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Bihar Politics: NDA को लेकर उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी नरम, 'मोदी के हनुमान' ने बढ़ाई BJP की टेंशन

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Published : Apr 23, 2023, 9:31 AM IST

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लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां जोरों पर अभी से ही होने लगी है. एनडीए और महागठबंधन में सभी पार्टियों के साथ गठबंधन करने की होड़ मची हुई है. दोनों बड़ी पार्टियां हर छोटी पार्टियों को अपनी ओर खींचने में लगी हुई है. इसी कड़ी में एलजेपीआर अध्यक्ष चिराग पासवान की पार्टी को दोनों तरफ से बुलाने की कोशिश की जा रही है. पढे़ं पूरी खबर...

'मोदी के हनुमान' ने बढ़ाई BJP की टेंशन

पटना: लोकसभा चुनाव में महागठबंधन से मुकाबले के लिए एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी पूरजोर तैयारियां करने में जुटी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) बिहार के क्षेत्रीय दलों के नेताओं से मुलाकात भी कर चुके हैं. एलजेपीआर अध्यक्ष चिराग पासवान ने बीजेपी को अभी मुश्किल में डाल रखा है. एलजेपीआर चीफ चिराग को अभी भी चाचा पशुपति पारस को लेकर बीजेपी से खासा नाराजगी है. मिशन 2024 को फतह करने के लिए बीजेपी ने रणनीतिकारों ने रणनीति को मूर्त रूप देना भी शुरू कर दिया है. बिहार के अंदर महागठबंधन की चुनौतियों से निपटने के लिए बीजेपी भी कुनबे को बढ़ाने में जुट गई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुकेश सहनी, उपेंद्र कुशवाहा और हम संयोजक जीतन राम मांझी से मुलाकात भी कर चुके हैं.

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क्षेत्रीय पार्टियों के एनडीए में जाने के संकेत: अभी अभी जेडीयू पार्टी को छोड़कर अपनी अलग राजनीतिक पार्टी बनाने वाले आरएलजेडी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बाकायदा बीजेपी के एजेंडे पर काम भी शुरू कर दिया है. लगातार वह बिहार के हर एक जिलों का दौरा करते हुए कार्यकर्ताओं से रूबरू हो रहे हैं. साथ ही साथ वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी लगातार कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं. लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. इधर हाजीपुर सांसद पशुपति पारस अपनी पार्टी के साथ एनडीए का हिस्सा है. एक बार फिर से नरेंद्र मोदी सरकार दोबारा केंद्र में आए, इसके लिए जद्दोजहद भी कर रहे हैं.

हनुमान चिराग ने बढ़ा रखी बीजेपी की टेंशन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हनुमान ने बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ा रखी है. चिराग पासवान को लेकर एनडीए की शीर्ष नेतृत्व अभी भी संशय की स्थिति में हैं. इस मामले पर एलजेपीआर प्रवक्ता चिराग पासवान के लिए अभी सभी विकल्प खुले हैं. जमुई सांसद चिराग पासवान की नाराजगी अपने चाचा पशुपति पारस को लेकर है. वह उस गठबंधन में नहीं रहना चाहते जहां चाचा रहेंगे. एलजेपीआर प्रवक्ता विनीत सिंह ने कहा है कि "अभी हमने गठबंधन को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है. उचित समय आने पर हमारे नेता गठबंधन को लेकर फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे नेता चिराग पासवान अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों के प्रशंसक हैं".

चिराग का लंबा राजनीतिक कैरियर: वहीं बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा है कि चिराग पासवान अनुभवी नेता है. इनका लंबा राजनीतिक कैरियर है. हम उम्मीद करते हैं कि चिराग पासवान एनडीए का हिस्सा बने रहेंगे. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों को लोकसभा चुनाव में एकबार फिर से मजबूत करेंगे. उन्होंने बताया कि चिराग अभी भी हमारे केंद्रीय नेतृत्व से लगातार संपर्क में बने हुए हैं. इस मसले पर महागठबंधन की ओर से जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि चिराग पासवान को पहले यह बताना चाहिए कि वह जमुई से चुनाव लड़ेंगे या नहीं. चिराग पासवान पारिवारिक राजनीतिक कला के शिकार हैं. उन्हें यह भी चिंतन करने की जरूरत है कि बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना को जिन्होंने बंद किया उनके साथ रहेंगे या नहीं.

चिराग का दिख रहा एनडीए से मतभेद: इधर, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी बीजेपी की नीतियों के मुताबिक काम कर रहे हैं. हालांकि चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस को लेकर जिद पर अड़े हैं. चिराग इस गठबंधन से परहेज करते दिख रहे हैं. जिस गठबंधन का हिस्सा उनके चाचा पशुपति पारस हैं. उस ओर जाने का कोई इच्छा नहीं हैं.

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