पटना: देश के पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद के परिवार ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया है. डॉ. राजेंद्र प्रसाद की पोती तारा सिन्हा ने कहा कि यदि सरकार उनकी मांग पर ध्यान नहीं देगी तो वो आंदोलन करेंगी.
तारा सिन्हा ने आरोप लगाया है कि केंद्र और राज्य सरकार देशरत्न राजेंद्र प्रसाद का अपमान कर रही है. उन्होंने मांग की है कि राजेंद्र प्रसाद की जयंती दिवस को राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाये. इसे लेकर उन्होंने कई बार केंद्र और राज्य सरकार को पत्र भी लिखा लेकिन मामले पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
सरकार पर उपेक्षा का आरोप
तारा सिन्हा कहती हैं कि राजेंद्र प्रसाद के समकक्ष सभी नेताओं के जन्मदिन को विशेष राष्ट्रीय दिवस का दर्जा दिया जा चुका है. फिर राजेन्द्र बाबू के साथ ऐसा क्यों? उन्होंने कहा कि हमारी मांग के बाद बिहार सरकार ने 2009 में मेधा दिवस मनाने की घोषणा तो कर दी थी. कुछ साल मनाया भी गया. लेकिन अब वो भी नहीं मनाया जाता है. ये बहुत ही दुर्भाग्य की बात है.
डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती को राष्ट्रीय दिवस घोषित करने की मांग
तारा सिन्हा ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब से केंद्र में मोदी जी की सरकार आई है, मैंने चरखा समिति की ओर से कई बार पत्र भी लिखा लेकिन मेरी बातों पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है, जबकि केंद्र में बिहार के कई कैबिनेट मंत्री भी हैं.
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आंदोलन करने की चेतावनी
उन्होंने कहा कि राजेन्द्र बाबू की आजादी की लड़ाई से लेकर संविधान निर्माण तक क्या भूमिका थी, यह सही तरीके से देशवासियों को नहीं बताया जा रहा है. राजेंद्र प्रसाद के नाम का उपयोग सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए किया गया. उन्हें वो सम्मान कभी नहीं दिया गया जिसके वो हकदार हैं. तारा सिन्हा ने साफ कहा कि जबतक केंद्र सरकार राजेन्द्र बाबू के जन्मदिन 3 दिसंबर को रास्ट्रीय दिवस घोषित नहीं करती है, हम आंदोलन जारी रखेंगे.