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सरकार का दावा: बिहार के विकास की रफ्तार 15 फीसदी, अर्थशास्त्री उठा रहे हैं सवाल

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Published : Feb 8, 2020, 10:16 AM IST

Updated : Feb 8, 2020, 11:22 AM IST

योजना विकास विभाग के सचिव मनीष वर्मा के मुताबिक बिहार का 2018-19 का सकल घरेलू उत्पाद ( जीएसडीपी) 557490 करोड़ है. जबकि विकास दर 15 फीसदी है. वहीं, देश का केवल 11.2 फीसदी होने का अनुमान है. इस आकलन को केंद्र सरकार सीएसएस के माध्यम से वेरिफिकेशन करायेगी.

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नीतीश सरकार

पटनाः बिहार सरकार का दावा है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में बिहार का विकास दर देश से अधिक होने वाला है. योजना विकास विभाग के सचिव मनीष वर्मा ने यह दावा मंत्री महेश्वर हजारी की मौजूदगी में किया. हालांकि सरकार की तरफ से किये जा रहे दावे पर अर्थशास्त्री सवाल खड़ा कर रहे हैं.

योजना विकास विभाग के सचिव मनीष वर्मा का कहना है कि बिहार में 2018-19 का सकल घरेलू उत्पाद ( जीएसडीपी) 557490 करोड़ है. इसके अनुसार विकास दर 15 फीसदी रहेगा. वहीं, देश का केवल 11.2 फीसदी होने का अनुमान है. वर्मा ने बताया कि इस आकलन का वेरिफिकेशन केंद्र सरकार सीएसएस के माध्यम करायेगी.

देखें रिपोर्ट

देश से अधिक रहेगा बिहार का ग्रोथ
बता दें कि बिहार का विकास पिछले एक दशक से डबल डिजीट में रहा है. इस साल भी सरकार सरकार कर रही है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी बिहार के विकास की रफ्तार पूरे देश में सबसे अधिक रहेगी. योजना विकास विभाग के सचिव के मुताबिक वित्तीय वर्ष में आकलन के अनुसार देश के विकास 11.2 जबिक बिहार का का 15 फीसदी रहने का अनुमान है. बिहार सरकार के दावे का केंद्र सरकार की ओर से वेरीफिकेशन करेगी जिसमें 2 साल लग जायेंगे. मनीष वर्मा का यह भी दावा है कि बिहार परकैपिटा इनकम है उसमें भी ग्रोथ देश से अधिक है.

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मनीष वर्मा ,सचिव योजना विकास विभाग

सरकार के दावे पर सवाल
बिहार सरकार के दावे पर अर्थशास्त्री एनके चौधरी सवाल ने खड़ा किया है. चौधरी के अनुसार बिहार का प्रति व्यक्ति आय कम है. शिक्षा-स्वास्थ्य की स्थिति भी बहुत बेहतर नहीं है. वहीं, दूसरी तरफ पलायन के साथ कुपोषण की भी समस्या है.

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एन के चौधरी, अर्थशास्त्री

सरकार के दावे पर 2 साल बाद लगेगी मुहर
बिहार सरकार की तरफ से केंद्र को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में डाटा उपलब्ध कराया जाता है. वहीं, वेरिफिकेशन केंद्र सरकार के सेंट्रल स्टैटिकल सर्वे (सीएसएस) की तरफ से की जाती है. इसमें कार्य में तकरीबन 2 साल लग जाते है. यानी बिहार सरकार के दावे पर 2 साल बाद ही मुहर लगेगा.

Intro:पटना-- बिहार सरकार का दावा है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में बिहार की विकास दर देश से अधिक होने वाला है। योजना विकास विभाग के सचिव मनीष वर्मा ने यह दावा मंत्री महेश्वर हजारी की मौजूदगी में करते हुए कहा बिहार का 2018- 19 का सकल घरेलू उत्पाद ( जीएसडीपी) 557490 करोड है और इसके अनुसार विकास दर 15 फ़ीसदी होता है। वही देश का केवल 11.2 फ़ीसदी होने का अनुमान है। मनीष वर्मा ने कहा कि यह आकलन है जिसका केंद्र सरकार सीएसएस के माध्यम से वेरिफिकेशन कराएगी कर आएगी।
एक रिपोर्ट---


Body: बिहार के विकास की रफ्तार देश से अधिक--
बिहार का विकास पिछले एक दशक से भी double-digit में रहा है और सरकार का दावा है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी बिहार के विकास की रफ्तार पूरे देश में सबसे अधिक होगी। योजना विकास विभाग के सचिव मनीष वर्मा की मानें तो वर्तमान वित्तीय वर्ष में जो क्विक आकलन हुआ है उसके अनुसार देश का विकास जहां 11.2 फ़ीसदी रहेगा तो वहीं बिहार का 15 फ़ीसदी होने का अनुमान है। मनीष वर्मा का यह भी कहना है कि ऐसे बिहार सरकार के दावे का केंद्र सरकार की ओर से वेरीफिकेशन होगा इसमें 2 साल लग जाएंगे। मनीष वर्मा का यह भी दावा है कि बिहार का जो परकैपिटा इनकम है उसमें भी ग्रोथ देश से अधिक है।
बाईट-- मनीष वर्मा सचिव योजना विकास विभाग
बिहार सरकार के दावे पर अर्थशास्त्री एनके चौधरी सवाल भी खड़ा कर रहे हैं । इनके चौधरी के अनुसार बिहार का प्रति व्यक्ति आय कम है और शिक्षा- स्वास्थ्य की स्थिति भी बहुत बेहतर नहीं है, पलायन भी हो रहा है, कुपोषण भी है।
बाईट--एन के चौधरी, अर्थशास्त्री


Conclusion: सरकार के दावे पर 2 साल बाद लगेगी मुहर--
बिहार सरकार की ओर से केंद्र को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में डाटा उपलब्ध कराया जाता है और उसका वेरिफिकेशन केंद्र सरकार के सेंट्रल स्टैटिकल सर्वे (सी एस एस) के द्वारा किया जाता है और इसमें करीब 2 साल लग जाता है यानी कि बिहार सरकार के दावे पर 2 साल बाद ही मुहर लगेगा।
अविनाश, पटना।
Last Updated : Feb 8, 2020, 11:22 AM IST
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