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आपका भी वही नाम है जो मेरा है.. आज कल तो सब 'नमवो रख लेता है कुमारे तक...'

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Published : Jan 3, 2022, 12:20 PM IST

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जनता दरबार

सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार में सुपौल से पहुंचे एक फरियादी सरकारी जमीन पर कब्जा करने की समस्या को लेकर पहुंचा. जहां फरियादी ने नीतीश कुमार को बताया कि जमीन पर कब्जा कर घर बनाया जा रहा है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

पटनाः आज सीएम नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) जनता दरबार में फरियादियों की शिकायतों का निपटारा कर रहे हैं. इस दौरान एक वक्त ऐसा भी आया जब नीतीश कुमार और उनके अधिकारी हंसने लगे. सुपौल जिले से एक फरियादी अपनी समस्या को लेकर पहुंचा. जब फरियादी का नाम मुख्यमंत्री ने देखा तो कहा कि, 'आपका भी नाम नीतीश कुमार है, गजबे है लोग नमवो भी रख लेते हैं सिर्फ कुमारे तक.'

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दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज गृह विभाग (Home Department ), राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Department of Revenue and Land Reforms), मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग (Excise & Prohibition Dept.), निगरानी विभाग (Vigilance Department), खान भूतत्व विभाग तथा सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित शिकायतों को सुन रहे हैं.

जनता दरबार में समस्या लेकर पहुंच रहे फरियादी.

सुपौल जिले से पहुंचे फरियादी ने कहा कि सर.. बलुआ बाजार जो कि सरकारी जमीन है, जहां बाजार लगाया जाता है. लेकिन वहां कुछ लोगों द्वारा जमीन कब्जा करके घर बनाकर रेंट पर दे दिया जा रहा है. इस समस्या को सुनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि क्या यह सभी इलाके की समस्या है? जिसपर फरियादी ने जवाब देते हुए कहा कि नहीं सर ग्रमीण इलाके की समस्या है. फरियादी ने कहा कि उस जमीन पर जीतने भी पेड़-पौधे लगे हुए हैं उसे भी काटकर घर बना दिया जा रहा है.

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मुख्यमंत्री के जनता दरबार में संबंधित विभागों के आलाधिकारी भी मौजूद हैं. सुनवाई के दौरान सीएम नीतीश लोगों की समस्याओं का ऑनस्पॉट समाधान करने की कोशिश करे रहे हैं. इस बार का जनता दरबार का कार्यक्रम मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद के ठीक बगल में बनाए गए हॉल में हो रहा है. यहां पर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं.

आपको बता दें कि जो लोग जनता दरबार में पहुंच रहे हैं उनका पहले रजिस्ट्रेशन कराया जाता है. इसके साथ ही उनका वैक्सीनेशन भी कराया जाता है. कोरोना जांच नेगेटिव आने के बाद ही उनकी जनता दरबार में एंट्री होती है. जिला प्रशासन अपने जिले से विशेष वाहन के जरिए जनता दरबार में लोगों को लाते हैं और उन्हें पहुंचाते भी हैं.

जनता दरबार के बाहर भी बड़ी संख्या में लोग इस उम्मीद से पहुंच रहे हैं कि मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात हो जाएगी. लेकिन इस बार जनता दरबार में शिकायत सुनने की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. इस कारण जनता दरबार के बाहर आए लोगों को बिना मुख्यमंत्री से मिले ही लौटना पड़ता है. आपको बता दें कि सीएम नीतीश कुमार महीने के शुरूआती तीन सोमवार को जनता दरबार में आम लोगों की समस्याएं सुनते हैं.

मुख्यमंत्री ने 5 साल बाद फिर से जनता दरबार का कार्यक्रम शुरू किया है. मुख्यमंत्री ने इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू की खराब परफॉर्मेंस के बाद फिर से जनता दरबार लगाने की घोषणा की थी. कोरोना महामारी के कारण जनता दरबार पहले शुरू नहीं हो पाया था. इसे http://cm.bihar.gov.in/live , https://www.facebook.com/iprdbihar , https://twitter.com/IPRD_Bihar और https://www.youtube.com/iprdbihar पर लाइव देखा जा सकता है

दरअसल, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते है और उनकी समस्याएं सुनते है. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती है. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guidelines in Janata Darbar) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

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