ETV Bharat / state

कोरोना ने किसानों के दर्द को किया हरा!, इस बार भी सरकार नहीं पूरा कर सकी तय किया गया लक्ष्य

author img

By

Published : Apr 20, 2020, 10:01 AM IST

धान बिक्री के लिए बिहार में तकरीबन चार लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था. इनमें से 1 लाख 46 हजार किसान ऐसे हैं, जिनका धान अभी तक नहीं बिक सका है. वहीं, सरकार भी लक्ष्य प्राप्ति से कोसो दूर है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पटना: जब जब देश में आपदा आती है, सबसे ज्यादा परेशान कोई होता है तो वो किसान. किसान जो साल भर खून पसीने से अपने खेतों को हरा-भरा करता है. ऐसे में सूखा, बाढ़ और ओलावृष्टि उनकी फसलों को चौपट करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते. इन सबसे लड़ते हुए किसान अन्न पैदा करता है.

इस बार रवि की पक कर फसल तैयार हो गई. किसान खुश थे कि अच्छे सरकारी दामों पर उनकी फसल बिकेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कोरोना नाम की महामारी ने उनके दर्द को हरा कर दिया. सभी पैक्स सेंटर बंद हैं, जहां उन्हें अपना धान बेचना था. सरकारी रेट के हिसाब से मुनाफा अच्छा मिलना था. लेकिन अब इनपर बिचौलिए अपनी नजर टिकाए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सरकार लक्ष्य से कोसों दूर
धान खरीदी के लिए सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया था. धान खरीदी बिहार सरकार ने इस बार 30 लाख टन का लक्ष्य रखा था. इसमें 17.13 लाख टन से अधिक धान की खरीद हो चुकी है. लेकिन हर बार की तरह सरकार तय किये गए लक्ष्य काफी दूर है

पांच सालों में हुई धान खरीदी
धान खरीदी पर एक नजर

नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी
धान खरीदी के लिये इस बार नियमों के तहत एक किसान अधिकतम 200 क्विंटल धान सरकारी केंद्र पर बेच सकता है. गैर रैयत किसान महज 75 क्विंटल धान बेच सकता है.

  • बिहार में 15 नवंबर से धान की खरीद शुरू की गई.
  • धान को बेचने के लिए कुल 3 लाख 97 हजार किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया.
  • 3 लाख 84 हजार किसानों के आवेदन मंजूर किए गए.
  • 21 मार्च तक 2 लाख 38 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य का लाभ लिया है.

इस हिसाब से देखा जाए तो रजिस्ट्रेशन करवा चुके किसानों में कुल 1 लाख 46 हजार किसान अभी भी अपना धान नहीं बेच पाये हैं.

पिछले पांच सालों में लभान्वित हुए किसान
पिछले पांच सालों में लभान्वित हुए किसान

कोरोना का कहर
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिये देशभर में लॉकडाउन लागू है. ऐसे में धान खरीदी के लिये सभी पैक्स सेंटर भी लॉक है. किसान धान बेच नहीं पा रहे हैं, इससे पहले लक्ष्य प्राप्ति के लिये सरकार ने 30 अप्रैल तक धान खरीदी की तारीख बढ़ा दी थी. लेकिन लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया.

'पूरा कर लेंगे लक्ष्य'
इस बाबत, सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह की माने तो सरकार ने लॉकडाउन को देखते हुए धान खरीदी की तिथि बढ़ा दी है. यह तिथि पहले 30 मार्च थी, जिसे बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दिया है. मंत्री ने भी लॉकडाउन का हवाला देते हुए लक्ष्य प्राप्ति न कर पाने की बात कही है.

बिहार में चावल का उत्पादन
बिहार में चावल का उत्पादन

'योजनाओं का मिलेगा लाभ'
धान खरीदी के लिये जब बिहार सरकार के योजना विकास मंत्री महेश्वर हजारी से बात की गई, तो उन्होंने कोरोना इफैक्ट का हवाला देते हुए कहा कि हां कोरोना की वजह से पैक्स सेंटर बंद किये गये. बिहार सरकार लक्ष्य प्राप्ति के लिये पूरी तरह ध्यान देगी. आने वाले समय में किसानों को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिलेगा.

पांच साल के आंकड़े
बात करें पिछले पांच साल के आंकड़ों की, तो इससे पहले भी बिहार सरकार अपने लक्ष्य से काफी दूर रही है. किसानों की फसल का उन्हें सही दाम नहीं दिला सकी है. ऐसे में इसबार कोरोना महामारी का हवाला देते हुए अपना पल्ला झाड़ा जा रहा है.

बिहार में धान बेचने और अपना जीवन यापन करने के लिये किसान परेशान हैं. कोरोना महामारी ने पहले ही आर्थिक रूप से इन किसानों को चोट पहुंचा दी है. ऐसे में इनका धान अगर नहीं बिका, तो ये भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.