10 लाख नौकरी का वादा पूरा करने में जुटे तेजस्वी, किस विभाग में कितनी रिक्तियां..तैयार हो रही सूची

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Published : Sep 9, 2022, 8:53 PM IST

10 lakh jobs in Bihar

महागठबंधन की सरकार से युवाओं को काफी उम्मीदें हैं. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने वादा किया था कि सरकार बनते ही 10 लाख नौकरी देंगे. तेजस्वी भी अपने वादे को जल्द से जल्द पूरा करने में लगे हैं लेकिन 1 साल के अंदर 10 लाख लोगों को नौकरी देना आसान नहीं होगा. सरकार के बजट पर इसका सीधा असर पड़ेगा. पढ़ें इनसाइड स्टोरी..

पटना: बिहार में इन दिनों नौकरी को लेकर खूब सियासत हो रही है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) ने 10 लाख नौकरी देने का वादा (10 lakh jobs in Bihar ) पूरा करने की बात कही है और उसको लेकर सभी विभागों को जल्द से जल्द रिक्तियां (Vacancies in Departments in Bihar) भेजने का निर्देश दिया गया है. लेकिन 1 साल के अंदर 10 लाख लोगों को नौकरी देना सरकार के लिए आसान नहीं होगा. एड़ी चोटी का जोर लगाकर भी सरकार ज्यादा से ज्यादा 1 से 2 लाख लोगों को ही रोजगार दे पाएगी.

पढ़ें- आरजेडी का घोषणा पत्र जारी, 10 लाख नौकरी-किसान कर्ज माफी का वादा

10 लाख को नौकरी वादा पूरा करना नहीं आसान: बिहार सरकार ने वेतनमान में 64788 करोड़ का वित्तीय वर्ष में प्रावधान किया है तो वही पेंशन मद में 24252 करोड़ रुपये साल में खर्च करेगी. कुल मिलाकर देखें 89 हजार करोड़ से अधिक वेतन और पेंशन मद में सरकार ने बजट में प्रावधान किया है लेकिन 10 लाख नौकरी सरकार देती है तो यह बजट काफी बढ़ जाएगा. जानकार कहते हैं कि 1 साल में सरकार बहुत से बहुत एक से दो लाख नौकरी ही उपलब्ध करा सकेगी. इस पर भी सरकार का 15000 करोड़ से अधिक सलाना बजट बढ़ेगा. अभी कई विभागों में समय पर वेतन देना भी सरकार के लिए मुश्किल हो रहा है.ऐसे में नई नौकरियों से सरकार की मुश्किलें और बढ़ेगी.

'रिक्तियों की सूची हो रही तैयार': तेजस्वी यादव ने 2020 चुनाव में 10 लाख नौकरी का वादा किया था. नीतीश कुमार के साथ महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से उन्हें बार-बार 10 लाख नौकरी का वादा याद दिलाया जा रहा है. नौकरी पर सियासत भी शुरू है तो दूसरी तरफ तेजस्वी यादव ने कहा है कि हम अपना वादा हर हाल में पूरा करेंगे. युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले इसके लिए हमने काम भी शुरू कर दिया है. शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, ग्रामीण कार्य, राजस्व एवं भूमि सुधार, कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभागों में आने वाले दिनों में बंपर बहाली होना तय है क्योंकि रिक्तियों की सूची इन विभागों में तैयार हो रही है.

किस विभाग में कितनी हैं रिक्तियां?: बिहार में 40000 प्रधानाध्यापकों की बहाली का फैसला एनडीए सरकार के समय ही लिया गया था तो बहाली प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इसके अलावा 140000 शिक्षकों की कमी है और उसे भरने की तैयारी हो रही है. विश्वविद्यालयों में भी 12 हजार से अधिक शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों की बहाली होनी है. दूसरा जो महत्वपूर्ण विभाग है वह स्वास्थ्य विभाग और उसमें 15 हजार से 20000 रिक्तियां हैं. डॉक्टर, नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ के पदों को भरा जाएगा. साथ ही आयुष के क्षेत्र में भी बहाली होगी.

