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IIT रुड़की की पहल, ऑनलाइन जमीनों की रजिस्ट्री करने वाला बिहार बनेगा पहला राज्य

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Published : Nov 16, 2021, 8:21 PM IST

आईआईटी रुड़की
आईआईटी रुड़की

आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) के सहयोग से जल्द ही बिहार में ऑनलाइन जमीन की रजिस्ट्री (Online Land Registry in Bihar) शुरू होने जा रही है. बिहार सरकार के प्रस्ताव पर आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों ने कई दौर की बैठकों के बाद जमीनों की ऑनलाइन खरीद फरोख्त के लिए तकनीक आधारित कंप्लीट सॉल्यूशन सरकार को सौंपा है.

रुड़की/पटना: देश की नामचीन संस्थान आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) के वैज्ञानिकों की तकनीक से बिहार देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां जमीनों की रजिस्ट्री घर बैठे ऑनलाइन (online land registry) कराई जा सकेगी. बिहार सरकार (Bihar Government) के प्रस्ताव पर आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों ने कई दौर की बैठकों के बाद जमीनों की ऑनलाइन खरीद फरोख्त (online purchase of land) के लिए तकनीक आधारित कंप्लीट सॉल्यूशन सरकार को सौंपा है. माना जा रहा है कि जल्द ही वैज्ञानिकों की टीम इस प्रोजेक्ट के तहत जमीनी सर्वे शुरू करेगी.

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बता दें कि अभी तक देश में कहीं भी जमीन की रजिस्ट्री करानी हो तो इसके लिए रजिस्ट्री कार्यालय जाकर औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती हैं. लेकिन बिहार सरकार घर बैठे ऑनलाइन रजिस्ट्री करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. इसके लिए बिहार सरकार की ओर से इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का भी आयोजन किया गया था. साथ ही देश के विभिन्न संस्थानों ने भी प्रेजेंटेशन दिया था.

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आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने हाल ही में सचिव स्तर की बैठक में ऑनलाइन रजिस्ट्री पर तकनीक आधारित पैकेज पर प्रैक्टिकल डोमेंस्ट्रेशन (Practical Domain) दिया है. इसके आधार पर योजना को अमलीजामा पहनाने की कसरत शुरू हो गई है. इस प्रोजेक्ट को आईआईटी रुड़की सिविल विभाग (IIT Roorkee Civil Department) के वैज्ञानिक प्रो. कमल जैन लीड कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस संबंध में बिहार सरकार के साथ कई दौर की वार्ता पूरी हो चुकी है. इसमें उन्हें कंप्लीट सॉल्यूशन दिया गया है, जिसमें जमीन संबंधी आने वाली सभी समस्याओं का निदान भी बताया गया है.

जमीन संबंधी धोखाधड़ी (Land Fraud) की आशंका अक्सर बनी रहती है, लेकिन वेब जीआईएस बेस्ड तकनीक (GIS Based Technology) से हर जानकारी अपडेट होगी. तकनीकी के तहत किसी इंटरनेट पर किसी भी जमीन के टुकड़े के चारों कोनों की जानकारी लोंगिट्यूड और लैटिट्यूड से मिलेगी. अभी तक जो काम मैनुअली होता था, वह अब वेब जीआईएस बेस्ड तकनीक से होगा. इससे जमीन फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों पर लगाम लगेगी.

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