ETV Bharat / state

बिहार में शराब माफियाओं पर जियो टैगिंग की मदद से शिकंजा कसेगी पुलिस

author img

By

Published : Apr 10, 2021, 6:33 PM IST

Updated : Apr 10, 2021, 10:52 PM IST

बिहार सरकार और पुलिस विभाग द्वारा लगातार शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए नए-नए हथकंडे भी अपनाए जा रहे हैं. इसके बावजूद शराब माफिया अवैध रूप से शराब का व्यवसाय कर रहे हैं. राज्य सरकार ने शराब तस्करों के मनोबल को तोड़ने के लिए श्वान दस्ते की अतिरिक्त टीम, ड्रोन कैमरों के अलावा अब मद्य निषेध विभाग ने एसओपी भी बनाया है. जिसके तहत अब जिन जगहों पर शराब पकड़ी जाएगी, वहां जियो टैगिंग होगी. देखिए ये रिपोर्ट.

पटना
पटना

पटना: बिहार में अब जिन जगहों पर शराब पकड़ी जाएगी वहां जिओ टैगिंग होगी. राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन इसको लेकर तैयारियों में जुट गई है. बिहार में उत्पाद विभाग और मद्य निषेध की टीम ने एक नया एसओपी तैयार किया है. जिसमें जिस जगह पर शराब पकड़ी जाएगी, वहां पर जियो टैगिंग की जाएगी. जियो टैगिंग के तहत डिजिटल मैपिंग कर उन क्षेत्रों को चिन्हित किया जाएगा, जहां पर बार-बार शराब बरामद होती है.

ये भी पढ़ें- बिहार में 'अ'पूर्ण शराबबंदी ! धड़ल्ले से हो रही बिक्री, खाकी तक तस्करी में संलिप्त

मद्य निषेध टीम ने तैयार किया एसओपी
बता दें कि जियो टैगिंग की मदद से उन क्षेत्रों में भविष्य में निगरानी रखी जाएगी, ताकि शराब तस्करों के मनोबल को तोड़ा जा सके. पुलिस प्रशासन का मानना है कि जियो टैगिंग के दौरान शंका के आधार पर तुरंत छापेमारी की जा सकेगी और शराब तस्करों को पकड़ा जा सकेगा.

आसानी से की जा सकेगी छापेमारी
आसानी से की जा सकेगी छापेमारी

जिओ टैगिंग से शराब तस्करों पर शिकंजा
जिला पुलिस उत्पाद विभाग और मद्य निषेध की टीम संयुक्त रूप से मिलकर एक प्लान के तहत राज्य के अंदर ही शराब बनाने वाली मिनी फैक्ट्री और शराब बनाने वालों को पकड़ने की कार्रवाई करेगी. इसके लिए सबसे पहले उन क्षेत्रों की जियो टैगिंग की जाएगी, जिन क्षेत्र में छापेमारी के दौरान बार-बार शराब की खेप पुलिस को मिल रही है.

  • मद्य निषेध टीम ने तैयार किया नया एसओपी
  • शराब पकड़ी गई जगहों की होगी जिओ टैगिंग
  • डिजिटल मैपिंग कर उन क्षेत्रों को किया जाएगा चिन्हित
  • भविष्य में उन क्षेत्रों पर रखी जाएगी कड़ी नजर

क्या है जियो टैग ?
जियो टैग का अर्थ है कार्य की भौगोलिक स्थिति यानी कौन कितनी ऊंचाई और कितनी दूरी पर है. जियो टैग से ये भी साफ होगा कि किस कार्य की क्या स्थिति है और कितना धन खर्च हो रहा है. इससे पहले हुए कार्य पर दोबारा ये काम नहीं हो पाएगा.

श्वान दस्ते की अतिरिक्त टीम
श्वान दस्ते की अतिरिक्त टीम

पीएचक्यू जानकारी देने से कर रहा परहेज
हालांकि, पुलिस प्रशासन ने बनाए गए नए एसओपी के बारे में पुलिस मुख्यालय कुछ भी खुलकर बताने से परहेज कर रही है. पुलिस मुख्यालय का मानना है कि बनाए गए नए एसओपी के बारे में अगर जानकारी दी जाएगी, तो शराब व्यवसाई या क्रिमिनल प्रवृत्ति के लोग सतर्क हो जाएंगे.

