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STET अभ्यर्थियों का सवाल- कोर्ट में दर्ज है मामला, तो क्यों हो रहा दोबारा Exam?

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Published : Aug 14, 2020, 8:56 PM IST

ज्ञापन लेकर शिक्षा विभाग पहुंचे आलोक
ज्ञापन लेकर शिक्षा विभाग पहुंचे आलोक

बिहार एसटीईटी परीक्षा का आयोजन फिर से होने जा रहा है. इसको लेकर अभ्यर्थी कोरोना काल में आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए हाई कोर्ट में दायर याचिका की बात कर रहे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि जब मामला कोर्ट में है, तो फिर दोबारा परीक्षा कैसे कराई जा सकती है.

पटना: बिहार में करीब 10 साल के बाद दूसरी बार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन हुआ. जनवरी महीने में हुए इस आयोजन को लेकर भी बिहार बोर्ड सवालों के घेरे में आ गया क्योंकि परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने की खबर आई और हंगामा हुआ. पहले तो बिहार बोर्ड ने इससे इनकार किया और बाद में परीक्षा को रद्द कर दिया. अब दोबारा परीक्षा का आयोजन हो रहा है, जबकि इस मामले में अभ्यर्थी कोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं.

सुनवाई के बीच आखिर कैसे बिहार बोर्ड ने परीक्षा आयोजन करने की घोषणा कर दी, इसे लेकर अभ्यर्थी सवाल उठा रहे हैं. नए शेड्यूल के मुताबिक एसटीईटी का आयोजन सितंबर महीने में 9 सितंबर से 21 सितंबर के बीच होगा. आपको बता दें कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने एसटीईटी-2019 का आयोजन जनवरी 2020 में किया था. परीक्षा के दौरान कई जगहों पर हंगामा और प्रश्नपत्र लीक होने की खबर सामने आई थी, जिसके बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने एक जांच कमेटी का गठन किया और उसकी सिफारिशों के मुताबिक इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया.

पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट

अभ्यर्थी पहुंच रहे शिक्षा विभाग
जनवरी महीने में आयोजित एसटीईटी को लेकर कई अभ्यर्थियों ने पटना हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की है, जिन पर सुनवाई भी चल रही है. अभ्यर्थियों ने परीक्षा रद्द करने के खिलाफ भी कोर्ट में अपील की है, जिन पर फैसला आना बाकी है. लेकिन इस बीच बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने एसटीईटी की नई तारीख घोषित कर दी, जो सितंबर महीने में है. अब इसे लेकर अभ्यर्थी शिक्षा विभाग के पास पहुंच रहे हैं.

ज्ञापन लेकर शिक्षा विभाग पहुंचे आलोक
ज्ञापन लेकर शिक्षा विभाग पहुंचे आलोक

आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार- अभ्यर्थी
ऐसे ही भागलपुर के अभ्यर्थी आलोक ने बताया कि बिहार बोर्ड की भूमिका इस मामले में पूरी तरह सवालों के घेरे में है. जब जनवरी में परीक्षा में हंगामे की खबर आई तो बिहार बोर्ड ने इससे साफ इनकार किया था. बाद में दो तरह की आंसर की भी जारी की गई थी. बिहार बोर्ड परीक्षा रद्द करने को तैयार नहीं था लेकिन अब हाईकोर्ट में मामला गया, तो अचानक आनन-फानन में बिहार बोर्ड ने एक कमेटी का हवाला देते हुए परीक्षा रद्द कर दिया. मई महीने में बिहार बोर्ड ने रद्द करने की घोषणा कर दी. लेकिन जिन अभ्यर्थियों ने ईमानदारी से परीक्षा दी, उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है.

आलोक जैसे कई अभ्यर्थी कर रहे सवाल
आलोक जैसे कई अभ्यर्थी कर रहे सवाल

लाखों अभ्यर्थियों की जिंदगी का सवाल
अभ्यर्थी आलोक ने अपनी परेशानी बयां करते हुए कहा कि हमारी जिंदगी का सवाल है. परीक्षा को रद्द नहीं करते हुए सिर्फ उन परीक्षा केंद्रों पर दोबारा परीक्षा लेना चाहिए, जहां गड़बड़ी की आशंका जताई गई है. आलोक ने बताया कि इस बारे में शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया है और अब वह शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से इस बारे में बात करेंगे. अब देखना है कि इस मामले में शिक्षा विभाग क्या फैसला करता है.

आपको बता दें कि इस मामले में सैकड़ों अभ्यर्थी हर रोज ईटीवी भारत से संपर्क कर रहे हैं और अपनी परेशानी बयां कर रहे हैं क्योंकि बिहार बोर्ड के रवैया के कारण उनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है. एक तरफ मामला कोर्ट में चल रहा है, दूसरी तरफ दोबारा परीक्षा आयोजन की घोषणा से सभी अभ्यर्थी पशोपेश में हैं.

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