लश्कर ए तैयबा से 1.6 लाख लेकर आतंकियों ने ट्रेन में रखा था IED, धमाका होता तो मिलते करोड़ों

author img

By

Published : Jul 3, 2021, 8:26 PM IST

NIA Special PP Chhaya Mishra
एनआईए की स्पेशल पीपी छाया मिश्रा ()

सिकंदराबाद-दरभंगा स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन को धमाके में उड़ाने के लिए आतंकियों को लश्कर ए तैयबा (Lashkar e Taiba) ने 1.6 लाख रुपये एडवांस दिया था. तय प्लान के अनुसार अगर विस्फोट होता तो आतंकियों को लश्कर ए तैयबा के हैंडलर इकबाल काना से करोड़ों रुपये मिलने वाले थे.

पटना: दरभंगा पार्सल ब्लास्ट (Darbhanga Parcel Blast) केस में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. शनिवार को एनआईए (NIA) ने उत्तर प्रदेश के शामली से गिरफ्तार किए गए कफील और सलीम को एनआईए कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने कफील को 6 दिन की रिमांड पर एनआईए को सौंप दिया. वहीं, बीमार होने के चलते सलीम को 6 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया है. उसे पटना के बेऊर जेल में रखा जाएगा. यहीं उसका इलाज होगा.

यह भी पढ़ें- Darbhanga Parcel Blast: इमरान और नासिर से राज उगलवाएगी NIA, मिली 7 दिन की रिमांड

धमाका करने के लिए मिले थे 1.6 लाख
एनआईए की स्पेशल पीपी छाया मिश्रा ने बताया कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा (Lashkar e Taiba) ने इन आतंकियों को पैसे दिए थे. आतंकियों को एडवांस के रूप में 1.6 लाख रुपये दिए गए थे. धमाका होने के बाद इकबाल काना इन्हें करोड़ों रुपये देने वाला था. गौरतलब है कि इकबाल काना मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कैराना का रहने वाला है. वह पाकिस्तान में रहकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) और लश्कर-ए-तैयबा के हैंडलर के तौर पर काम करता है. एनआईए और एटीएस ने उत्तर प्रदेश के शामली से कफील और सलीम को गिरफ्तार किया था. सलीम इकबाल काना के संपर्क में था.

देखें रिपोर्ट

सलीम को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा
एनआईए की स्पेशल पीपी छाया मिश्रा ने कहा, "सलीम ने अपने स्वास्थ का हवाला देते हुए कोर्ट से रिमांड पर नहीं भेजे जाने का अनुरोध किया था. मौके पर मौजूद एनआईए ने सलीम के मेडिकल डॉक्यूमेंट कोर्ट में पेश किए. इसके बाद एनआईए कोर्ट ने उसके स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए उसे फिलहाल 6 दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है."

"दरभंगा पार्सल ब्लास्ट केस में एनआईए को काफी साक्ष्य मिले हैं. अभी जांच जारी है. सुरक्षा कारणों के चलते इन बातों का जिक्र नहीं किया जा सकता. इन दोनों आतंकियों पर भी यूएपीए एक्ट, रेलवे एक्ट और कई एक्ट लगाए गए हैं."- छाया मिश्रा, स्पेशल पीपी, एनआईए

एक गलती के चलते नहीं हुआ था धमाका
आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आकाओं के इशारे पर आतंकियों ने ट्रेन में धमाका करने की पूरी साजिश रची थी, लेकिन एक गलती के चलते विस्फोट न हो पाया था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आतंकी नासिर ने एनआईए की पूछताछ के दौरान बड़ा खुलासा किया है. आतंकियों ने नाइट्रिक एसिड और सल्फ्यूरिक एसिड की मदद से आईईडी बनाया था. प्लान था कि कपड़े के बंडल में रखे गए आईईडी में विस्फोट हो और पूरी ट्रेन में आग लग जाए.

यह भी पढ़ें- Darbhanga Parcel Blast: पूरी ट्रेन उड़ाने की थी साजिश, एक चूक से बची सैकड़ों की जान

आतंकियों ने शीशी में नाइट्रिक एसिड और सल्फ्यूरिक एसिड रखा था. दोनों एसिड के मिलने के बाद ही धमाका होना था. नाइट्रिक एसिड और सल्फ्यूरिक एसिड के पार्टिशन के बीच एक मोटी परत का कागज रखना था. दोनों एसिड पेपर को जलाता और फिर दोनों एसिड के मिलने के बाद जोरदार धमाका होता. बहरहाल, आतंकियों ने कागज की जगह हार्ड बोर्ड रख दिया. इसके चलते दोनों केमिकल के मिलने में देर हुई और चलती ट्रेन में ब्लास्ट नहीं हो सका.

शुक्रवार को भी दो संदिग्धों की हुई थी पेशी
बता दें कि 30 जून को हैदराबाद से लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में रहे दो आरोपियों को एनआईए की टीम ने गिरफ्तार किया था. आरोपी मो. इमरान मलिक और नासिर मलिक को इसके बाद पटना लाया गया था. जिसे शुक्रवार को पटना एनआईए की विशेष जज गुरुमंदिर सिंह मल्होत्रा की अदालत में पेश किया गया था. कोर्ट में पेशी के बाद दोनों को 7 दिनों की रिमांड पर भेज दिया गया है.

17 जून को हुआ था धमाका
बता दें कि 17 जून को दरभंगा स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर ट्रेन से पार्सल उतारने के क्रम में ब्लास्ट हो गया था. इसके बाद से ही हमले के आतंकी कनेक्शन को खंगाले जाने लगे थे. अब तक इस मामले में यूपी एटीएस ने शामली से दो संदिग्ध (पिता-पुत्र) को गिरफ्तार किया था. वहीं, आईएसआईएस के लिए काम करने वाले एक शख्स को तेलंगाना एटीएस ने गिरफ्तार किया था. फिलहाल एनआईए इस पूरे मामले की जांच कर रही है.

यह भी पढ़ें- Darbhanga Blast Case: क्या बिहार में एक्टिव हो गए हैं दरभंगा मॉडल के स्लीपर सेल?

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.