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पटना: घर में फंसे लोगों ने ईटीवी भारत से लगाई मदद की गुहार, नगर निगम पर लगाया अनदेखी का आरोप

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Published : Sep 30, 2019, 2:21 PM IST

पटना के गर्दनीबाग में 3 से 4 फीट तक पानी लगा है. कई जहरीले सांप और बिच्छू लोगों के घरों में प्रवेश कर गए हैं. बॉर्डर ब्लॉगिंग के सवाल पर बिजली भी काट दिया गया है. लोग वीडियो भेजकर ईटीवी भारत के संवाददाता से मदद की गुहार लगा रहे है.

ईटीवी भारत से मदद की गुहार

पटना: राजधानी में बारिश फिर से शुरू हो गई है. लोगों की समस्या बढ़ती जा रही है. जलजमाव के कारण आम से खास सभी परेशान हैं. अगल-अगल इलाके से लोग वीडियो बनाकर ईटीवी भारत के संवाददाता को भेज रहे हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं.

यह तस्वीर गर्दनीबाग इलाके की है. आपको बता दें कि गर्दनीबाग में रोड नंबर 3 से लेकर के 17 तक जितने भी सरकारी आवास हैं सभी में 3 से 4 फीट तक पानी है. कई जहरीले सांप और बिच्छू लोगों के घरों में प्रवेश कर गए हैं. बॉर्डर ब्लॉगिंग के सवाल पर बिजली भी काट दिया गया है. वार्ड नंबर 5 और 4 की स्थिति तो और भी भयावह है. जहां आदिवासी कॉलोनी में 36 घंटे से रोड पर ही गाय मरी पड़ी है. लेकिन निगम के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने से लोगों को अब बीमारी का भी भय सताने लगा है.

जानकारी देते ईटीवी भारत के संवाददाता

कैमरे से बचते दिखें नगर निगम के अधिकारी
एक ओर जहां शहर में जल जमाव की भयावह स्थिति है, लोगों की जान पर बन आई है. ऐसे में नगर निगम के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. लोगों का कहना है कि इस विपत्ति से बाहर निकालने में कोई उनकी मदद नहीं कर रहा है. इस बावत ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब निगम के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की वो कैमरे से बचते नजर आएं.

patna
घरों में घुसा पानी

वीडियो के माध्यम से पत्रकारों से मदद की गुहार
निगम का कहना है कि अधिकारी आपदा राहत कार्य में व्यस्त हैं. लेकिन सवाल यह है कि जब निगम राहत कार्य में जुटा है तो लोगों को मदद क्यों नहीं मिल रही है. क्यों लोग वीडियो भेजकर पत्रकारों से मदद की गुहार लगा रहे हैं? एक तरफ सरकार का दावा है कि प्रभावित लोगों को आपदा से बाहर निकालने के लिये पूरी मुस्तैदी से काम किया जा रहा है लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या पूरा प्रशासन सिर्फ राजेंद्र नगर इलाके के लिए है. अन्य जिन इलाकों में जलजमाव है वहां कोई देखने वाला नहीं है.

पटना: राजधानी में बारिश फिर से शुरू हो गई है. लोगों की समस्या बढ़ती जा रही है. जलजमाव के कारण आम से खास सभी परेशान हैं. अगल-अगल इलाके से लोग वीडियो बनाकर ईटीवी भारत के संवाददाता को भेज रहे हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं.

यह तस्वीर गर्दनीबाग इलाके की है. आपको बता दें कि गर्दनीबाग में रोड नंबर 3 से लेकर के 17 तक जितने भी सरकारी आवास हैं सभी में 3 से 4 फीट तक पानी है. कई जहरीले सांप और बिच्छू लोगों के घरों में प्रवेश कर गए हैं. बॉर्डर ब्लॉगिंग के सवाल पर बिजली भी काट दिया गया है. वार्ड नंबर 5 और 4 की स्थिति तो और भी भयावह है. जहां आदिवासी कॉलोनी में 36 घंटे से रोड पर ही गाय मरी पड़ी है. लेकिन निगम के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने से लोगों को अब बीमारी का भी भय सताने लगा है.

