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पानी की गुणवत्ता को लेकर देश में पटना 10वें पायदान पर, विपक्ष को मिला मुद्दा

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Published : Nov 17, 2019, 9:19 PM IST

Updated : Nov 17, 2019, 10:25 PM IST

बिहार में पीने का पानी

कुछ दिनों से राजधानी के लोग हवा में जहर का दंश झेल रहे हैं. जहरीली हवा में कमी तो आई नहीं लेकिन एक और बुरी खबर सामने आ गई है. देशभर में पानी की गुणवत्ता की जांच में पटना को 10वां स्थान मिला है. यहां का पानी दूषित है.

पटना: केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने देशभर में 20 राज्यों में के लिए गए पीने के पानी के नमूने की एक बहुप्रतीक्षित जांच रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी पटना 10वें पायदान पर है. इसको लेकर आगामी शीतकालीन सत्र में विपक्ष इसे जोरदार मुद्दा बनाएगा.

शनिवार को जारी रिपोर्ट में रामविलास पासवान ने कहा कि यह सर्वे दिल्ली के लिए पूरे देश में किया गया. बता दें सर्वे के मुताबिक दिल्ली 21वें पायदान पर है. भारतीय मानक ब्यूरो(बीएसआई) के साथ बैठक कर इस सर्वे को पूरा किया गया है. वहीं, बिहार का विपक्ष 22 नवंबर को शुरू होने वाले सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है. पानी की गुणवत्ता को लेकर और कमी को लेकर विपक्ष के विधायक सरकार से जवाब मांगेंगे.

पटना से खास रिपोर्ट

क्या बोले बीजेपी विधायक...
पानी की गुणवत्ता को लेकर बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा ने कहा है कि कमियों को देखना और कमियों को सुधारना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है. यही कारण है कि पानी की गुणवत्ता को लेकर जो रैंकिंग जारी की गई है उसके लिए हम केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को धन्यवाद देना चाहते हैं. क्योंकि उन्होंने पटना के पानी में गुणवत्ता की कमी को स्वीकार किया है.

'जागरुकता जरूरी'
अरुण सिन्हा ने कहा कि अब विधायक के नाते हम लोगों में जागरुकता पैदा करेंगे और विधायक का जो दायित्व होता है. उसे हम उसे बखूबी निभाएंगे. वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण को लेकर शीतकालीन सत्र में हम सरकार को ध्यान आकर्षित करेंगे. इसके साथ ही विभाग को भी सूचित करेंगे, जितना हो सके जनता के मुद्दे को लेकर हम सरकार से जवाब मांगेंगे. जल प्रदूषण को लेकर हम सरकार पर और विभाग पर दबाव बनाना भी शुरू कर दिया है.

सदानंद सिंह, वरिष्ठ नेता, कांग्रेस
सदानंद सिंह, वरिष्ठ नेता, कांग्रेस

ज्वलंत मुद्दे उठाना जरूरी- सदानंद सिंह
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समय कम होता है. लेकिन इस सत्र में विपक्ष जनता के ज्वलंत मुद्दे को विपक्ष बखूबी उठाएगा. सरकार से सवाल-जवाब किए जाएंगे. खासकर कानून व्यवस्था और वायु प्रदूषण-जल प्रदूषण को लेकर सरकार से स्पष्टीकरण मांगेगा. क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना के तहत 2020 तब का हर घर शुद्ध नल का जल पहुंचाना था. लेकिन सरकार अभी तक पहुंचा नहीं पाई हैं सरकार की योजना सिर्फ कागजी होती है. धरातल पर नहीं दिखती है. सिर्फ प्रचार-प्रसार के लिए सरकार की योजना बनती है.

पीने के पानी पर जारी रैकिंग पर एक नजर....

