पटना: बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने बिहार के डीजीपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए बिहार पुलिस एसोसिएशन प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया इस दौरान मृत्युंजय सिंह ने बिहार के डीजीपी एसके सिंघल (DGP S k Singhal) पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, बिहार पुलिस एसोसिएशन (Bihar Police Association) बिहार सरकार से मान्यता प्राप्त एसोसिएशन है और पिछले एक साल से इस एसोसिएशन के सदस्य पुलिस कर्मियों की समस्या लेकर बिहार के डीजीपी के पास जा रहे हैं पर डीजीपी पुलिस कर्मियों से ना तो मिलते और ना ही उनकी समस्याओं पर गौर करते हैं. एसोसिएशन के सदस्यों ने लिखित रूप से भी उनसे मिलने की अनुमति मांगी बावजूद इसके डीजीपी ने एसोसिएशन के सदस्यों से मुलाकात नहीं की.
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बता दें कि, संवाददाता सम्मेलन के दौरान पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने कहा कि, आज पुलिस मुख्यालय जो आदेश निकाल रहा है वह नियम के विरुद्ध है पुलिसिंग पुलिस मैनुअल से चलता है और हाल के दिनों में पुलिस मैनुअल का अवहेलना करने का काम पटना पुलिस मुख्यालय द्वारा किया गया है. पुलिस मैनुअल यह कहता है कि तबादले का कार्य पटना पुलिस मुख्यालय के द्वारा किया जाएगा बावजूद हाल के दिनों में डीआईजी रैंक के अधिकारी भी पुलिस कर्मियों का तबादला कर रहे हैं और सैकड़ों पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया. इस तबादले में कई ऐसे पुलिस कर्मी हैं जिन का इलाज चल रहा है. किसी का वॉल्व बदला गया है तो किसी की किडनी खराब है कितनों के परिजनों की तबीयत गंभीर रूप से खराब है और उनके द्वारा मेडिकल ग्राउंड पर करवाए गए तबादले के बाद भी उनका तबादला दूसरी जगह कर दिया जा रहा है जो सरासर अनुचित है.
उन्होंने कहा कि, पुलिस एक परिवार है और इस परिवार के मुखिया डीजीपी हैं. जब पुलिसकर्मियों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या होती है तो वह अपने गार्जियन स्वरूप डीजीपी से मिलकर उन्हें मामले की जानकारी देने की कोशिश करते हैं. बावजूद इसके बिहार के डीजीपी वैसे पुलिस कर्मियों से मिलना भी जरूरी नहीं समझते और जब डीजीपी उनकी बात नहीं सुनते तब मजबूरन पुलिसकर्मी अपने तबादले के खिलाफ हाईकोर्ट की ओर रुख कर रहे हैं.
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वहीं, एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि, बिहार पुलिस मुख्यालय का वर्तमान रवैया की संघ विरोधी है. निचले स्तर पर पुलिस कर्मियों की बातें बिहार पुलिस मुख्यालय में नहीं सुनी जा रही है इसलिए मुख्यमंत्री को जल्द से जल्द इस पूरे मामले पर संज्ञान लेना चाहिए. बिहार में सभी कनीय पुलिस के जवान बिहार पुलिस मुख्यालय के इस अड़ियल रवैया से आक्रोशित हैं. अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इन कनीय पुलिसकर्मियों की गुहार नहीं सुनते हैं तो आने वाले दिनों में पूरे बिहार के पुलिसकर्मी 3 दिनों तक काला बिल्ला लगाकर बिहार पुलिस मुख्यालय के खिलाफ अपने आवाज को बुलंद करने का काम करेंगे.
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