जानकारी देते ईटीवी भारत के संवाददाता

कैमरे से बचते दिखें नगर निगम के अधिकारी
एक ओर जहां शहर में जल जमाव की भयावह स्थिति है, लोगों की जान पर बन आई है. ऐसे में नगर निगम के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. लोगों का कहना है कि इस विपत्ति से बाहर निकालने में कोई उनकी मदद नहीं कर रहा है. इस बावत ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब निगम के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की वो कैमरे से बचते नजर आएं.

patna
घरों में घुसा पानी

वीडियो के माध्यम से पत्रकारों से मदद की गुहार
निगम का कहना है कि अधिकारी आपदा राहत कार्य में व्यस्त हैं. लेकिन सवाल यह है कि जब निगम राहत कार्य में जुटा है तो लोगों को मदद क्यों नहीं मिल रही है. क्यों लोग वीडियो भेजकर पत्रकारों से मदद की गुहार लगा रहे हैं? एक तरफ सरकार का दावा है कि प्रभावित लोगों को आपदा से बाहर निकालने के लिये पूरी मुस्तैदी से काम किया जा रहा है लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या पूरा प्रशासन सिर्फ राजेंद्र नगर इलाके के लिए है. अन्य जिन इलाकों में जलजमाव है वहां कोई देखने वाला नहीं है.

Intro: लोग की जान आफत में है लेकिन अधिकारी सिर्फ काम के नाम पर मीटिंग कर रहे हैं जलजमाव से ग्रसित लोग ईटीवी भारत के संवादाता अरविंद राठौर को वीडियो भेज कर मदद मांग रहे हैं लेकिन निगम के अधिकारी किसी से मिलने से भी कतरा रहे हैं


Body:एक और जहां शहर में जल जवाब की भयाबह स्थिति है लोगों की जान पर बन आई है लोग नगर निगम से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि निगम के अधिकारी उनको इस विपत्ति के काल से बाहर निकालेंगे लेकिन निगम है कि आपदा के काम में व्यस्त है लेकिन यह आपदा राहत कहां पहुंच रहा है या किसी को पता नहीं निगम में जितने भी अधिकारी हैं वह मीडिया से मिलने से बच रहे हैं और सिर्फ यही खबर भिजवा रहे हैं कि आपदा के काम में व्यस्त हैं हालात यह है कि लोग वीडियो बना बना कर पत्रकारों तक पहुंचा रहे हैं कि हमारी मदद कीजिए लेकिन निगम कुछ सुनने के लिए तैयार नहीं है सरकार का दावा है कि आपदा के काम में पूरी मुस्तैदी से किया जा रहा है लेकिन सवाल उठता है कि क्या पूरा प्रशासन सिर्फ राजेंद्र नगर इलाके के लिए है और जिस जिस इलाके में जलजमाव है वहां कोई देखने वाला भी नहीं है तो सवाल उठता है कि जिला प्रशासन और नगर निगम आपदा के काम में कहां लगा हुआ है ऐसे ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं कि लोगों को देखकर रूह कांप जाए आप जो वीडियो देख रहे हैं एक गर्दनीबाग इलाके का है आपको बता दें कि गर्दनीबाग में रोड नंबर 3 से लेकर के 17 तक जितने भी सरकारी आवास हैं सभी में 3 से 4 फीट तक पानी है कई जहरीले सांप और बिच्छू लोगों के घरों में प्रवेश कर गए हैं नगर निगम के अधिकारी को तो छोड़िए जनता द्वारा चुना हुआ वार्ड प्रतिनिधि भी कुछ नहीं कर रहा है बॉर्डर ब्लॉगिंग के सवाल पर बिजली भी काट दिया गया है वार्ड नंबर 54 की तो स्थिति और भी भयावह है जहां आदिवासी कॉलोनी में 36 घंटे से रोड पर ही गाय मरी पड़ी है लेकिन निगम के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने से लोगों को अब बीमारी का भी भय सताने लगा है


Conclusion: वीडियो व्हाट्सएप ग्रुप में चला गया है पीटीसी मौजों से जा रहा है
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