ETV Bharat / state

Govardhan Puja 2023 : मसौढी में गोवर्धन पूजा महोत्सव का आयोजन, गौ संरक्षण अभियान चलाने का लिया संकल्प

author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 14, 2023, 5:16 PM IST

Etv Bharat
मसौढी में गोवर्धन पूजा महोत्सव का आयोजन

Govardhan Puja In Masaurhi: राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी के ऐतिहासिक गांधी मैदान में गोवर्धन पूजा महोत्सव का आयोजन किया गया. मसौढ़ी अनुमंडल क्षेत्र के कोने-कोने से कृष्ण भक्त इस महोत्सव में शामिल हुए. जहां वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ गोवर्धन पूजा का आयोजन हुआ.

गोवर्धन पूजा महोत्सव का आयोजन

पटना: पटना के मसौढ़ी गांधी मैदान में गोवर्धन पूजा महोत्सव का आयोजन किया गया. यहां पटना जिले के तमाम प्रखंडों से आए हुए हजारों की संख्या में गौपालकों का जुटान हुआ. इस दौरान श्रद्धालुओं ने गोवर्धन पर्वत और राधा कृष्ण की प्रतिमा बनाकर विधिवत वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ पूजा अर्चना की. मौके पर गौ संरक्षण अभियान चलाने का भी संकल्प लिया गया.

गोवर्धन पूजा की पुरानी परंपरा: गोवर्धन पूजा महोत्सव को लेकर मसौढ़ी विधायक रेखा देवी, फुलवारी विधायक गोपाल रविदास, हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज राजेंद्र प्रसाद समेत हजारों की संख्या में गौपालकों का जूटान हुआ. इस दौरान गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर भगवान श्री कृष्ण की पूजा की गई. बताया गया की गाय के गोबर में भी लक्ष्मी का निवास होता है, इसलिए सुख और समृद्धि के लिए भी गोवर्धन पूजा करने की परंपरा है. इस दिन गायों की सेवा का विशेष महत्व है.

गोवर्धन की आकृति बनाकर भगवान श्री कृष्ण की पूजा
भगवान श्री कृष्ण की पूजा

मनाया गया अन्नकूट महोत्सव: गोवर्धन पूजा के साथ-साथ अन्नकूट महोत्सव भी मनाया गया. इस बाबत खेतों में नई फसल आने के बाद 56 भोग लगाकर भगवान श्री कृष्णा को भोग लगाया गया. बताया गया कि पुराणों के मुताबिक द्वापर युग में सबसे पहले भगवान श्री कृष्ण के कहने पर ही गोवर्धन पर्वत की पूजा की गई थी. व्यवहारिक नजरिया से देखा जाए तो इस परंपरा के पीछे प्राकृतिक पूजा का संदेश छिपा हुआ है.

गोवर्धन पूजा की पौराणिक मान्यता: बताया कि द्वापर में भगवान श्री कृष्ण, माता यशोदा और नंद बाबा के साथ ब्रज में रहते थे. माना जाता है कि उस समय अच्छी बारिश के लिए सभी लोग भगवान इंद्र की पूजा करते थे. एक बार भगवान श्री कृष्ण ने तय किया कि वह इंद्र का घमंड तोड़ेंगे, श्री कृष्ण ने गांव के लोगों से कहा कि वह इंद्र की पूजा न करें बल्कि गोवर्धन पर्वत की पूजा करें. सभी ने कान्हा की बात मान ली, लेकिन ऐसा करने से इंद्रदेव गुस्सा हो गए और उन्होंने तेज बारिश शुरू कर दी.

पूजा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़
पूजा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़

भगवान कृष्ण ने उंगली पर उठाया गोवर्धन पर्वत: जिसके बाद ब्रजवासियों की रक्षा के लिए कन्हैया ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया और सभी लोग इस गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण लिए. इंद्र का क्रोध बरसता रहा भगवान मुस्कान के साथ पर्वत को अपनी उंगली पर थामें रहें. जब इंद्र को अपनी गलती समझ आ गई तब उनका क्रोध शांत हुआ. माना जाता है कि उसके बाद से ही गोवर्धन पूजा की परंपरा शुरू हुई है.

कृष्ण लीला का हुआ आयोजन: महोत्सव के दौरान स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया. वहीं देर शाम कृष्ण लीला का भी लोगों ने लुत्फ उठाया. मौके पर मौजूद मसौढी विधायक रेखा देवी ने सभी गौपालकों को सरकार से मिल रही कई सुविधाओं के बारे में चर्चा की.

"पूरे जगत के गुरु कृष्ण भगवान हैं, जिस तरह से गौपालक सूई देकर गाय से दूध निकालते हैं वह गलत चीज है. हम सब को गौ संरक्षण अभियान चलाने की जरूरत है."- राजेंद्र प्रसाद, हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज

पढ़ें: मसौढ़ी में गोवर्धन महोत्सव का हुआ आयोजन, हजारों की संख्या में उमड़े कृष्ण भक्त

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.