  • टॉप-5: मुंबई, हैदराबाद, भुवनेश्वर, रांची, रायपुर
  • 6ठे से 10 वें स्थान पर: अमरावती, शिमला, चंडीगढ़, त्रिवेंद्रम, पटना
  • 11 वें से 20 वें स्थान पर: भोपाल, गुवाहाटी, बेंगलुरु, गांधी नगर, लखनऊ, जम्मू, जयपुर, देहरादून,चेन्नई, कोलकत्ता
  • दिल्ली 21 वें स्थान पर है, यहां पीने योग्य पानी की उपलब्धता कम है.
Intro:राजधानी पटना के पानी में गुणवत्ता की कमी को लेकर पक्ष-विपक्ष 22 नवंबर से शुरू हो रहे हैं विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उठाएगा मुद्दा ,शीतकालीन सत्र में दूषित पानी को लेकर हंगामे की आसार


Body:पटना-- कुछ दिनों से राजधानी के लोग हवा में जहर का दंश झेल रहे हैं जहरीली हवा में कमी तो आई नहीं लेकिन एक और बुरी खबर सामने आ गई, देशभर में पानी की गुणवत्ता की जांच में पटना का दसवां स्थान आया है यहां का पानी दूषित है यह खुलासा केंद्र सरकार द्वारा पानी की स्थिति को लेकर जारी की गई रैंकिंग में हुआ है शनिवार को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान पानी की रैंकिंग जारी की है जिसमें पटना के पानी में गुणवत्ता की कमी पायी वहै रैंकिंग के मामले में पटना का दसवां स्थान प्राप्त हुआ है इसको लेकर अब पक्ष विपक्ष सरकार को 22 नवंबर से शुरू हो रहे हैं शीतकालीन सत्र में घेरने वाले हैं पानी की गुणवत्ता में कमी को लेकर पक्ष विपक्ष के विधायक सरकार से जवाब मांगेंगे।

अगले सप्ताह शुक्रवार से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पानी की गुणवत्ता को लेकर बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा ने कहा है कि कमियों को देखना और कमियों को सुधारना सरकार का सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है। इसलिए पानी की गुणवत्ता को लेकर जो रैंकिंग जारी की गई है उसके लिए हम केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को धन्यवाद देना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने पटना के पानी में गुणवत्ता की कमी को स्वीकार किया है इसलिए अब विधायक के नाते हम लोगों में जागरूकता पैदा करेंगे और विधायक का जो दायित्व होता है हम उसे बखूबी निभाएंगे वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण को लेकर शीतकालीन सत्र में हम सरकार को ध्यान आकर्षित करेंगे इसके साथ ही विभाग को भी सूचित करेंगे जितना हो सके जनता के मुद्दे को लेकर हम सरकार से जवाब मांगेंगे। और जल प्रदूषण को लेकर हम सरकार पर और विभाग पर दबाव बनाना भी शुरू कर दिया है।

वही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने कहा है कि अगले सप्ताह से शुरू हो रही विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समय भी कम होता है लेकिन इस सत्र में जनता के ज्वलंत मुद्दे को विपक्ष बखूबी उठाएगा और सरकार से जवाब मांगेगा खासकर कानून व्यवस्था और वायु प्रदूषण एवं जल प्रदूषण को लेकर सरकार से स्पष्टीकरण मांगेगा। क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना के तहत 2020 तब का हर घर शुद्ध नल का जल पहुंचाना था लेकिन सरकार अभी तक पहुंचा नहीं पाई हैं सरकार की योजना सिर्फ कागजी होती है धरातल पर नहीं दिखती है सिर्फ प्रचार प्रसार के लिए सरकार की योजना बनती है।

बाइट--- अरुण सिन्हा नेता बीजेपी

बाइट--- सदानंद सिंह नेता कांग्रेस




Conclusion: बिहार के पानी में आर्सेनिक की मात्रा कई इलाकों में बहुत ज्यादा है इसकी जानकारी सरकार को तो पहले से थी पटना का भी पानी कई इलाकों में पीने लायक नहीं है इसकी रिपोर्ट भी पहले आ चुकी थी लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जिसका नतीजा आज सामने है
ईटीवी भारत के लिए अरविंद राठौर
Last Updated :Nov 17, 2019, 10:25 PM IST
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