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2019 से नियुक्ति के इंतजार में बैठे हैं क्वालिफाइड STET कैंडिडेट, अब तक नहीं हुई बहाली

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Published : Apr 8, 2022, 7:13 PM IST

बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन संघ ने शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) से हाई स्कूल टीचर्स की जल्द नियुक्ति की मांग की है. दरअसल हजारों युवा हाई स्कूल टीचर्स नियुक्ति के लिए 2019 से ही इंतजार में बैठे हैं. लेकिन परीक्षा पास होने पर भी इनको नौकरी नहीं मिली.

Bihar Education Department
Bihar Education Department

पटना: बिहार में एसटीईटी हाई स्कूल टीचर्स नियुक्ति का मामला 2019 से ही अधर में लटका हुआ है. जिसे लेकर बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन संघ(Bihar Shikshak Niyojan Association) ने सरकार से जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग (Demand For STET High School Teachers Recuritment) की है. संघ के अध्यक्ष सौरव कुमार ने कहा है कि निर्णय लेने में देरी होने से एक तरफ जहां युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. वहीं दूसरी तरफ स्कूलों में शिक्षकों की कमी का अनुपात भी पूरी नहीं हो पा रहा है.

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नियुक्ति के लिए दो बार हुई परीक्षाः संघ के अध्यक्ष सौरव कुमार बताते हैं कि बिहार में एसटीईटी का आयोजन आठ साल बाद हुआ. जिसके बारे में नोटिफिकेशन 2019 में जारी किया गया. जनवरी 2020 में ऑफलाइन मोड में परीक्षा भी आयोजित हुई, लेकिन दो-तीन सेंटरों पर फर्जीवाड़े की बात सामने आने पर उसे रद्द कर दिया गया. दोबारा इस परीक्षा का आयोजन सितंबर 2020 में किया गया. तब इसे ऑनलाइन मोड में किया गया. इस परीक्षा के तहत कुल 37335 रिक्तियों को पूरा करना था. कोरोना महामारी के कारण सितंबर में इस परीक्षा को टीसीएस द्वारा कंडक्ट कराया गया.

परीक्षा के बाद सरकार द्वारा मार्च 2021 में इस परीक्षा के परिणाम को भी जारी किया गया. तब इसमें 15 में से 12 विषयों के परिणाम को जारी किया गया. इसके तहत 30332 रिक्तियों को पूर्ण किया जाना था. इसमें पेपर वन में 16068 तथा पेपर टू में 8531 यानि 24599 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए. इनकी संख्या सीट से कम थी. इसलिए सभी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति पक्की की घोषणा भी की गई.

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बिना पूर्व सूचना के संशोधनः इसी दौरान जून 2021 में यह सूचित किया गया कि पूर्व में जारी परिणाम में कुछ संशोधन होना है. बीएसइबी के पत्रांक के विपरित 'क्वालिफाइड बट नॉट इन मेरिट' और 'क्वालिफाइड इन मेरिट विथ रैंक' के साथ प्रकाशित किया गया. सौरव कुमार कहते हैं, जब एसटीईटी 2019 को क्लियर कर चुके अभ्यर्थियों ने इसका विरोध किया तो सरकार द्वारा चार सदस्यों की कमेटी गठित की गई और जून 2021 द्वारा सभी को समान रूप से नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर प्रदान किया गया. इन सारी प्रक्रिया के बाद भी प्रमाण पत्र से 'क्वालिफाइड बट नॉट इन मेरिट' नहीं हटाया गया है, तो इसमें समानता कहां से आती है? अभ्यर्थी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि जब प्रमाण पत्र की वैधता आजीवन है तो उनके फ्यूचर को कैसे 'नॉट इन मेरिट' का निर्धारण किया जा रहा है.

बता दें कि इस बात को लेकर संघ और अन्य अभ्यर्थियों द्वारा कई बार सोशल साइट्स पर आंदोलन भी किया गया. संघ से जुड़े अन्य अभ्यर्थी कहते हैं, हमारी किसी मांग पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है. जबकि सरकार ने पंचायतों में स्कूलों को उत्क्रमित, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक तो बना दिया है, लेकिन अब तक शिक्षकों को बहाल नहीं किया गया है? संघ के सदस्यों का कहना है कि हमारा संघ हमेशा शिक्षक भर्ती को लेकर अपनी आवाज को उठाता रहता है.

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