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बच्चों को दी जानेवाली दवाइयां अस्पताल में रखे-रखे हो गई एक्सपायर, कौन है जिम्मेदार?

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Published : Nov 25, 2022, 9:10 PM IST

बच्चों को दी जानेवाली दवाइयां अस्पताल मे रखे रखे हो गई एक्सपायर
बच्चों को दी जानेवाली दवाइयां अस्पताल मे रखे रखे हो गई एक्सपायर

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव (Bihar Health Minister Tejashwi Yadav) ने कहा था कि अब सूबे में किसी भी अस्पतालों में दवाओं की कोई कमी नहीं होगी. सभी चिकित्सक नियमित रूप से अस्पताल में आयेंगे लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है. इसका जीता जागता उदाहरण धनरूआ अस्पताल (Dhanrua Hospital In Patna) है. जहां लाखों रुपये की दवाइयां रखे-रखे एक्पायर हो गई हैं. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि इन दवाइयों के खराब होने के लिए आखिर कौन जिम्मेवार है?. पढ़े पूरी खबर...

पटना: राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (National Child Health Program) के तहत स्कूली बच्चों के बीच समय-समय पर पर या परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत स्कूलों में विटामिंस, प्रोटींस एवं अन्य बीमारियों की दवाएं निशुल्क वितरण की जाती हैं. लेकिन वो दवाएं अस्पताल में रखे-रखे एक्सपायर हो (Expired Medicines Kept In Dhanrua Hospital In Patna) गई हैं. एक तरफ अस्पतालों में गरीबों को दवाइयां नहीं मिल रही हैं. वहीं, धनरूआ अस्पताल में रखे-रखे दवाई एस्पायर हो जा रही हैं. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य सुरक्षा कार्यक्रम के तहत बच्चों को स्कूलों में आंगनबाड़ियों में मुफ्त में दवाइयां वितरण किये जाने वाली दवाई अस्पताल में रखे-रखे एक्सपायर हो गई.

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धनरूआ अस्पताल में रखी दवाइयां हुई खराब : यह दवाइयां 2021 में ही एक्सपायर हो चुकी हैं. एक्सपायरी दवाओं में कई तरह की सीरप, टेबलेट, कैल्शियम की दवाएं हैं. अस्पताल में एक कमरे में छुपा कर रखा हुआ था. एकदम अंधेरे में एक कमरे में छुपा कर रखी गई दवाइयों का पर्दाफाश हुआ है. इस पूरे मामले में अस्पताल के प्रभारी ने कहा कि आरबीएसके योजना के तहत दवाइयां स्कूलों में वितरण करने के लिए आई थी और यह जिम्मेदारी आरबीएसके की है. उन्हें ही इस पर रिपोर्ट करनी चाहिए थी. अस्पताल की दवाइयों से इसका कोई लेना-देना नहीं है.

'दवाइयां सरकारी स्कूलों में वितरण करने के लिए लाई गई थी और जो बच गया था, ओपीडी के माध्यम से लोगों के बीच वितरण कर दिया जाना था. लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण यह दवाइयां रखे-रखे एक्पायरी हो गई.' - डॉ कुणाल, आरबीएस कार्यक्रम के प्रभारी

लाखों रुपए की दवा एक्सपायर : बहरहाल लाखों रुपए की एक्सपायर हो गई दवाइयों के लिए जिम्मेदार कौन है?. एक तरफ गरीबों के बीच समय पर दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं. महंगी दवाई बाजार से खरीदने को लोग विवश हैं. वहीं, धनरूआ सामुदायिक अस्पताल (Expired Medicines Kept In Dhanrua Hospital) में रखे-रखे दवाइयां एक्सपायर हो जा रही हैं. इस बारे में पूछे जाने पर अस्पताल के प्रभारी ने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है. बल्कि राष्ट्रीय बाल सुरक्षा के प्रभारी की है. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों के बीच दवाओं का वितरण किया जाता है. यह दवा अस्पताल में आई थी लेकिन यह जिम्मेवारी उनके प्रभारी की है. हमें इस बात की कोई जानकारी नहीं दी गई है कि ये दवाइयां एक्सपायर हो गई हैं.

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