NH पर पर्याप्त संख्या में पेट्रोल पंप नहीं होने पर पटना हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

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Published : Apr 25, 2022, 8:37 PM IST

पटना हाईकोर्ट में सुनवाई

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर पर्याप्त संख्या में पेट्रोल पंप नहीं होने को लेकर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने विकास आयुक्त को सभी जिलों के डीएम के साथ बैठक करने का निर्देश दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 5 मई को होगी. पढ़ें पूरी खबर....

पटना: बिहार के स्टेट और नेशनल हाइवे पर पर्याप्त संख्या में पेट्रोल पंप नहीं है. इसे मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए विकास आयुक्त को निर्देश दिया है कि वे राज्य के सभी जिले के डीएम की बैठक बुलाए और उस बैठक की रिपोर्ट पेश करे. कोर्ट ने जानना चाहा कि अब तक स्टेट और नेशनल हाइवे पर कितने पेट्रोल पम्प खोलने की अनुमति दी गई है. साथ ही राज्य के विस्तार, जनसंख्या और वाहनों की संख्या के मद्देनजर और कितने पेट्रोल पम्प खोले जाने की आवश्यकता है. इस बारे में हाल में सर्वे किया गया हैं या नहीं.

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खस्ताहाल राजमार्गों पर कोर्ट सख्त: इधर, बिहार में राष्ट्रीय राजमार्गों की खस्ताहाल स्थिति से सम्बंधित जनहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के सामने पुल निर्माण करने वाली कंपनी के प्रबंध निदेशक ने वादा किया है कि समय सीमा के भीतर सारे परियोजनाएं पूरी कर ली जाएंगी. बता दें कि कोर्ट ने इस मामले के पिछली सुनवाई में गंडक नदी पर पुल समेत अन्य योजनाओं को पूरा करने में विलम्ब होने पर नाराजगी जाहिर की थी. कोर्ट ने वैशाली के डीएम और एनएचएआई के क्षेत्रीय पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि निर्माण कंपनी के कार्यों की समीक्षा कर कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत करें. इस मामलें पर अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी.

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सरकारी वकील की नियुक्ति पर रोक: बिहार लैंड ट्रिब्यूनल के लिए विशेष सरकारी वकील और 25 अपर सरकारी वकील की नियुक्ति समेत अन्य विभागों में दो विशेष सरकारी वकीलों और 25 अपर सरकारी वकीलों की नियुक्ति आरक्षण के आधार पर की गई. इस मामले पर एक जनहित याचिका दायर की गई है. जिस पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि किस नियम के तहत आरक्षण का लाभ देते हुए उक्त नियुक्तियों को किया गया है. इस मामलें पर 6 सप्ताह बाद सुनवाई होगी.

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