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Haritalika Teej 2023: 18 सितंबर को मनाई जाएगी तीज, जानें पूजा करने की विधि और शुभ मुहूर्त

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 17, 2023, 6:32 AM IST

Updated : Sep 17, 2023, 10:24 AM IST

इस बार 18 सितंबर को हरितालिका तीज मनायी जाएगी जाएगी. सुहागिन महिलाएं पति की लंबी के लिए व्रत रखती हैं. आचार्य मनोज मिश्रा ने पूजा करने के शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में जानकारी दी. पढ़ें पूरी खबर...

हरितालिका तीज 2023
हरितालिका तीज 2023

आचार्य मनोज मिश्रा

पटना: हर साल हरितालिका तीज भादो मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है. इस बार हरितालिका तीज व्रत सोमवार 18 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला रहकर माता पार्वती और भगवान शिव शंकर की उपासना करती हैं. पटना के आचार्य मनोज मिश्रा ने पूजा करने का शुभ मुहूर्त के बारे में बताया.

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हरितालिका तीज का महत्व: आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि हरितालिका तीज का महत्व बहुत ही खास माना जाता है. इस व्रत को सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे खास और कठिन व्रत माना गया है. मनोज मिश्रा ने बताया कि इस बार तृतीया तिथि रविवार 17 सितंबर को सुबह 9:37 मिनट से लेकर 18 सितंबर दिन सोमवार को सुबह 10:27 मिनट तक रहेगी. इसलिए हरितालिका तीज व्रत सोमवार 18 सितंबर को उदयातिथि में मनायी जाएगी.

हरितालिका तीज में पूजा विधिः सुहागिन महिलाओं को स्नान ध्यान करके अपने घर को साफ सुथरा कर पूजा करें. पूजा चौकी पर सुंदर आसन्न बिछाकर माता पार्वती भोलेनाथ का फोटो या गाय की गोबर, मिट्टी या बालू से प्रतिमा बनाएं. माता पार्वती और भोलेनाथ को गंगाजल दूध से अभिषेक करते हुए पूजा करनी चाहिए. पुष्प फल फूल मिठाई चढ़ाएं. सोलह शृंगार का सामान भी चढ़ाना चाहिए.

हरितालिका तीज में पूजा का शुभ मुहूर्तः मनोज मिश्रा ने बताया कि पूजा सुबह 9:00 बजे तक शुभ मुहूर्त में कर लें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस वर्ष तीज करने से माता पार्वती बेहद प्रसन्न होते हैं. सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान देती हैं. हरितालिका तीज का व्रत हिंदू धर्म में सबसे बड़ा व्रत माना जाता है. सुहागिन महिलाओं के साथ-साथ कम उम्र की लड़कियों के लिए व्रत श्रेष्ठ माना गया है.

"इस बार 18 सितंबर को हरतालिका तीज मनायी जाएगी. 17 सितंबर को सुबह 9:37 मिनट से लेकर 18 सितंबर दिन सोमवार को सुबह 10:27 मिनट तक रहेगी. 18 सितंबर उदयातिथि है, इसलिए इसी दिन व्रत रखा जाएगा. इस दिन पूजा करने का शुभ मुहुर्त 9 बजे सुबह तक है. इसलिए इसी समय पूजा करनी चाहिए." -मनोज मिश्रा ,आचार्य

हरितालिका तीज की मान्यताः भगवान शिव माता पार्वती व गणेश जी की पूजा का महत्व है. इस दिन निर्जला रहकर महिलाएं व्रत करती हैं. रात में नित्य गीत गाते हुए इस व्रत को करती हैं. हरितालिका तीज व्रत से माता पार्वती की कहानी जुड़ी हुई है. माता गौरी पार्वती रूप में वे शिव जी को पति के रूप में चाहती थी, जिसके लिए माता पार्वती को काफी तपस्या करनी पड़ी थी. उस वक्त पार्वती की सहेलियों ने उन्हें अगवा कर लिया था और इस कारण इस व्रत को हरतालिका कहा गया है.

माता पार्वती व शिव से जुड़ा है तीजः हरत मतलब अगवा करना व आलिका का मतलब सहेली अर्थात सहेलियां द्वारा अपहरण कर लिया गया था. कहा जाता है की माता पार्वती मन ही मन शिव जी को अपना पति मान चुकी थीं, माता पार्वती के पिता हिमनरेश हिमवान विष्णु भगवान से शादी करवाना चाहते थे, इसलिए यह बात सुनकर माता पार्वती बहुत दुखी हो गई .उन्होंने यह बात अपनी सहेलियों से कह डाली थी. यह बात जब उनकी सहेलियों को पता चला तो सहेलियों ने माता पार्वती को चुरा कर एक घने जंगल में ले गई.

सुहागिन महिलाओं के लिए खास है व्रतः घने जंगल में भगवान शिव की बालू से प्रतिमा बनाकर पति के रूप में प्राप्त करने के लिए तपस्या करने लगी. माता पार्वती की कठोर तपस्या को देखकर भगवान शिव बहुत प्रसन्न हुए और उन्हें माता पार्वती को दर्शन दिया. उन्होंने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया. तब से यह व्रत हर साल मनाया जाता है. यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्व रखता है.

Last Updated : Sep 17, 2023, 10:24 AM IST
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