हो तो उसे ठीक माना जाता है. हालांकि संवेदनशील लोगों को सांस लेने में हल्की दिक्कत होती है, अगर एक्यूआई 101 से 200 के बीच में हो तो हवा का हाल अच्छा नहीं माना जाता है और उससे फेफड़े, दिल और अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.

ये AQI है सबसे खतरनाक: AQI 201 से 300 के बीच में अगर एक्यूआई रिकॉर्ड की जाती है तो हवा का हाल खराब माना जाता है और लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने वालों पर किसी को भी सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. अगर एक यूआई 301 से 400 के बीच में हो तो इसे बहुत खराब श्रेणी में माना जाता है और लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा हो सकता है. सबसे अंत में अगर एक यूआई 401 से 500 के बीच में हो तो इसे खतरनाक में माना जाता है और स्वस्थ्य आदमी पर भी इसका असर पड़ने की संभावना हो जाती है और अगर पहले से कोई बीमार है तो उसके लिए खतरा ज्यादा हो सकता है.





पटना का एयर क्वालिटी: शुक्रवार को रिकॉर्ड किए गए एक्यूआई लेवल के अनुसार बिहार के मुंगेर में एक्यूआई 181 दर्ज किया गया वहीं बक्सर में 173, गया में 171, राजगीर में 162, छपरा में 160 और अररिया में 154 रिकॉर्ड किया गया. पिछले 5 महीने के रिकॉर्ड को अगर उठाकर देखें तो अक्टूबर माह में 21 तारीख तक 0 से 50 एक्यूआईएल लेवल के बीच केवल दो ऐसे दिन रहे जब पटना का एयर क्वालिटी एक्यूआई के बीच रहा. इसके अलावा सितंबर माह में भी 2 दिन पटना की एक्यूआई 0 से 50 के बीच में रहा. अगस्त, जुलाई और जून में पटना की एक भी दिन एक्यूआई 0 से 50 के बीच में नहीं रहा. जबकि जून में 3 दिन पटना का एक्यूआई 51 से 100 के बीच में रहा. वहीं जुलाई में 26 दिन, अगस्त में 24 दिन, सितंबर में 23 दिन और अक्टूबर में अब तक 8 दिन एक्यूआई इस रिकॉर्ड के अंदर रहा.

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