ETV Bharat / state

कारगिल दिवस पर शहीद विष्णु राय को देश कर रहा याद, ETV भारत भी करता है नमन

author img

By

Published : Jul 26, 2021, 6:33 AM IST

कारगिल युद्ध में सारण जिले के वीर सपूत विष्णु राय ने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए. मातृभूमि के लिए विष्णु राय ने अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया. आज उनकी यादें हैं, कारगिल दिवस पर देश उनको याद कर रहा है. पढ़ें रिपोर्ट..

कारगिल दिवस
कारगिल दिवस

पटना: आज कारगिल दिवस है. कारगिल युद्ध (Kargil War) में 26 जुलाई 1999 को भारत को विजय मिली थी. इसलिए हर साल इस दिन कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. कारगिल की दुर्गम पहाड़ियों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों के कब्जे के बाद भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय' (Operation Vijay) चलाया.

ये भी पढ़ें- Patna News: कारगिल शहीद विष्णु राय के परिवार से किए सरकारी वादे निकले हवा हवाई

80 दिनों में भारतीय सेना ने विजय हासिल की. ऑपरेशन विजय आठ मई से शुरू होकर 26 जुलाई तक चला था. जब भी कारगिल युद्ध का ज़िक्र होता है तो . उन्हीं वीर सपूतों में से एक थे सारण के विष्णु राय. महज 28 वर्ष के उम्र में देश की सीमा की सुरक्षा करते हुए सीमा में घुसे पाकिस्तानी फौज को उसके घर में खदेड़ते हुए शहीद हो गए थे.

देखें रिपोर्ट

युद्ध के दौरान मुश्किलें बहुत थीं, लेकिन वीर सपूत विष्णु राय (Martyr Vishnu Rai) अपनी पोस्ट पर डटे रहे. पाक सैनिक उंची पहाड़ियों पर चौकी बनाकर बैठा हुआ था. नीचे सैनिकों की हर हरकत पर नजर बनाए हुआ था. छोटी सी मूवमेंट पर ऊपर से फायरिंग होती थी. फिर भी जवानों ने हार नहीं मानी. 2 महीने भारतीय जवान भूखे-प्यासे जमा देने वाली सर्दी में हर मुश्किलों को झेलते हुए डटे रहे. दुश्मन की गोली का जवाब विष्णु राय देते रहे.

ये भी पढ़ें- सारण: शहीद के सम्मान में किए गए वादे आजतक नहीं हुए पूरे, परिजन सहित गांव के लोग निराश

शहीद की पत्नी सुशीला देवी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि 1999 की बातों को यादकर आज भी शरीर कांप जाता है. उन्होंने कहा कि जब मेरे पति का शव आया था, तो उस समय ना जाने कितने नेता और अधिकारी आए थे. यहां तक कि लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी भी पहुंचे थे और कई तरह की घोषणाएं करके चले गए. लेकिन, आज तक उसको अमलीजामा पहनाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.

''पटना में मकान बनाने के लिए जमीन मुहैया कराने की बात कही गई थी. बथुई गांव को शहीद विष्णु राय के नाम पर करने की घोषणा की गई थी. गांव की सड़क को पक्की करवाकर उसका नाम शहीद विष्णु राय पथ करना था. मकेर के महावीर चौक पर शहीद की प्रतिमा लगाना और चौक का नाम कारगिल चौक करना था. लेकिन, ये घोषणाएं तो केवल हवा हवाई ही निकली.''- सुशीला देवी, शहीद की पत्नी

''सरकार ने जो वादा किया गया था उसके तहत अगर मकेर चौक पर पिताजी की एक प्रतिमा लग जाती, तो आज की तारीख में जो नौजवान देश की सेवा करने के लिए तैयारी कर रहे हैं, उनको देखकर गौरवान्वित महसूस करते. सरकार के जितने भी नुमाइंदे पहुंचे थे, उनके द्वारा जो वादा किया गया था वह आज तक पूरे नहीं हो पाए हैं. ऐसे में सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है.''- रवीश राज, शहीद विष्णु राय के बेटे

ये भी पढ़ें- कारगिल के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा ने प्वाइंट 5140 जीतने के बाद कहा था- 'ये दिल मांगे मोर'

बता दें कि देशभर में 26 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान की नापाक हरकतों को खत्म करते हुए सियाचीन और द्रास सेक्टर पर अवैध कब्जे की कोशिश को नाकाम कर दिया था. हालांकि, इस लड़ाई में देश के कई वीर जवान शहीद हो गए. लेकिन इस युद्ध के 22 साल बाद भी इन जवानों के परिजनों से जो वादा किया गया था, उसे आज तक पूरा नहीं किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.