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ईंट भट्ठों के लिए मिट्टी की खुदाई मामले में पटना हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य को जारी किया नोटिस

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Published : Aug 10, 2021, 9:31 PM IST

patna high court
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ईंट भट्ठों को डेढ़ मीटर तक मिट्टी की खुदाई की अनुमति के संबंध में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्रालय और राज्य के खनन व भूतत्व विभाग को नोटिस जारी किया है. पढ़ें पूरी खबर.

पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने पर्यावरण विभाग से बिना अनुमति लिए ही ईंट भट्ठों को डेढ़ मीटर तक मिट्टी की खुदाई करने की राज्य सरकार द्वारा दी गई अनुमति के मामले पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने अभय कुमार की जनहित याचिका (Public Interest Litigation) पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्रालय (Ministry of Forest and Environment) और राज्य के खनन व भूतत्व विभाग (Mining and Geology Department) को नोटिस जारी किया. साथ ही बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण (Bihar State Pollution Control) बोर्ड को भी नोटिस जारी किया है.

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इस जनहित याचिका के जरिये उस अधिसूचना को रद्द करने का आग्रह कोर्ट से किया गया है, जिसके जरिये ईंट भट्ठों के लिये खास मौसम में किसी खास जमीन की खुदाई कर मिट्टी निकालने की अनुमति दी गई है. राज्य सरकार के माइंस व जियोलॉजी विभाग के अवर सचिव द्वारा नियम में संशोधन करके 14 सितंबर, 2020 को यह अनुमति दी गई है.

याचिका में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव के हस्ताक्षर से जारी उस अधिसूचना को भी रद्द करने का आग्रह किया गया है. इसके तहत ईंट भट्ठों को डेढ़ मीटर तक जमीन की खुदाई कर मिट्टी निकालने को माइनिंग की परिभाषा से छूट दी गई है. इस जनहित याचिका में आगे यह भी कहा गया है कि वन, पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज मंत्रालय के नियमों की गलत तरीके से व्याख्या कर अनिवार्य पर्यावरण क्लीयरेंस से भी मुक्त रखने का काम किया गया है.

कोर्ट को बताया गया है कि नियमतः इस प्रकार की छूट छोटे स्तर के खनन के लिए दी गई है न कि ईंट भट्ठों जैसे बड़े पैमाने पर मिट्टी की खुदाई करने वालों के लिए. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रौशन का आगे यह भी कहना था कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश के लिए इस प्रकार से बड़े पैमाने पर खुदाई की अनुमति देना ठीक नहीं है. क्योंकि इस तरह की खुदाई से जमीन की उर्वरा शक्ति को बरकरार नहीं रखा जा सकता है. इस प्रकार की छूट सिर्फ कुम्हार आदि का काम करने वाले को ही दी जा सकती है.

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