अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मंगल पांडे बोले- 'मातृशक्ति के सहयोग से बिहार में दी जा रही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं'

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Published : Mar 8, 2022, 10:53 PM IST

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ()

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women Day) के मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने 120 से अधिक आशा, ममता, एएनएम, महिला चिकित्सा पदाधिकारी और महिला डाटा एंट्री ऑपरेटर को सम्मानित किया. इस दौरान उन्होंने आशा वर्कर्स की पोशाक योजना की राशि ₹500 बढ़ाई. अब आशा कर्मियों को प्रतिवर्ष पोशाक के लिए 1500 रुपए मिलेंगे. पढ़ें पूरी खबर..

पटना: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राज्य स्वास्थ्य समिति और केयर इंडिया की तरफ से गुरु नानक भवन में महिला सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश के सभी जिलों से आए हुए 120 से अधिक आशा, ममता, एएनएम, महिला चिकित्सा पदाधिकारी और महिला डाटा एंट्री ऑपरेटर को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने प्रशस्ति पत्र और गिफ्ट हैंपर देकर सम्मानित किया. इस मौके पर फीमेल लिटरेसी को लेकर महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने कविता पाठ किया और वुमन एंपावरमेंट को दिखाते हुए एक माइम परफॉर्म किया.

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आशा वर्कर्स को दी सौगात: कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) के अलावा स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत और राज्य स्वास्थ समिति के ईडी संजय कुमार विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के कार्यक्रम के मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने आशा कर्मियों की पोशाक की राशि ₹500 बढ़ाने की घोषणा की. अब तक साल में आशा कर्मियों को पोशाक के लिए ₹1000 मिला करते थे, लेकिन अब स्वास्थ्य मंत्री की घोषणा के बाद से ₹1500 मिलेंगे.

मातृशक्ति को किया नमन: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इस मौके पर कार्यक्रम समाप्ति के बाद कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर वह देश दुनिया की मातृशक्ति को नमन करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हैं. स्वास्थ्य विभाग में भी मातृशक्ति के सहयोग से काम करने में काफी सुविधा और सहूलियत मिलती है. स्वास्थ्य विभाग में आधे से अधिक मानव बल मातृ शक्ति के रूप में हैं. इन्हीं के प्रयासों से राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं.

''अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर प्रदेश में 90,000 की संख्या में जो आशा कर्मी हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराती हैं. उन्हें प्रति वर्ष अब तक पोशाक के लिए जो ₹1000 मिलता था उसमें ₹500 की बढ़ोतरी की गई है. नए वित्तीय वर्ष से आशा कर्मियों को 1500 रुपए प्रतिवर्ष दिए जाएंगे. बिहार में टीका लेने में भी और टीका लगाने में भी महिलाएं अव्वल हैं. महिलाओं ने लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया है. कोरोना काल में भी स्वास्थ्य विभाग के अंदर महिला कर्मियों ने जो कार्य किया है वह अद्भुत है और उनके प्रयासों का नतीजा है कि प्रदेश आज कोरोना की स्थिति को अच्छी तरीके से संभाल पाया है.''- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री

'ब्रेक द बायस' थीम पर कार्यक्रम: स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत (Principal Secretary of Health Department Pratyaya Amrit) ने कहा कि इस बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम 'ब्रेक द बायस' रखी गई है. समाज में महिलाओं को लेकर जो बायसनेस है उसे तोड़ना है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में कर्मियों की संख्या की बात करें तो उसमें 50 फीसदी से अधिक महिलाएं हैं और आशा, ममता, एएनएम ने कोरोना काल में जिस प्रकार काम किया है, वह सराहनीय है. उन्हीं की कार्य कुशलताओं का नतीजा है कि प्रदेश कोरोना की गंभीर स्थिति को अच्छे तरीके से संभाल पाया है.

''वैक्सीनेशन में प्रदेश ने जो उपलब्धि हासिल की है, उसका पूरा श्रेय महिला वैक्सीनेटरों को जाता है. लोगों में फैली हुई तमाम अफवाहों और भ्रांतियों के बीच जिस प्रकार से एएनएम और आशा कर्मियों ने वैक्सीनेशन के लिए लोगों को अवेयर करके उन्हें वैक्सीनेट कर पाई है, यह एक बड़ी उपलब्धि है. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर वह मातृशक्ति को नमन करते हैं.''- प्रत्यय अमृत, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग

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