कई विभागों में मिलेगी बंपर नौकरी: ऐसे आईएमए बिहार के अध्यक्ष रहे डॉ अजय कुमार का कहना है बिहार में 12 करोड़ की आबादी मान लिया जाए तो 120000 डॉक्टर होना चाहिए लेकिन 40000 से अधिक डॉक्टर बिहार में नहीं हैं. अगर आयुष और अन्य डॉक्टरों को ही मिला लें तो भी डॉक्टरों की काफी कमी है. पुलिस विभाग में 20000 पद रिक्त हैं इसमें हवलदार, जमादार, दारोगा और इंस्पेक्टर सहित अन्य पद शामिल हैं. इसमें से 12000 पदों पर बहाली की तैयारी हो रही है. ग्रामीण कार्य विभाग में चतुर्थ वर्ग से अभियंता तक 10000 पदों पर बहाली होगी. वहीं पथ निर्माण विभाग में भी बड़े पैमाने पर बहाली की तैयारी हो रही है.

सरकार को बजट की समस्या: इसके अलावा सचिवालय सेवा में भी 2,000 से अधिक पद खाली पड़े हैं. पुलिस विभाग को छोड़ दें तो अधिकांश आरजेडी कोटे के विभाग हैं और इसलिए तेजस्वी यादव इन विभागों में जल्द से जल्द रिक्तियों की सूची तैयार कर बहाली की कोशिश में लगे हैं. ऐसे तो सचिवालय के अधिकारियों के अनुसार बिहार में 5 लाख से 6 लाख पद विभागों में रिक्त पड़े हैं जिस पर सरकार चाहे तो नियुक्ति हो सकती है लेकिन सबसे बड़ी समस्या बजट की है. सभी खाली पदों पर नियुक्ति हो जाए तो सरकार का अधिकांश बजट वेतन और पेंशन में ही चला जाएगा. ऐसे अंतिम रूप से रिक्तियों की सूची आने के बाद ही स्थिति साफ होगी.

इन विभागों में स्टाफ की घोर कमी : विभागों से मिली जानकारी के विभागों में रिक्त पदों पर बहाली हो सकती है. शिक्षा विभाग में 140000 शिक्षकों के पद रिक्त हैं. इनमें 40000 प्रधानाध्यापक और 12000 प्रोफ़ेसर और नॉन टीचिंग स्टाफ की बहाली की जानी है. स्वास्थ्य विभाग में 20000 डॉक्टर नर्स और मेडिकल स्टाफ की रिक्तियां हैं. पुलिस विभाग की बात करें तो यहां 12000 हवलदार से लेकर इंस्पेक्टर तक की बहाली की जानी है. ग्रामीण कार्य विभाग में 10,000 इंजीनियर से लेकर चतुर्थ वर्गीय तक की रिक्तियां हैं. कृषि विभाग में 850, राजस्व एवं भूमि सुधार में 2000 अमीन, जल संसाधन में 2000, पथ निर्माण विभाग में 10000 अभियंता से चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की रिक्तियां हैं. ग्रामीण विकास विभाग, पीएचईडी, भवन निर्माण विभाग में भी काफी पद खाली हैं और इसी साल वर्षों बाद अभियंताओं की नियुक्ति भी इन विभागों में हुई है लेकिन अभी भी काफी पद खाली पड़े हैं. अभियंता के साथ अन्य पद भी इन विभागों में खाली हैं और उसकी भी रिक्तियों की सूची तैयार हो रही है.

इसके अलावा बिहार सचिवालय सेवा में भी काफी पद रिक्त हैं. निदेशक, उप सचिव, अवर सचिव जैसे पद काफी संख्या में खाली पड़े हुए हैं जो सचिवालय सेवा से प्रोन्नति के माध्यम से भरे जाते हैं. वित्त विभाग के अधिकारी के अनुसार बिहार में 4.50 लाख के करीब कर्मचारी हैं और पांच लाख से करीब शिक्षक हैं . संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या भी अच्छी खासी है. साथ ही डॉक्टर, इंजीनियर और प्रोफ़ेसर और अधिकारी सभी को ले लें तो सरकार फिलहाल 64788 करोड़ की राशि वेतन मद में इस साल खर्च कर रही है.

