ETV Bharat / state

शराबबंदी कानून पर CJI ने जदयू की बढ़ाई मुश्किलें, सफाई दे रहे नेता

author img

By

Published : Dec 30, 2021, 5:10 PM IST

Updated : Dec 30, 2021, 5:51 PM IST

बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर जेडीयू लगातार घिरती जा रही है. विपक्ष और सहयोगी दल के नेता तो सवाल खड़े करते ही थे, लेकिन अब तो सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (CJI NV Ramana) ने भी सवाल उठा दिए, जिसे लेकर जेडीयू के कई नेता इस कानून पर तरह-तरह की दलीलें पेश कर रहे हैं....

CJI ने जदयू की बढ़ाई मुश्किलें
सीएम नीतीश और सीजेआई एनवी रमना

पटना: बिहार में 2016 से ही शराबबंदी लागू है. लेकिन शराबबंदी कानून के कारण बड़ी संख्या में लोग गिरफ्तार किए गए हैं और कोर्ट में केस लगातार बढ़ रहे हैं. इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई एनवी रमना ने हाल ही में बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Ban In BIhar) का हवाला देते हुए इसे किसी कानून का मसौदा तैयार करने में दूरदर्शिता की कमी का उदाहरण बताया था. इसके बाद से जदयू नेताओं की मुश्किल बढ़ी हुई हैं. जदयू के नेता (JDU leader on CJI statement) और मंत्री लगातार सफाई दे रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः CJI एनवी रमना की शराबबंदी कानून पर टिप्पणी पर बोली JDU, कहा- 'ये बयान उचित नहीं'

जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद का कहना है कि शराबबंदी कानून बिहार विधानसभा में चर्चा और सर्वसम्मति प्रस्ताव पास कराने के बाद लागू हुआ था. कानून को पटना हाईकोर्ट में भी चुनौती दी गई, उसमें भी बिहार सरकार की जीत हुई. ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी ले जाया गया, वहां भी सरकार की जीत हुई.

'शराबबंदी कानून में पकड़े गए लोगों के लिए सरकार ने विशेष कोर्ट की व्यवस्था की है और लोगों को सजा भी हो रही है. बिहार सरकार के तरफ से फूल प्रूफ व्यवस्था करके इस कानून को लागू किया गया है. बिहार के लोगों के हित और समाज के हित में शराबबंदी कानून बिहार सरकार ने लागू किया है'- अरविंद निषाद, प्रवक्ता, जदयू

ये भी पढ़ें : चीफ जस्टिस एन वी रमना की शराबबंदी कानून पर टिप्पणी का पटना हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता ने किया समर्थन

वहीं, जदयू कोटे से मंत्री श्रवण कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे मामले को खुद देख रहे हैं, जो भी समस्या होगी, वो उसे दूर करेंगे. उनके पास इस समस्या को हल करने के लिए पूरी टीम बैठी हुई है, जो इस कानून के लागू होने में आने वाली बधाओं को दूर करेगी.

देखें वीडियो

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्‍यायाधीश एनवी रमना ने कहा था कि बिहार में शराबबंदी कानून के बाद हालत यह है कि पटना हाइकोर्ट में जमानत की याचिका पर एक-एक साल पर सुनवाई होती है. सीजेआई (CJI) के बयान के बाद इस पर सियासी बयानबाजी तेज हो गयी है. जहां एक ओर विपक्षी पार्टियां नीतीश के इस अभियान को लेकर सवाल खड़े कर रही है. वहीं, जदयू के नेताओं का कहा है कि देश के मुख्य न्यायाधीश का यह बयान उचित नहीं है.

इसे भी पढ़ें : SC के मुख्य न्यायाधीश के बयान पर बिहार में सियासत, बीजेपी और कांग्रेस के बीच होने लगी बयानबाजी

शराबबंदी कानून को लेकर पहले भी विपक्ष और सहयोगी दल के नेता सवाल खड़ा करते रहे हैं, एनडीए के सहयोगी जीतन राम मांझी बड़ी संख्या में गरीब लोगों के पकड़े जाने पर हमेशा सवाल उठाते हैं. लेकिन अब सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने जिस तरह से सवाल खड़े किए हैं, इससे नीतीश कुमार और जदयू की मुश्किलें बढ़ गई हैं. पार्टी नेताओं को जवाब देते नहीं बन रहा है.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

Last Updated : Dec 30, 2021, 5:51 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.