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CM नीतीश कुमार फिर से लगाएंगे 'जनता दरबार', लोगों की समस्याएं सुनेंगे

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Published : Jul 6, 2021, 2:42 PM IST

Updated : Jul 6, 2021, 8:04 PM IST

जनता दरबार
जनता दरबार

नीतीश पूर्व में भी 'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' कार्यक्रम में जनता की समस्याओं को सुनते थे और उसका समाधान भी होता था. इस जनता के दरबार में राज्य के वरिष्ठ अधिकारी भी होते थे और मुख्यमंत्री लोगों की समस्या सुनते ही उनके समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश देते थे. अब 12 जुलाई से फिर से मुख्यमंत्री जनता दरबार लगाएंगें और लोगों की समस्या सुनेंगे. पढ़ें पूरी खबर

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar)अगले सप्ताह के सोमवार यानी 12 जुलाई से फिर से जनता दरबार लगाएंगें और लोगों की समस्या सुनेंगे और उसका समाधान करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद ही उन्होंने यह घोषणा की थी कि वे फिर से जनता दरबार लगाएंगे, लेकिन कोरोना की वजह से कार्यक्रम की शुरूआत नहीं हो पाई थी. अब इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है.

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12 जुलाई से शुरू हो सकता है जनता दरबार
मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण (Chief Secretary Tripurari Sharan) ने मंगलवार को आला अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक में गृह सचिव, डीजीपी, विभागीय आला अधिकारी और सभी जिले के डीएम, एसपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे. ऐसे में अब अगले सोमवार यानी 12 तारीख से यह कार्यक्रम होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना का दौर है इसलिए आने वाले लोगों को जिला स्तर से गाड़ी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. जनता दरबार की तैयारियां बड़े पैमाने पर हो रही हैं. जनता दरबार के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद के ठीक बगल में हॉल और अन्य निर्माण किए गए हैं. जनता दरबार के लिए बड़ी संख्या में कुर्सियां भी मंगाई गई हैं.

देखें रिपोर्ट.

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जनता दरबार को लेकर बढ़ी हलचल
मुख्यमंत्री के जनता दरबार को लेकर कई महीनों से तैयारियां चल रही हैं. जनता दरबार ऐसे तो साल के शुरुआत में ही हो जाती है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण जनता दरबार शुरू नहीं हो सका था. अब जनता दरबार को लेकर फिर से हलचल बढ़ गई है. मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने उच्च स्तरीय बैठक में सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पिछले दिनों निरीक्षण कर कई निर्देश जारी किए थे.

2016 में बंद कर दिया गया था जनता दरबार बंद
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2016 में जनता दरबार बंद कर दिया था. उस समय मुख्यमंत्री ने कहा था कि लोक शिकायत अधिकार निवारण कानून के माध्यम से लोग अपनी समस्याओं का निदान कर सकते हैं. जनता दरबार की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद यह माना गया कि लोगों से मुख्यमंत्री की दूरियां बढ़ गई हैं. जिसका जदयू के रिजल्ट पर असर पड़ा है. उसी के बाद मुख्यमंत्री ने जनता दरबार शुरू करने का फैसला लिया.

Last Updated :Jul 6, 2021, 8:04 PM IST
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