जेपी और लोहिया को सिलेबस से हटाने पर शिक्षा मंत्री की सफाई, कहा-'पाठ्यक्रम में बदलाव अनुचित'

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Published : Sep 2, 2021, 5:16 PM IST

Updated : Sep 2, 2021, 6:55 PM IST

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जेपी यूनिवर्सिटी छपरा (JP University Chapra) के पाठ्यक्रम में हुए बदलाव को लेकर शिक्षा विभाग ने सफाई दी है. शिक्षा विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि जो बदलाव किया गया है वह पूरी तरह अनुचित है.

पटना: जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा (JP University Chapra) के सिलेबस से जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) और राम मनोहर लोहिया (Ram Manohar Lohia) के विचारों को हटाने पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Choudhary) ने कहा कि बिहार से जुड़े महान विभूतियों को पाठ्यक्रम से बाहर करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है. जिस पाठ्यक्रम से महान हस्तियों को बाहर किया गया है, उसे फिर से जारी रखा जाएगा.

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शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने भी संज्ञान लिया था. जेपी यूनिवर्सिटी के वीसी और रजिस्ट्रार के जवाब से शिक्षा विभाग संतुष्ट नहीं था. जिसके बाद दोनों को शिक्षा विभाग (Education Department) में जवाब देने के लिए बुलाया गया था.

विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री

''ये पूरा मामला 2018 का है, जो राजभवन से एक कमेटी बनाकर अनुशंसा की. कमेटी ने जो अनुशंसा की, उसे हुबहू लागू कर दिया गया है. जबकि इन्हें पूरी तरह जांच करने के बाद ही नया सिस्टम को लागू करना चाहिए था. सरकार इसे अनुचित मानती है, इस तरह से पाठ्यक्रम को बदलना कहीं से भी ठीक नहीं है.''- विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री

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उन्होंने कहा कि बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद की सहमति के साथ ही इसे लागू करना चाहिए था. राजभवन ने भी इसे अनुचित माना है. राज्यपाल के पटना लौटते ही इस बारे में विस्तृत विचार-विमर्श करके फैसला किया जाएगा. इस मामले से जुड़े सारे कागजातों की पड़ताल अभी तक नहीं हुई है. अन्य विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम को लेकर भी बात की जा रही है.

बता दें कि बिहार के छपरा में जयप्रकाश विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के पीजी सिलेबस से लोकनायक जयप्रकाश नारायण, राममनोहर लोहिया, एम एन राय, राममोहन राय, लोकमान्य बालगंगाधर को पाठ्यक्रम से हटा दिया गया. जिसके बाद से बिहार की सियासत भी गरमा गई है. आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) ने तो यहां तक कह दिया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भी भारत में तालिबान की तरह काम कर रहा है. सिलेबस से जेपी और लोहिया के विचारों को हटाना इसी का उदाहरण है.

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वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भी इस मामले पर कहा कि हम लोग शुरू से जो कहते आ रहे हैं, अब वह प्रमाणित भी हो रहा है. उन्होंने कहा कि जिस जेपी आंदोलन से नीतीश कुमार ने अपनी राजनीति की शुरुआत की थी, आज जयप्रकाश विश्वविद्यालय से उन्हीं के नामों को सिलेबस से गायब कर दिया है. यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है.

जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) पाठ्यक्रम से समाजवादी हस्तियों के नाम हटाने के मुद्दे पर नाराजगी जतायी थी. उन्होंने कहा कि इसकी जितनी निंदा की जाए कम है. कुलपति इसकी जांच कराएं और किसके आदेश से ये हुआ है, उस दोषी पर कठोर कार्रवाई करें. साथ ही पुनः इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए.

Last Updated :Sep 2, 2021, 6:55 PM IST
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