10 लाख नौकरी के लिए करनी पड़ेगी बजट में विशेष व्यवस्था: वहीं 24252 करोड़ रुपए पेंशन मद में भी खर्च कर रही है. हर साल सेवांत लाभ में भी सरकार को दो हजार करोड़ के करीब राशि खर्च करना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार 10 लाख नौकरी अलग-अलग विभागों में और अलग-अलग पदों पर देती है तो उसका सही आंकड़ा अभी बताना संभव नहीं है लेकिन हर महीने एक बड़ी राशि का इंतजाम करना होगा. इसके लिए बजट में विशेष व्यवस्था करनी पड़ेगी.



वित्तीय वर्ष 2022- 23 मई वेतन और पेंशन मध्य में बिहार सरकार की ओर से जो राशि रखी गई है इस प्रकार से है...

  • वेतन मद में बजटीय प्रावधान- 64788 करोड़
  • पेंशन मद में बजट में प्रावधान- 24252 करोड़

युवा करा रहे रजिस्ट्रेशन: यदि नेशनल कैरियर सर्विस पोर्टल के आंकड़ों को देखें तो इस साल मार्च तक 3 लाख से अधिक युवाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. पिछले 2 महीनों में 34000 से अधिक युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है. बेरोजगारों को ऑनलाइन निबंधन की सुविधा नेशनल कैरियर सर्विस पोर्टल (एनसीएस) पर वित्तीय वर्ष 2015-16 से मिली हुई है. अब तक इस पोर्टल पर 15 लाख के करीब बेरोजगारों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है लेकिन इसमें से केवल डेढ़ लाख से 200000 के करीब युवाओं को ही रोजगार प्राप्त हो सका है.

नहीं मिल रहा युवाओं को रोजगार: तेजस्वी यादव ने कई क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने की उम्मीद युवाओं में जगाई है लेकिन सबसे बड़ी चुनौती है 10 लाख नौकरी देने की है. उसके लिए बजट की व्यवस्था कैसी होगी, सरकार की तरफ से यह बताने वाला कोई नहीं है. क्योंकि नीतीश कुमार 10 लाख नौकरी का पहले विरोध करते थे और अब तेजस्वी के हां में हां मिला रहे हैं. बिहार में पिछले कुछ सालों का आंकड़ा देखें तो रोजगार उपलब्ध कराने में स्थिति बहुत बेहतर नहीं है. प्रत्येक साल एक लाख से अधिक युवा एनसीएस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराते हैं लेकिन रोजगार कितना मिलता है कुछ सालों के आंकड़ों को देखें तो स्पष्ट होता है.

  • 2018-19- 25876
  • 2019-20- 16550
  • 2020-21- 6400
  • 2021-22- 5643

"नौकरी को लेकर एक्सरसाइज हो रहा है. सरकार अपने वादे को निभाएगी."- संजय झा, जल संसाधन मंत्री, बिहार

"प्रक्रिया चल रही है और पहले भी नौकरी और रोजगार को लेकर सरकार ने प्रयास किया है. नीतीश कुमार बिना संसाधन की व्यवस्था किए कोई बात नहीं कहते हैं."- राजीव रंजन, वरिष्ठ नेता जदयू

"डींग हांकना और बात है हम तो चुनौती देते हैं तेजस्वी यादव को यदि हिम्मत है तो विभागवार रिक्तियों का कैलेंडर जारी करें. जब पहले संभव नहीं था तो अब कैसे संभव होगा."- अरविंद सिंह, प्रवक्ता बीजेपी

"प्रक्रिया चल रही है, रिक्तियां मांगी गई है. सरकार के लिए नौकरी यूएसपी है और इसे हर हाल में पूरा किया जाएगा."- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता आरजेडी

तेजस्वी यादव ने 10 लाख नौकरी का वादा किया था. मुख्यमंत्री ने 10 लाख रोजगार और देने का वादा किया है. बिहार के युवाओं के बेहतरी के लिए यह अच्छी बात है और युवा इंतजार भी कर रहे थे. लेकिन जहां तक वित्तीय स्थिति की बात है तो अभी 64 हजार करोड़ के करीब कर्मचारी अधिकारियों पर सरकार वेतन में खर्च कर रही है तो 1000000 और जब भर्तियां होंगी तो उसके लिए सरकार के पास वित्तीय व्यवस्था है, यह महत्वपूर्ण है.- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विशेषज्ञ


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