''लगातार मिल रही गुप्त सूचना के आधार पर शराब व्यवसायियों को राज्य के अंदर और बाहर से पकड़ा जा रहा है. बिहार पुलिस शराब बंदी कानून को पालन करवाने हेतु पूरी तरह से कटिबद्ध है. अगर शराब व्यवसायियों की मदद करते पुलिस वाले भी पकड़े जाएंगे, तो उन पर भी कार्रवाई की गई है और आगे भी की जाएगी''- जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय
जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

आसानी से की जा सकेगी छापेमारी
किसी घटना की शंका होने पर तत्काल उन क्षेत्रों में छापेमारी हो सकेगी. इसके अलावा शराब की तस्करी करने के मामलों में पकड़े गए और पूर्व के चार्जशीट व्यक्तियों को भी फिर से पकड़कर पूछताछ की जाएगी. बिहार राज्य में शराबबंदी के 5 साल बीत जाने के बाद भी पूर्ण रूप से शराब बंदी कानून लागू नहीं हो पा रहा है.

ये भी पढ़ें- ड्राई स्टेट की हकीकत : बिहार में महाराष्ट्र से ज्यादा पी रहे शराब, सवालों में शराबबंदी

बिहार पुलिस की कवायद
बिहार पुलिस राज्य सरकार की नीति के तहत से शराबबंदी कानून को सख्ती से पालन करवाने हेतु राज्य के अंदर और राज्य के बाहर बड़े शराब सप्लायरों को भी लगातार पकड़ने की कवायद में जुट गई है. हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, झारखंड और बंगाल के कई बड़े शराब तस्करों को गिरफ्तार कर बिहार लाया गया है. ताकि शराब तस्करों का जो मनोबल है, उसे तोड़ा जा सके.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

5 दिनों में 2899 लोग गिरफ्तार
पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार की माने तो बिहार पुलिस लगातार बड़े शराब तस्करों को पकड़ने की कवायद में जुट गई है. कई शराब तस्करों को सूचना के आधार पर पकड़ कर बाहर से लाया गया है. पुलिस मुख्यालय से मिल रही जानकारी के अनुसार राज्य में शराब के अवैध कारोबारों की गतिविधियां अचानक बढ़ गई है लिहाजा अप्रैल माह के शुरुआत के 5 दिनों में उत्पाद विभाग ने 2899 लोगों को गिरफ्तार किया है.

शराब तस्करों पर शिकंजा
शराब तस्करों पर शिकंजा

साढ़े 4 लाख लीटर शराब जब्त
इसके साथ ही करीब साढ़े 4 लाख लीटर शराब जब्त किया है. जिसमें 258 चार पहिया और 50 हजार 111 दो पहिया वाहन जब्त किए हैं. पुलिस मुख्यालय से मिल रही जानकारी के अनुसार इसी साल के अप्रैल माह में अब तक केवल गोपालगंज जिले से 2734 लीटर विदेशी शराब और 533 लीटर देसी शराब जब्त की गई है.'

तैयार किया नया एसओपी
तैयार किया नया एसओपी

बिहार में शराबबंदी के 5 साल
राज्य में शराबबंदी के 5 साल पूरे हो गए हैं. अप्रैल 2016 से लेकर मार्च 2021 तक शराब बंदी कानून तोड़ने वालों का एक बड़ा आंकड़ा सामने आया है. 5 सालों के दौरान शराब बंदी कानून तोड़ने वाले 72 हजार 443 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. शराब पकड़ने के लिए 5 लाख 51 हजार 484 जगहों पर छापेमारी की गई है और इस दौरान 38 लाख 19 हजार 443 लीटर देसी विदेशी शराब बरामद की गई है.

ये भी पढ़ें- ईटीवी भारत के पास जहरीली शराब से मौत के सबूत, जवाबदेही तय नहीं कर पा रही सरकार?

पटना जिले में सबसे ज्यादा छापेमारी
एक आंकड़े के मुताबिक शराबबंदी के 5 साल के दौरान पटना जिले में सबसे ज्यादा छापेमारी की गई है. पिछले 5 सालों में पटना जिले में 49 हजार 973 छापेमारी कर 68 हजार 57 लोगों की गिरफ्तारी की गई है और 2 लाख 90 हजार 498 लीटर शराब बरामद की गई है. वहीं, 2019 में एक 30 हजार 903 लीटर प्रति महीना औसतन देसी शराब पकड़ी गई. 2020 में 50 हजार 453 लीटर प्रति माह औसतन देसी शराब पकड़ी गई. वहीं, 2021 में केवल 3 माह में 45 हजार 46 लीटर प्रति माह औसतन देसी शराब पकड़ी गई है.

ये भी पढ़ें- अपराधियों के मंसूबों पर पानी फेरेंगे डॉग स्क्वायड के 'स्पेशल-25'

ये भी पढ़ें- पूर्ण शराबबंदी के बावजूद बिहार में फल-फूल रहा शराब का सिंडिकेट

Last Updated : Apr 10, 2021, 10:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.