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Bihar Shikshak Niyojan: शिक्षा सचिव से मिलने के बाद भी फॉर्म नहीं भरने पर शिक्षक अभ्यर्थी अडिग, कहा- 'सत्ता के नशे में सरकार'

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Published : Jun 17, 2023, 7:17 AM IST

Updated : Jun 17, 2023, 7:22 AM IST

बिहार में नियोजित शिक्षकों का विरोध
बिहार में नियोजित शिक्षकों का विरोध

बिहार में जब से नई शिक्षक नियमावली आई है, तब से शिक्षक अभ्यर्थी, नियोजित शिक्षक और सभी के संघ इसका विरोध कर रहे हैं. शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार सत्ता के नशे में चूर है और इस मुद्दे को लेकर सरकार अभ्यर्थियों और शिक्षक के किसी भी प्रतिनिधिमंडल से मिलना नहीं चाहती, हमारी बात भी नहीं सुनी जा रही. ऐसे में सरकार के सत्ता के इस नशा को प्रदेश के शिक्षक और शिक्षक अभ्यर्थी उतार फेंकेंगे.

बिहार में नियोजित शिक्षकों का विरोध

पटना: प्रदेश में बीपीएससी के माध्यम से 1.70 लाख शिक्षकों की बहाली होनी है और इसको लेकर के गुरुवार से आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, लेकिन शिक्षक बहाली को लेकर फॉर्म भरने में अभ्यर्थियों का उत्साह नजर नहीं आ रहा है. शिक्षक अभ्यर्थी शिक्षक बहाली के नियमावली के खामियों को लेकर सचिवालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन इसका कोई निदान नहीं हो रहा है.

ये भी पढ़ेंः Bihar Shikshak Niyojan: सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा शिक्षक नियुक्ति परीक्षा का मामला, STET पास अभ्यर्थी बोले- 'नहीं भरेंगे परीक्षा फॉर्म'

शिक्षा सचिव ने मामले को सरकार पर थोपाः बिहार एसटीइटी 2019 मेरिट शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक कुमार झा ने बताया कि उन लोगों ने बिहार सरकार के नए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक से मुलाकात की. उनकी ओर से बताया गया कि यह सरकार का निर्णय है और इसमें वह कुछ नहीं कर सकते और यह निर्णय शिक्षा विभाग में उनके पदभार ग्रहण करने से पहले लिया गया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश के 30675 शिक्षक अभ्यर्थी जिन्होंने एसटीइटी में मेरिट में क्वालीफाई किया वह भी तब जब 38 हजार के करीब सीटें थी. इस परीक्षा में मेरिट नन मेरिट सभी को शामिल किया जा रहा है, ऐसे में उन लोगों को समझ में नहीं आ रहा कि एसटीइटी 2019 लिया क्यों गया था.

"इसकी भी कोई गारंटी नहीं है कि बिहार सरकार फिर आगे ना कह दे कि वह बीपीएससी के भी मेरिट को नहीं मानती और दोबारा परीक्षा कराना चाहती है. इस वैकेंसी पर नियोजित शिक्षक माध्यमिक शिक्षक और शिक्षक अभ्यर्थी सभी को एक सीट पर फाइट कराया जा रहा है. ऐसे में यह शिक्षकों के सम्मान के भी खिलाफ है. सभी शिक्षक संघ इसका विरोध कर रहे हैं और सीटेट, बीटेट और एसटीइटी पास अभ्यर्थी भी इसका विरोध कर रहे हैं. ना नियोजित शिक्षक इस वैकेंसी में फॉर्म अप्लाई करेंगे ना शिक्षक अभ्यर्थी"- अभिषेक कुमार झा, प्रदेश अध्यक्ष, शिक्षक संघ

महिला अभ्यर्थियों को फार्म भरने में परेशानीः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव फॉर्म भर सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जो 9वीं पास हैं वह फॉर्म भी नहीं भर सकते हैं क्योंकि वह एलिजिबल ही नहीं है. उन्होंने कहा कि यूपी की लड़की जिसकी बिहार में शादी हो गई है और 10 वर्षों से बिहार में शादी के बाद ससुराल में रह रही है, वह इस परीक्षा में फॉर्म अप्लाई नहीं कर सकती क्योंकि उसका आवासीय उसके पिता के घर से मांगा गया है. बिहार में अन्य विभागों में नौकरी के लिए महिला का आवासीय उसके ससुराल के एड्रेस से होता है लेकिन इसमें लड़की के मायके का आवासीय मांगा जा रहा है. सामान्य तौर पर लड़की की जाति उसके पिता के घर से तय होती है.

