पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आए दिन अधिकारियों के साथ आपराधिक घटनाओं को लेकर समीक्षा बैठक करते रहते हैं. उसके बावजूद भी सूबे में इन दिनों अपराध की सीमा बढ़ी हुई है. लगातार महिलाओं के साथ छेड़खानी और दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे हैं. जिसको लेकर अब नीतीश कुमार के अधिकारियों पर सवाल उठने लगे हैं. महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा दरभंगा में 5 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को लेकर पहुंची, तो वहां कोई अधिकारी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं हुए. महिला आयोग की अध्यक्ष लगातार जिला अधिकारी और अस्पताल अधीक्षक को फोन करती रहीं. लेकिन आयोग की अध्यक्ष को कोई जवाब नहीं मिला.
इस बाबत महिला आयोग की अध्यक्ष धरने पर बैठ गई थी. महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने राज्य के अधिकारियों पर अनदेखी का बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में इन दिनों अफसरशाही इतनी बढ़ गई है कि अधिकारी अब किसी की बात नहीं सुन रहे हैं. महिला आयोग की अध्यक्ष के बयान के बाद विपक्ष भी अब उनके साथ खड़ा हो गया है. आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने कहा कि हम तो पहले से ही कहते आ रहे हैं कि नीतीश कुमार सिर्फ लाल फीताशाही पर ही सूबे में राज्य कर रहे हैं.
'लाल फीताशाही के आगे मजबूर हैं नीतीश'
विजय प्रकाश ने कहा कि यदि आज बिहार में अफसरशाही न बढ़ी होती, तो महिला आयोग को अनदेखा नहीं किया जाता. जिस तरह से रविवार को महिला आयोग की अध्यक्ष धरने पर बैठी थी. इससे साफ हो रहा है कि नीतीश कुमार लाल फीताशाही के आगे मजबूर हैं. उनके ही सहारे प्रदेश में सरकार चला रहे हैं. नीतीश कुमार अपने अधिकारियों से डरे हुए हैं.
'अधिकारों का प्रयोग करे महिला आयोग'
वहीं, महिला आयोग की अध्यक्ष और विपक्ष से घिरता देख भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि महिला आयोग के पास अधिकार हैं. वह अपने अधिकारों का प्रयोग करें. जब अधिकारी बात नहीं सुन रहे हैं तो वह अपने अधिकारों का प्रयोग करें. सरकार ने आयोग का गठन कर, जो अधिकार दिया है. उन अधिकारों का प्रयोग करें और अधिकारियों को सम्मन जारी करें.
बहरहाल, हम आपको बता दें कि इससे पहले भी नीतीश कुमार के अधिकारियों पर सवाल उठ रहे थे. पटना में जलजमाव को लेकर विपक्षी नेताओं के साथ बीजेपी के कई नेताओं ने अफसरशाही की बात कही थी. लेकिन अब आयोग ने भी अफसरशाही को लेकर सवाल उठाना शुरू कर दिया है. देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार अपने अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करते हैं.