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महागठबंधन के लिए आज की रात कयामत की रात.. तो क्या टूट जाएगा कांग्रेस-आरजेडी का गठबंधन?

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Published : Oct 8, 2021, 10:19 PM IST

बिहार विधानसभा उपचुनाव में कुशेश्वरस्थान की सीट पर महागठबंधन में ठनी हुई है. आधी रात को कांग्रेस की ओर से आरजेडी को दी गई समय सीमा खत्म हो रही है. ऐसे में आज की रात महागठबंधन के लिए कयामत की रात है. पढ़ें पूरी खबर-

आरजेडी कांग्रेस में ठनी
आरजेडी कांग्रेस

पटना: बिहार में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के बीच चल रहे गठबंधन को आगे जगह मिलेगी या गठबंधन टूट जाएगा? इसके लिए 8 अक्टूबर की रात आखिरी रात है. कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने ऐलान कर दिया है कि अगर राष्ट्रीय जनता दल कुशेश्वरस्थान से अपने उम्मीदवार का नाम वापस लेती है तो यह गठबंधन बना रहेगा नहीं तो यह गठबंधन टूट जाएगा.

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बिहार में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल का गठबंधन काफी पुराना है. तमाम उठापटक के बाद भी कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल का गठबंधन बना हुआ है. 2009 में लालू यादव भले मनमोहन सरकार में शामिल नहीं हुए, 2010 में भले ही कांग्रेस और राजद बिहार में मिलकर चुनाव नहीं लड़े, लेकिन उसके बाद भी यह गठबंधन अपने वजूद के साथ खड़ा रहा. मुद्दों पर भी भेद है लेकिन भाजपा के साथ लड़ाई करने में दोनों दलों का मुद्दा एक है. 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और राजद ने मिलकर के बिहार में एक नया राजनीतिक समीकरण और जनाधार खड़ा किया था. लेकिन 2021 में 2 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में महागठबंधन अपनी अंतिम सांस ले रहा है.

कांग्रेस ने जिस तरीके से बिहार में तेवर दिखाया है और भक्त चरण दास ने जिस तरीके से अल्टीमेटम दिया है, उससे राजद के लिए यह तय करना है कि गठबंधन आगे चलाना है या फिर से तोड़ देना है. इसे तय करने के लिए 8 अक्टूबर की रात ही अंतिम रात है. उसके बाद गठबंधन के इतिहास में एक और कहानी लिख दी जाएगी. राजनीति के पन्ने में यह दर्ज हो जाएगा कि लंबे समय से चला आ रहा कांग्रेस और राजद का गठबंधन टूट गया. अब दोनों राजनीतिक दलों पर 8 अक्टूबर की रात अंतिम है 8 अक्टूबर की ही रात भारी है.

बता दें कि कुशेश्वरस्थान कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है. यहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक राम चुनाव लड़ते रहे हैं. हालांकि पिछले कई चुनावों से वे लगातार हार रहे हैं. 2020 में यह सीट के हिस्से गई थी, लेकिन इस बार आरजेडी ने अपना प्रत्याशी खड़ा कर दिया है. जिस वजह से महागठबंधन में फूट पड़ गया है और दोनों दलों ने अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. यहां 30 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे.

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