पटनाः बिहार में डेंगू काफी तेजी से फैल रहा है और पटना (Dengue Is Spreading Faster Than Corona In Patna) में इसकी रफ्तार काफी अधिक है. पटना में डेंगू का पॉजिटिविटी रेट 50% से अधिक (Dengue Cases Increase In Patna) है. कोरोना संक्रमण जब अपनी पिक पर था तो पटना में 100 लोगों की जांच में 33 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती थी यानी कि संक्रमण दर्द 33% था, लेकिन अभी डेंगू के 100 सैंपल की जांच में औसतन 50 से 60 रिपोर्ट पॉजिटिव मिल रहे हैं. इसी को देखते हुए डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है. प्रदेश में 4-4 विभाग मिलकर डेंगू के रोकथाम में लगे हुए हैं.
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डेंगू से अधिक संक्रमित हो रहे बच्चेः पटना में बीते 24 घंटे में 156 नए मरीज सामने आए हैं और कुल मरीजों की संख्या 3311 हो गई है इनमें 30 वर्ष से कम आयु वर्ग के मरीजों की संख्या 2200 से अधिक है. डेंगू के मामले बढ़ने के साथ-साथ बच्चों के लिए डेंगू जानलेवा साबित होता जा रहा हैं. पटना में अब तक डेंगू से 5 मरीजों की मौत हुई है, जिनमें चार 10 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चे शामिल हैं. जिसमें एक 4 माह की बच्ची और 3 स्कूली बच्चे की अक्टूबर के महीने में डेंगू से मौत हुई है. पटना में डेंगू की स्थिति यह है कि पटना के हर दूसरे घर में कोई ना कोई बुखार से पीड़ित है इनमें अधिकांश लोगों की डेंगू जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है और कई लोग अपने बुखार को डेंगू बुखार समझकर ही अपना इलाज करा रहे हैं.
पानी की कमी के कारण बढ़ता है प्लेटलेट्सः पटना की प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है. पटना के तमाम बड़े अस्पतालों में 30 फीसदी से अधिक एडमिट मरीज डेंगू बुखार से पीड़ित हैं. चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू में शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिस वजह से डिहाईड्रेशन होता है और जिस मरीज के शरीर में पानी की कमी बहुत अधिक बढ़ जाती है उसके लिए सिटी जानलेवा हो जाती है, क्योंकि पानी की कमी के कारण शरीर का प्लेटलेट्स कम हो जाता है. अगर किसी को डेंगू बुखार होता है तो उसे डरने की आवश्यकता नहीं है और डेंगू के लक्षण आने के बाद खानपान यदि सही रहता है और मरीज पूरा आराम करता है पानी प्रचुर मात्रा में पीता है तो उसे अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ता.
एंटीबायोटिक ना खाने की सलाहः बिना चिकित्सीय परामर्श के डेंगू मरीजों को एंटीबायोटिक ना खाने की सलाह दी गई है. क्योंकि एंटीबायोटिक से शरीर का प्लेटलेट्स कम होता है. डॉक्टर बुखार होने पर सिर्फ 650mg का नॉर्मल पेरासिटामोल की गोलियां खाने की सलाह दे रहे हैं. बिहार राज्य आयुष समिति के आयुष चिकित्सक डॉक्टर अजीत कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू से बचने के लिए जरूरी है कि बचाव के तमाम उपाय करें और अपने घर के आस-पास साफ-सफाई की पर्याप्त व्यवस्था रखें. बच्चों में कोई भी बीमारी से जल्दी संक्रमित होने का खतरा अधिक रहता है ऐसे में बच्चों को लेकर विशेष सावधानी बरतें और बच्चों को न्यूट्रिशस डायट का सेवन कराएं. साफ सफाई के लिए घर में डिसइनफेक्टेंट से साफ सफाई करें इसके लिए फिनाइल का इस्तेमाल कर सकते हैं और अपने मोहल्ले में नगर निगम की गाड़ियों को बुलाकर उनसे एंटी लार्वा डिसइनफेक्टेंट की फागिंग करवाएं ताकि डेंगू मच्छर का लार्वा खत्म हो जाए.
"किसी को डेंगू होता है तो उसे बेलाडोना 30 अथवा इपिटोरियम परपोरेटम 30 का दिन में चार-चार बूंद तीन बार सेवन कराएं इससे शरीर का जो दर्द और बुखार होता है वह कम होता है. इसे 7 दिन तक खिलाएं और यदि किसी को डेंगू नहीं हुआ है और अभी जिस प्रकार से डेंगू फैला हुआ है तो उससे बचाव के लिए भी 7 दिनों तक लगातार इनमें से किसी एक दवाइयों का रात में सोते समय 44 बुध का सेवन करें तो डेंगू से बचाव में मददगार होगा. डेंगू बुखार में मरीज को पपीते के पत्ते का जूस पिलाए और पपीता खिलाएं"- डॉक्टर अजीत कुमार, होम्योपैथिक चिकित्सक
प्रचुर मात्रा में पानी का सेवन करेंः डॉक्टर अजीत कुमार ने बताया कि जिस प्रकार अभी के समय डेंगू फैला हुआ है खासकर पटना में ऐसे में सभी के लिए जरूरी है कि प्रचुर मात्रा में पानी का सेवन करें ताकि शरीर में पानी का कमी ना हो. इसके साथ ही पोषण युक्त भोजन करें और गंदी जगह पर कोई भी खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचे. घर में मच्छरों को भगाने के लिए जो भी उपाय हो सकते हैं करें और सोने समय मच्छरदानी का प्रयोग करें. राज्य आयुष समिति ने सलाह दी है कि अगर बुखार रहता है तो नॉर्मल पेरासिटामोल के टेबलेट का सेवन करें और बुखार को 100 डिग्री से अधिक नहीं होने दें.