'सत्ता के नशे में चूर है सरकार':सरकार को दी अभिषेक झा ने बताया कि इस वैकेंसी में कई खामी है और एक और खामी भी है कि अब तक 6 चरणों के शिक्षक बहाली में 5% अतिरिक्त महिलाओं को आरक्षण का लाभ दिया गया था वह इसमें नहीं मिल रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ और महिला सशक्तिकरण की बातें करते हैं वह इस वैकेंसी में कहीं नहीं दिख रहा. वैकेंसी में बहुत अधिक त्रुटियां हैं और शिक्षक अभ्यर्थियों के तमाम संघ हो या शिक्षकों के तमाम संघ, वैकेंसी जब से लाई गई है तभी से इसका विरोध कर रहे हैं. लेकिन सरकार की ओर से तमाम संघों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर वैकेंसी की खामियों को दूर करने का कोई प्रयास नहीं किया गया है. सरकार सत्ता के नशे में चूर है और अहंकार में है लेकिन शिक्षक अभ्यर्थी और प्रदेश के शिक्षक 2024 लोकसभा चुनाव और 2025 विधानसभा चुनाव में सरकार के अहंकार को तोड़ देंगे.

'बीपीएससी की शिक्षक भर्ती परीक्षा में होगी धांधली'- वहीं, शिक्षक अभ्यर्थी रूपेश कुमार ने कहा कि बीपीएससी की बहाली शुरू से विवादों में रही है और बीपीएससी का इतिहास रहा है कि परीक्षा में किस प्रकार धांधली सेटिंग हुई है. कभी लैंड फॉर जॉब का स्कीम बिहार में चलता था कि जमीन दो और नौकरी लो उसी को फिर से दोहराने की कोशिश की जा रही है. ऐसी वैकेंसी लाई गई है कि जिस में नियोजित शिक्षक बैठते हैं और क्वालीफाई कर जाते हैं तो शिक्षकों की एक सीट रिक्त ही हो जाएगी. सरकारी स्कूलों में गरीबों पिछड़ों अल्पसंख्यकों और दलितों के बच्चे पढ़ते हैं और सरकार इन बच्चों को शिक्षा से दूर रखना चाहती है इसीलिए ऐसी नियमावली लाई है कि प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षा की व्यवस्था चौपट हो जाए.

"इस नई नियमावली के तहत शिक्षकों के लिए जो वैकेंसी निकाली गई है इससे स्कूलों में शिक्षकों के कई लेयर तैयार हो जाएंगे. एक बीपीएससी पास शिक्षक होगा, एक बीपीएससी फेल शिक्षक होगा, एक बीपीएससी परीक्षा में हिस्सा नहीं लेने वाला शिक्षक होगा और पूर्व से विद्यालयों में गेस्ट फैकेल्टी, पुराने शिक्षक पहले से हैं. खामियों को लेकर शिक्षक अभ्यर्थी और माध्यमिक शिक्षक पहले से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जा चुके हैं. सरकार जानती है कि इन खामियों को देखते हुए बहाली पर रोक लग जाएगी और शिक्षक बहाली की प्रक्रिया लंबे समय के लिए लंबित हो जाएगी"- रूपेश कुमार, अभ्यर्थी

एसटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को कोर्ट के फैसले का इंतजारः इस सिलसिले में एसटीईटी 2019 उत्तीर्ण शिक्षक अभ्यर्थी अंकित ने कहा कि वह लोग शिक्षक बहाली का फॉर्म नहीं भरने जा रहे हैं. 19 जून को हाईकोर्ट खुलेगा और हाईकोर्ट में मामला दायर किया गया है. हाईकोर्ट का जो भी निर्देश होगा उसके अनुसार आगे वह लोग अपनी रणनीति तय करेंगे.

Last Updated :Jun 17, 2023, 7:22 AM IST
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