ETV Bharat / state

Patna High Court News: मधुबनी पेंटिंग की उपेक्षा पर सुनवाई, सरकार को कार्य योजना पेश करने का निर्देश

author img

By

Published : Mar 15, 2023, 5:30 PM IST

विश्व प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग की कलाकारों की दयनीय अवस्था पर सुनवाई हुई है. एसीजे जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई की. राज्य सरकार को आगे की कार्य योजना अगली सुनवाई में पेश करने का निर्देश दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई दस दिनों बाद की जाएगी. पढ़ें पूरी खबर

Etv Bharat
Etv Bharat

पटना: पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य की प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित मधुबनी पेंटिंग की (Government neglect of Madhubani painting) सरकारी उपेक्षा और कलाकारों की दयनीय अवस्था पर सुनवाई की है. आत्मबोध की जनहित याचिका पर एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आगे की कार्य योजना अगली सुनवाई में पेश करने का निर्देश दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई 10 दिनों बाद की जाएगी. जनहित याचिका पर एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार को मधुबनी पेंटिंग के विकास,विस्तार और कलाकारों के कल्याण के लिए कार्य योजना बताने को कहा है.

ये भी पढ़ें : Patna High Court: मधुबनी पेंटिंग की उपेक्षा और कलाकारों की दयनीय अवस्था पर सुनवाई, रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश

एयरपोर्ट के परिसर लगी पेंटिंग का क्रेडिट कलाकारों को नहीं दिया गया: पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कला व संस्कृति सचिव व उद्योग विभाग के निर्देशक को पटना एयरपोर्ट परिसर में बने मधुबनी पेंटिंग का निरीक्षण कर कल कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत का निर्देश दिया था. उन्होंने जो रिपोर्ट दिया है उससे स्पष्ट हुआ कि पटना एयरपोर्ट के परिसर में जो मधुबनी पेंटिंग लगी है. वहां न तो कलाकारों को क्रेडिट दिया गया है. साथ ही जी आई टैग भी नहीं लगा है. इससे मधुबनी पेंटिंग व उसके कलाकारों की उपेक्षा स्पष्ट होती है. कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा कि मधुबनी पेंटिंग के विकास और विस्तार के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जाना चाहिए.

मधुबनी पेंटिंग की हो रही सरकारी उपेक्षा: याचिकाकर्ता के वकील डा. मौर्य विजय चन्द्र ने कोर्ट को बताया कि मधुबनी पेंटिंग सरकारी उपेक्षा का शिकार तो है ही, साथ ही मधुबनी पेंटिंग करने वाले कलाकारों का शोषण भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मधुबनी पेंटिंग की ख्याति देश विदेश में है,लेकिन मधुबनी पेंटिंग के कलाकार गरीबी में जीवन बिता रहे हैं. बिचौलिए उनकी पेंटिंग का बाहर ले जा कर महंगे दामों में बेचते है. जबकि उन कलाकारों को बहुत थोड़ी सी रकम दे देते है.

आजतक रेजिस्ट्रेशन नहीं हुआ : याचिकाकर्ता के वकील डा. मौर्य विजय चन्द्र ने कोर्ट को बताया कि उन्हें 2005 में ही जीआई टैग भारत सरकार से लगाने की अनुमति प्राप्त हुई. ये भौगोलिक क्षेत्र के तहत रजिस्टर होता है, लेकिन इसका आजतक रेजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. अब इस मामलें पर अगली सुनवाई दस दिनों बाद की जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.