पटना: बात चाहे पटना में जलजमाव का हो या कोरोना के कहर का. पप्पू यादव हमेशा लोगों की मदद करते दिख जाते हैं. एक ओर जहां कोरोना संक्रमण के कारण नेता, मंत्री, अधिकारी घर में कैद हो गए हैं तो वहीं, इस संकट की घड़ी में पप्पू यादव फ्रंटलाइन वर्कर्स से भी ज्यादा फ्रंट पर दिख रहे हैं. कभी वे अस्पताल में तो कभी श्मशान में नजर आ रहे हैं. ऐसा लगता है कि वे पूरी तरह जनता के लिए समर्पित हैं.
ये पहली दफा नहीं है जब पप्पू यादव फ्रंट लाइन पर दिख रहे हैं. पटना जल त्रासदी में पप्पू यादव लोगों के लिए मसीहा बन गए थे. पटना जलजमाव में जहां एक ओर बिहार सरकार पूरी तरह फेल साबित हो रही थी. वहीं, दूसरी ओर पप्पू यादव लोगों के घर तक राहत साम्रगी पहुंचा रहे थे और अब कोरोना काल में लोगों की हर तरह से मदद कर रहे हैं.
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पप्पू यादव पटना में रहकर प्रतिदिन अस्पताल और श्मशान का दौरा कर रहे हैं. अस्पताल दर अस्पताल जाकर लोगों की खैरियत भी ले रहे हैं और उनकी मदद भी कर रहे हैं. आर्थिक मदद से लेकर रेमडेसिविर इंजेक्शन तक मुहैया करा रहे हैं. इस दौरान वो सरकार की नाकामियों की पोल भी खोल रहे हैं.
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शनिवार को पप्पू यादव बांस घाट के विद्युत शवदाह गृह पहुंच गए और जान जोखिम में डाल कोरोना संक्रमित लाशों की गिनती करने लगे. पप्पू यादव के मुताबिक इस शवदाह गृह में 64 शव रखे गए हैं, जिनका अंतिम संस्कार विद्युत वाले शवदाह गृह में होना है.
'जल्दी-जल्दी शवों का अंतिम संस्कार करें. अब लाशों से दुर्गंध आने लगी है. यहां सरकार की व्यवस्था नाकाफी है. मैं कल भी घाट पर गया था, जहां 42 शव रखे हुए थे, यहां 64 हैं. ये एक घाट पर है. दूसरे घाट पर इसी तरह से लाशों को लाइन में लगाकर लोग अंतिम संस्कार का इंतजार कर रहे हैं. प्रतिदिन एक घाट पर 150 से ज्यादा लाशें आ रही हैं. इन श्मशानों में लाकर नेताओं को जला देना चाहिए': पप्पू यादव, जाप प्रमुख
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जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि जब उन्होंने श्मशान में जलने वाले संक्रमित मरीजों के आंकड़ों के बारे में पता किया तो औसतन दर 60 से 70 रही. लेकिन शमशान घाटों के सरकारी आंकड़े 22 से 25 लोगों की कोरोना से मौत होने की पुष्टि करता है. सरकार ने श्मशान को सजा रखा है. अस्पतालों में डॉक्टर के बदले जल्लाद बैठे हैं और खुद सरकारी महकमों के बाबू एसी वाले कमरे में आराम फरमा रहे हैं.